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प्रश्न :
प्रश्न. नैतिकता के उन प्रमुख आयामों पर चर्चा कीजिये जो पेशेवर परिस्थितियों में मानव व्यवहार और नैतिक निर्णय क्षमता को प्रभावित करते हैं। (150 शब्द)
17 Apr, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- नैतिकता को परिभाषित कीजिये तथा इसके प्रमुख आयाम का संक्षेप में उल्लेख कीजिये।
- मानव व्यवहार एवं निर्णय-निर्माण को प्रभावित करने वाले नैतिकता के प्रमुख आयामों की संक्षेप में व्याख्या कीजिये तथा उदाहरण देते हुए बताइये कि नैतिक सिद्धांत किस प्रकार व्यावसायिक निर्णय-निर्माण को निर्देशित करते हैं।
- उचित निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
नैतिकता उन सिद्धांतों को संदर्भित करती है जो व्यक्तियों के व्यवहार और निर्णय-निर्माण का मार्गदर्शन करते हैं, यह निर्धारित करते हैं कि “क्या सही है और क्या गलत।” इसमें मानक नैतिकता, मेटा-एथिक्स, टेलीओलॉजी, डेऑन्टोलॉजी और एप्लाइड एथिक्स जैसे विभिन्न आयाम शामिल हैं, जो सभी पेशेवर सेटिंग्स में कार्यों का मूल्यांकन करने तथा जिम्मेदार व्यवहार को बढ़ावा देने के लिये रूपरेखा प्रदान करते हैं।
मुख्य भाग:
नैतिकता के प्रमुख आयाम:
- मानक नैतिकता: सही और गलत व्यवहार के लिये मानक स्थापित करने तथा नैतिक आचरण के लिये दिशानिर्देश प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करती है।
- उदाहरण: भारत का CAG सरकारी व्यय का निष्पक्ष ऑडिट करके नैतिक मानकों का पालन करता है तथा यह सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक धन का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाए।
- कर्त्तव्य-परायणता: परिणामों की परवाह किये बिना नैतिक कर्त्तव्यों और नियमों का पालन करने पर ज़ोर देती है।
- उदाहरण: राजनीतिक दबाव के बावजूद भी, निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिये लोक सेवक चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता (MCC) का पालन करते हैं।
- मेटा-एथिक्स: इसके तहत नैतिक सिद्धांतों की प्रकृति, उत्पत्ति एवं अर्थ का अन्वेषण किया जाता है, जैसे कि नैतिकता व्यक्तिपरक है या सार्वभौमिक, इस पर बहस और वैश्विक मानव अधिकारों के संदर्भ में चर्चा।
- उदाहरण: एक परा-नैतिक बहस यह हो सकती है कि “क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार एक सार्वभौमिक मानव अधिकार (सार्वभौमिकता) है?” या “क्या इसका महत्त्व संस्कृतियों के बीच भिन्न (सांस्कृतिक सापेक्षवाद) होता है?”
- उद्देश्यवाद (Teleology): इसमें परिणामों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, कार्यों के परिणामों के आधार पर उनकी नैतिकता का आकलन किया जाता है।
- उदाहरण: कल्याणकारी सुधारों को लागू करते समय व्यापक हित पर विचार करने वाला नीति-निर्माता।
- व्यावहारिक नैतिकता: नैतिक सिद्धांतों को वास्तविक दुनिया के मुद्दों पर लागू करता है, जिसमें व्यापार, चिकित्सा और पर्यावरण नैतिकता शामिल है।
- उदाहरण: नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिये कंपनियों द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) का अंगीकरण।
- उदाहरण: नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिये कंपनियों द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) का अंगीकरण।
व्यावसायिक सेटिंग में नैतिक निर्णय लेना:
- परिणामों और कर्त्तव्यों में संतुलन: टेलीओलोजी/उद्देश्यवाद और डेऑन्टोलॉजी/कर्त्तव्यशास्त्र पेशेवरों को उनके कार्यों के परिणामों को उनके नैतिक कर्त्तव्यों के साथ संतुलित करने में मदद करते हैं।
- लोक कल्याण सुनिश्चित करने वाले प्रशासक को प्राथमिकता दी जाती है, साथ ही कल्याणकारी कार्यक्रमों को लागू करते समय कानूनी नियमों को भी कायम रखा जाता है।
- नैतिक मानक स्थापित करना: मानक नैतिकता पेशेवरों को उनके व्यवहार में नैतिक मानकों को स्थापित करने और उनका पालन करने के लिये रूपरेखा प्रदान करती है।
- एक लोक सेवक निर्णय लेने और संसाधन आवंटन में शासन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही बनाए रखता है।
- जटिल परिदृश्यों में अनुप्रयोग: अनुप्रयुक्त नैतिकता चिकित्सा, कानून या व्यवसाय जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में नैतिक दुविधाओं को हल करने में पेशेवरों का मार्गदर्शन करती है।
- उदाहरण: हेलसिंकी घोषणा में चिकित्सा अनुसंधान के लिये नैतिक सिद्धांतों की रूपरेखा दी गई है, जिसमें मानव विषयों की सुरक्षा और अनुसंधान प्रक्रिया की अखंडता सुनिश्चित की गई है।
व्यावसायिक सेटिंग में नैतिक निर्णय लेने में चुनौतियाँ:
- परस्पर विरोधी हितधारक लाभ: प्रतिस्पर्द्धी हितों के बीच संतुलन बनाना, जैसे कि लागत में कटौती करते हुए कर्मचारी कल्याण को बनाए रखना।
- वैश्विक सांस्कृतिक विविधताएँ: विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न नैतिक मानकों की उपस्थिति, जो बहुराष्ट्रीय निगमों में एक समान नैतिक प्रथाओं को बनाए रखना जटिल बनाती है।
- पारदर्शिता बनाम गोपनीयता: पारदर्शिता सुनिश्चित करने की चुनौती, जो कभी-कभी गोपनीयता की आवश्यकता के साथ टकराव उत्पन्न कर सकती है या संगठनों को सार्वजनिक जाँच के दायरे में ला सकती है।
- अनुपालन की लागत: नैतिक प्रथाओं को लागू करना, जैसे कि ESG मानकों (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) का पालन करना, महंगा हो सकता है, विशेष रूप से सीमित संसाधनों वाले छोटे व्यवसायों के लिये।
निष्कर्ष:
जैसा कि पॉटर स्टीवर्ट ने सटीक रूप से कहा, "नैतिकता का तात्पर्य यह जानना है कि आपको क्या करने का अधिकार है और क्या करना सही है।" यह व्यवसायों के भीतर पारदर्शी आचार संहिता स्थापित करने के महत्त्व को उजागर करता है। ऐसे सिद्धांतों का पालन करके, पेशेवर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनके निर्णय न केवल कानूनी रूप से सही हों, बल्कि नैतिक रूप से भी जिम्मेदार हों।
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