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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    आपको क्या करने का अधिकार है और आपको क्या करना उचित है, के बीच के अंतर को जानना नैतिकता है।" - पॉटर स्टीवर्ट। लोक प्रशासन और निर्णय लेने के संदर्भ में इस उद्धरण के महत्त्व पर चर्चा कीजिये। (150 शब्द)

    12 Oct, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • अपने उत्तर की शुरुआत उद्धरण के संक्षिप्त परिचय के साथ कीजिये और उद्धरण का अर्थ स्पष्ट कीजिये।
    • लोक प्रशासन और निर्णय लेने के क्षेत्र में उद्धरण के महत्त्व पर चर्चा कीजिये।
    • आप एक संक्षिप्त, प्रभावशाली निष्कर्ष के साथ उत्तर को समाप्त कर सकते हैं, जो लोक प्रशासन और निर्णय लेने के संदर्भ में नैतिकता के महत्त्व को मज़बूत करता है।

    परिचय:

    पॉटर स्टीवर्ट का उद्धरण "नैतिकता का अर्थ है कि आपको क्या करने का अधिकार है और आपको क्या करना उचित है" के बीच अंतर जानना एक मौलिक सिद्धांत को समाहित करता है जो लोक प्रशासन और निर्णय लेने के क्षेत्र में अत्यधिक प्रासंगिक है। लोक प्रशासन के संदर्भ में, यह उद्धरण उन कार्यों के बीच अंतर करने के महत्त्व पर प्रकाश डालता है, जो वैधानिक रूप से स्वीकार्य हैं तथा नैतिक रूप से उचित हैं।

    निकाय:

    इसके महत्त्व पर प्रकाश डालने वाले मुख्य बिंदु:

    • जवाबदेही और उत्तरदायित्व: लोक प्रशासकों और अधिकारियों को जनता के सर्वोत्तम हितों को प्राथमिकता देनी चाहिये और सभी स्तरों पर जवाबदेही की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए,न केवल वैधता, बल्कि नैतिक उत्तरदायित्व पर भी विचार करना चाहिये।
    • लोक हित को कायम रखना: लोक प्रशासन, नागरिकों के कल्याण को प्राथमिकता देने के साथ-साथ व्यापक हितों के लिये नैतिक रूप से उचित विकल्प को चुनता है और लोक हित की सेवा करने के बारे में बताता है।
    • वैधानिक और नैतिक के बीच अंतर: यह उद्धरण वैधता और नैतिकता के बीच अंतर पर प्रकाश डालता है। वह भी इसलिये कि कोई चीज़ वैधानिक है इसका अर्थ यह नहीं है कि वह नैतिक है। लोक प्रशासकों को ऐसे निर्णय लेने का लक्ष्य रखना चाहिये जो विधिक और नैतिक दोनों मानकों के अनुरूप हों।
    • नैतिक दुविधाएँ: जटिल परिस्थितियों में लोक प्रशासकों को न केवल अपने वैधानिक अधिकार बल्कि अपने निर्णयों के नैतिक आयामों पर भी विचार करके स्टीवर्ट की सलाह पर ध्यान देना चाहिये।
    • दीर्घकालिक स्थिरता: इसमें लोक प्रशासकों के लिये नैतिक निर्णय लेने में दीर्घकालिक परिणामों को प्राथमिकता दी जाती है, जिसमें अल्पकालिक लाभ से अधिक स्थिरता, समानता और सामाजिक न्याय पर ज़ोर दिया जाता है।
    • लोक अवधारणा: सरकार और अधिकारियों में जनता का विश्वास नैतिक निर्णय लेने पर निर्भर करता है, जिसे निरंतर बनाए रखने पर सार्वजनिक क्षेत्र और उसके कर्मचारियों की प्रतिष्ठा बढ़ सकती है।

    निष्कर्ष:

    यह उद्धरण हमें यह याद दिलाता है कि लोक प्रशासन और निर्णय लेने को महज वैधता से परे होना चाहिये। सार्वजनिक क्षेत्र में निर्णयों और कार्यों को आकार देने में नैतिक विचारों को महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिये। किसी को क्या करने का अधिकार है और क्या करना उचित है, के बीच अंतर को पहचानकर, लोक प्रशासक अधिक उत्तरदायी, जवाबदेह और नैतिक रूप से सुदृढ़ शासन में योगदान दे सकते हैं, जो अंततः समाज के सर्वोत्तम हितों की सेवा कर सकते हैं।

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