- फ़िल्टर करें :
- अर्थव्यवस्था
- विज्ञान-प्रौद्योगिकी
- पर्यावरण
- आंतरिक सुरक्षा
- आपदा प्रबंधन
-
प्रश्न :
प्रश्न: राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना (NCRMP) किस प्रकार तटीय राज्यों में संवेदनशीलता को कम करने में योगदान प्रदान करती है? (150 शब्द)
14 May, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 3 आपदा प्रबंधनउत्तर :
हल करने दृष्टिकोण:
- NCRMP और इसके उद्देश्यों का परिचय दीजिये।
- परियोजना द्वारा क्रियान्वित प्रमुख घटकों और रणनीतियों पर चर्चा कीजिये तथा भेद्यता को कम करने में NCRMP के प्रभाव पर प्रकाश डालिये।
- उपर्युक्त निष्कर्ष लिखिये।
परिचय:
राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना (NCRMP) चक्रवात जोखिम न्यूनीकरण को बढ़ाकर भारत के तटीय राज्यों की भेद्यता को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दो चरणों में क्रियान्वित की जाने वाली यह परियोजना चक्रवात-प्रवण क्षेत्रों में प्रमुख बुनियादी ढाँचे के निर्माण और पूर्व चेतावनी प्रणालियों में सुधार पर केंद्रित है।
NCRMP के घटक:
- प्रारंभिक चेतावनी प्रसार प्रणालियाँ (EWDS): NCRMP ने अत्याधुनिक प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियाँ स्थापित की हैं, जिनमें विश्वसनीय संचार प्रदान करने के लिये चेतावनी सायरन, उपग्रह रेडियो और जन संदेश शामिल हैं।
- ये प्रणालियाँ आपदा की स्थितियों में लास्ट-मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करती हैं, विशेष रूप से आंध्र प्रदेश, ओडिशा, गोवा, कर्नाटक और केरल में।
- बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करना: NCRMP भूमिगत विद्युत केबल बिछाने पर भी ध्यान केंद्रित करता है, जिससे चक्रवाती क्षति के प्रति महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे की संवेदनशीलता कम हो जाती है।
- उदाहरण के लिये, चक्रवातों के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये 1,387.76 किलोमीटर भूमिगत विद्युत केबल बिछाई गई है।
- चक्रवात जोखिम शमन अवसंरचना (CRMI): इस परियोजना में बहुउद्देश्यीय चक्रवात आश्रयों (MPCS), सड़कों, पुलों और लवण युक्त तटबंधों का निर्माण शामिल है, जो तटीय समुदायों की अनुकूलता को काफी हद तक बढ़ाता है।
- कुल 795 MPCS का निर्माण किया गया है, जो चक्रवातों के दौरान समुदायों के लिये सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराते हैं।
- समुदाय-आधारित आपदा जोखिम प्रबंधन: इस परियोजना में व्यापक क्षमता निर्माण पहल, प्राथमिक चिकित्सा और आश्रय प्रबंधन जैसे आपदा प्रतिक्रिया कौशल में 68,000 से अधिक सामुदायिक प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देना शामिल है।
भेद्यता न्यूनीकरण पर NCRMP का प्रभाव:
- आपदा प्रतिक्रिया समय में सुधार: उन्नत चेतावनी प्रणालियों और मौसम निगरानी स्टेशनों की स्थापना से चक्रवात के खतरों के प्रति प्रतिक्रिया समय में काफी सुधार हुआ है, जिससे तेजी से निकासी संभव हुई है तथा हताहतों की संख्या में कमी आई है।
- अनुकूल बुनियादी ढाँचे: चक्रवात आश्रयों, तटबंधों और मज़बूत बुनियादी ढाँचे ने तटीय निवासियों को सुरक्षा प्रदान की है। इससे संपत्ति के नुकसान और मानव छति को काफी हद तक कम किया जा सका है।
- समुदाय को मज़बूत बनाना: व्यापक सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रमों और आपदा प्रतिक्रिया अभ्यासों के माध्यम से, NCRMP ने स्थानीय आबादी को आपात स्थितियों के दौरान खुद को बचाने के लिये ज्ञान और उपकरणों से सशक्त बनाया है, जिससे समुदाय की अस्नुकूलता में सुधार हुआ है।
- NCRMP द्वारा मत्स्य पालन, कृषि और पर्यटन जैसे आजीविका स्रोतों को मज़बूती प्रदान की गई है, जो चक्रवाती घटनाओं से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।
- स्थिरता और रखरखाव: यह परियोजना प्रत्येक राज्य में चक्रवात आश्रय रखरखाव और प्रबंधन समितियों (CSMMC) के गठन के माध्यम से स्थिरता को बढ़ावा देती है।
- ये समितियां दीर्घकालिक रखरखाव के लिये कोष की स्थापना के माध्यम से चक्रवात आश्रयों के रखरखाव और परिचालन स्थिरता को सुनिश्चित करती हैं।
निष्कर्ष:
राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना NCRMP) ने तटीय राज्यों की संवेदनशीलता को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हालांकि, जलवायु परिवर्तन के अनुमानों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए इस परियोजना को निरंतर विकसित होते रहना चाहिए, ताकि उभरते खतरों का समाधान तथा तटीय क्षेत्रों की सहनक्षमता (resilience) को और मज़बूत बनाया जा सके।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
Print