इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    आप एक ऐसे ज़िले के पुलिस अधीक्षक हैं, जहाँ महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और घरेलू हिंसा सहित अपराधों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। यह ज़िला बड़ी संख्या में ऐसे प्रवासी श्रमिकों का आश्रय स्थल भी है जो अक्सर नियोक्ताओं के शोषण और दुर्व्यवहार के प्रति संवेदनशील होते हैं। संबंधित ज़िला प्रशासन के पास सीमित संसाधन होने के साथ पुलिस बल में कर्मचारियों की कमी और काम के अधिक बोझ की समस्या है। हाल ही में एक स्थानीय एनजीओ ने इस ज़िले में महिलाओं और प्रवासी श्रमिकों हेतु समर्पित हेल्पलाइन स्थापित करने के प्रस्ताव के संदर्भ में आपसे संपर्क किया है। हालाँकि इस प्रस्ताव में पुलिस बजट से धनराशि का प्रमुख हिस्सा आवंटित होना शामिल है, जिससे पुलिस बल की परिचालन क्षमताएँ भी प्रभावित हो सकती हैं।
    ऐसी स्थिति में पुलिस अधीक्षक के रूप में आपके पास कौन से विकल्प उपलब्ध हैं? प्रत्येक विकल्प के गुणों और दोषों की चर्चा करते हुए इस संदर्भ में अपनी कार्रवाई के क्रम के बारे में बताइए। (250 शब्द)

    05 May, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • इस मामले का संक्षिप्त परिचय देते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
    • इस मामले में शामिल विभिन्न हितधारकों के बारे में बताइये।
    • इस मामले में शामिल नैतिक दुविधाओं पर चर्चा कीजिये।
    • एक पुलिस अधीक्षक के रूप में अपने द्वारा उठाए जाने वाले उपलब्ध विकल्पों और कार्रवाई के तरीकों पर चर्चा कीजिये।
    • तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    इस मामले में ज़िले के पुलिस अधीक्षक को महिलाओं और प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ अपराधों में होने वाली उल्लेखनीय वृद्धि से निपटना है साथ ही संबंधित ज़िला प्रशासन के पास सीमित संसाधन होने के साथ पुलिस बल में कर्मचारियों की कमी और कार्य के अधिक बोझ की समस्या है। ऐसे में एक स्थानीय एनजीओ ने ज़िले में महिलाओं और प्रवासी श्रमिकों के लिये एक समर्पित हेल्पलाइन स्थापित करने हेतु आपसे संपर्क किया है। हालाँकि इस प्रस्ताव में पुलिस बजट से धनराशि का प्रमुख हिस्सा आवंटित होना शामिल है।

    इस मामले में शामिल विभिन्न हितधारक:

    • पुलिस अधीक्षक
    • ज़िला प्रशासन
    • पुलिस बल
    • ज़िले में महिला व प्रवासी श्रमिक
    • हेल्पलाइन का प्रस्ताव देने वाला स्थानीय एनजीओ
    • क्षेत्र के स्थानीय निवासी
    • समाज

    इस मामले में शामिल नैतिक दुविधाएँ:

    • धन की कमी बनाम प्रवासियों की सुरक्षा की आवश्यकता:
      • पुलिस बल की परिचालन क्षमताओं और महिलाओं तथा प्रवासी श्रमिकों के लिये प्रस्तावित हेल्पलाइन हेतु धन के आवंटन को संतुलित करना।
    • पुलिस बल की कमी बनाम अपराधों को रोकने की आवश्यकता:
      • संबंधित ज़िले में महिलाओं और प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
    • जवाबदेहिता बनाम धन की कमी:
      • पुलिस अधीक्षक के रूप में जवाबदेहिता के मुद्दे पर भी विचार करना आवश्यक है।
      • जनता को विश्वास होता है कि पुलिस कमजोर लोगों सहित सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
      • इसलिये पुलिस अधीक्षक के रूप में यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जनता के प्रति जवाबदेह बने रहने के साथ संसाधनों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो सके।

    पुलिस अधीक्षक के समक्ष उपलब्ध विकल्प:

    • विकल्प 1: एनजीओ के प्रस्ताव को स्वीकार करना और महिलाओं तथा प्रवासी श्रमिकों के लिये एक समर्पित हेल्पलाइन स्थापित करने हेतु पुलिस बजट से धन आवंटित करना।
      • गुण:
        • समर्पित हेल्पलाइन उन महिलाओं तथा प्रवासी श्रमिकों को तत्काल सहायता प्रदान कर सकती है जो अपराध या शोषण की शिकार हैं।
        • यह हेल्पलाइन महिलाओं के खिलाफ अपराधों तथा प्रवासी श्रमिकों के शोषण के बारे में जानकारी एकत्र करने के साधन के रूप में भी कार्य कर सकती है, जिससे पुलिस बल को समस्या वाले क्षेत्रों की पहचान करने और उनका समाधान करने में मदद मिल सकती है।
      • दोष:
        • पुलिस बजट से राशि आवंटित करने से पुलिस बल की परिचालन क्षमता प्रभावित हो सकती है, जिससे नियमित पुलिसिंग कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करना मुश्किल हो जा सकता है।
        • एक समर्पित हेल्पलाइन स्थापित करने के लिये प्रशिक्षित कर्मियों और उपकरणों सहित महत्त्वपूर्ण संसाधनों की आवश्यकता होती है। इन संसाधनों के प्रबंधन करने और लंबी अवधि में हेल्पलाइन की स्थिरता सुनिश्चित करने में चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
    • विकल्प 2: समर्पित हेल्पलाइन के लिये वैकल्पिक फंडिंग स्रोतों का पता लगाना।
      • गुण:
        • वैकल्पिक वित्तपोषण स्रोतों को खोजने से पुलिस बजट पर प्रभाव कम हो सकता है, जिससे पुलिस बल को अपनी परिचालन क्षमताओं को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
        • अन्य संगठनों या सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग करने से अपराध तथा शोषण के शिकार लोगों की सहायता करने हेतु एक स्थायी नेटवर्क बनाने में मदद मिल सकती है।
      • दोष:
        • फंडिंग के वैकल्पिक स्रोतों को खोजने में समय लग सकता है, जिससे समर्पित हेल्पलाइन के कार्यान्वयन में देरी हो सकती है।
        • अन्य संगठनों या सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग करने के लिये अतिरिक्त समन्वय और प्रबंधन प्रयासों की आवश्यकता हो सकती है, जो कि ज़िला प्रशासन के सीमित संसाधनों को देखते हुए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
    • विकल्प 3: अपराध और शोषण के मूल कारणों को दूर करने के लिये निवारक उपायों पर ध्यान देना।
      • गुण:
        • अपराध और शोषण के मूल कारणों को हल करने से दीर्घावधि में इन घटनाओं को कम करने में मदद मिल सकती है, जिससे पुलिस बल के लिये ऐसी स्थितियों का प्रबंधन करना आसान होगा।
        • जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसे निवारक उपायों को लागू करने से एक सुरक्षित और अधिक तार्किक समुदाय के विकास में मदद मिल सकती है।
      • दोष:
        • निवारक उपायों से अपराध और शोषण के पीड़ितों को तत्काल राहत नहीं मिल सकती है।
        • निवारक उपायों को लागू करने के लिये महत्त्वपूर्ण संसाधनों और अन्य संगठनों या सरकारी एजेंसियों के सहयोग की आवश्यकता हो सकती है, जो कि ज़िला प्रशासन के सीमित संसाधनों को देखते हुए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

    कार्रवाई का क्रम:

    • पुलिस अधीक्षक के रूप में सबसे पहले मैं सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने के साथ उन क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाने पर बल दूँगा।
    • इस क्रम में व्हाट्सएप ग्रुप जैसा समर्पित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाया जा सकता है।
    • यह सुनिश्चित करते हुए हेल्पलाइन हेतु पुलिस बजट से धन आवंटित करने का प्रयास करूँगा कि पुलिस बल की परिचालन क्षमताएँ अधिक प्रभावित न हों।
    • पुलिस अधीक्षक के रूप में स्थानीय एनजीओ के साथ इस तरह से कार्य करूँगा, जिससे हेल्पलाइन स्थापित करने में पुलिस बजट अधिक प्रभावित न हो।
    • ज़िले में महिलाओं तथा प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ बढ़ते अपराधों से निपटने के लिये पुलिस बल को अतिरिक्त धन प्रदान करने हेतु ज़िला प्रशासन के साथ समन्वय पर बल दूँगा।

    निष्कर्ष:

    पुलिस अधीक्षक के रूप में मैं यह सुनिश्चित करते हुए प्रस्तावित हेल्पलाइन के लिये पुलिस बजट से धन आवंटित करूँगा कि पुलिस बल की परिचालन क्षमताएँ अधिक प्रभावित न हों। इससे ज़िले में महिलाओं और प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने और पुलिस बल तथा स्थानीय समुदाय के बीच सकारात्मक संबंध बनाने में मदद मिलेगी।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2