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ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    आप एक ऐसे सूखाग्रस्त क्षेत्र के ज़िला कलेक्टर हैं जहाँ के किसान फसल की विफलता और कर्ज से पीड़ित हैं। आपको इस क्षेत्र में खाद्यान्न वितरण, ऋण माफी और रोज़गार सृजन योजनाओं जैसे राहत उपाय करने के लिये राज्य सरकार द्वारा धन आवंटित किया गया है।
    हालाँकि आपको पता चलता है कि कुछ स्थानीय राजनेता और अधिकारी इस धन को अपने व्यक्तिगत लाभ हेतु उपयोग करने में शामिल हैं। इन लोगों के द्वारा कुछ ईमानदार कर्मचारियों को धमकी दी गई है जिन्होंने इनके भ्रष्टाचार को उजागर करने की कोशिश की है।
    आपके पास इन भ्रष्ट लोगों के खिलाफ सबूत हैं लेकिन आप यह भी जानते हैं कि इनके मजबूत राजनीतिक संबंध होने के साथ इस क्षेत्र में इनका काफी प्रभाव भी है।

    प्रश्न. इस स्थिति में आप क्या करेंगे?

    10 Mar, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • इस मामले की संक्षिप्त व्याख्या करते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
    • इसमें शामिल विभिन्न हितधारकों और नैतिक मुद्दों के बारे में चर्चा कीजिये।
    • इस संदर्भ में ज़िला कलेक्टर के समक्ष उपलब्ध विभिन्न विकल्पों पर चर्चा कीजिये।
    • तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    • यह मामला ज़िला कलेक्टर को सूखाग्रस्त क्षेत्र में किसानों को राहत उपाय प्रदान करने के लिये धन आवंटित किये जाने से संबंधित है। हालाँकि इसमें कुछ स्थानीय राजनेता और अधिकारी इस धन को अपने व्यक्तिगत लाभ के लिये इस्तेमाल कर रहे हैं और ईमानदार कर्मचारियों (जिन्होंने उनके भ्रष्टाचार को उजागर करने की कोशिश की है) को धमकी भी दी गई है । ज़िला कलेक्टर के पास इन भ्रष्ट लोगों के खिलाफ सबूत होने के साथ क्षेत्र में इनके मजबूत राजनीतिक संबंधों और प्रभाव की भी जानकारी है।

    मुख्य भाग:

    • इसमें शामिल हितधारक:
      • किसान और उनके परिवार।
      • ईमानदार कर्मचारी।
      • भ्रष्ट नेता और अधिकारी।
      • राज्य और केंद्र सरकार।
      • समाज।
    • इसमें शामिल नैतिक मुद्दे:
      • भ्रष्टाचार
      • शक्ति का दुरुपयोग
      • सार्वजनिक संसाधनों का दुरुपयोग
      • लोगों के साथ विश्वासघात
    • उपलब्ध विकल्प:
      • भ्रष्टाचार पर ध्यान न दें और राहत कार्य जारी रखें: यह विकल्प अनैतिक होगा क्योंकि इसमें भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलने के साथ जनता के विश्वास की अवहेलना होगी।
        • गुण:
          • राहत के लिये सीमित संसाधनों को उन किसानों और उनके परिवारों तक पहुँचाया जा सकता है जिन्हें इसकी आवश्यकता है।
          • इससे ईमानदार कर्मचारी और ज़िला कलेक्टर नकारात्मक परिणामों से बच सकते हैं।
        • दोष:
          • इसमें भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलने के साथ जनता के विश्वास की अवहेलना होगी।
          • ऐसे में भ्रष्ट अधिकारी सार्वजनिक संसाधनों और अपनी शक्ति का दुरुपयोग करना जारी रख सकते हैं।
      • उच्च अधिकारियों को भ्रष्टाचार के बारे में सूचित करना: यह विकल्प नैतिक होगा, लेकिन इससे ईमानदार कर्मचारियों और ज़िला कलेक्टर के लिये नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।
        • गुण:
          • यह विकल्प नैतिक है और इससे भ्रष्टाचार को रोकने में मदद मिल सकती है।
          • इससे भ्रष्ट अधिकारियों को उनके कार्यों के लिये जवाबदेह ठहराया जा सकता है।
        • दोष:
          • ईमानदार कर्मचारियों और ज़िला कलेक्टर को धमकी और प्रतिशोध जैसे नकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
            • इस विकल्प में जाँच के लिये अधिक समय और संसाधन खर्च हो सकते हैं तथा इसमें सकारात्मक परिणाम नहीं भी प्राप्त हो सकते हैं क्योंकि भ्रष्ट लोग अपने मजबूत राजनीतिक संबंधों और शक्ति का दुरुपयोग कर सकते हैं।
      • भ्रष्टाचार की जाँच करना: यह विकल्प नैतिक होगा और इससे भ्रष्ट अधिकारियों की पहचान करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा इससे यह सुनिश्चित होगा कि अधिकारियों के खिलाफ उपलब्ध सबूतों से छेड़छाड़ नहीं की गई है या उनके खिलाफ कोई साजिश नहीं की गई है। हालांकि इसमें अधिक समय लगने के साथ ईमानदार कर्मचारियों और ज़िला कलेक्टर के लिये नकारात्मक परिणाम भी हो सकते हैं।
        • गुण:
          • इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि कहीं अधिकारियों के खिलाफ जानबूझकर फर्जी सबूत बनाकर उनके खिलाफ साजिश तो नहीं की गई है।
          • अगर ये दोषी पाए जाते हैं तो इससे अधिकारियों को उनके कार्यों के लिये जवाबदेह ठहराया जा सकेगा।
        • दोष:
          • इसमें जाँच में अधिक समय और संसाधन की आवश्यकता हो सकती है तथा इसमें सकारात्मक परिणाम नहीं भी प्राप्त हो सकते हैं।
      • भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना: यह विकल्प नैतिक होगा और इससे उन लोगों को मजबूत संदेश मिलेगा जो सार्वजनिक संसाधनों का दुरुपयोग करते हैं। हालाँकि इससे ईमानदार कर्मचारियों और ज़िला कलेक्टर के लिये नकारात्मक परिणामों का भी सामना करना पड़ सकता है।
        • गुण:
          • इससे भ्रष्ट अधिकारियों को उनके कार्यों के लिये जवाबदेह ठहराने के साथ यह संदेश दिया जा सकता है कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
          • इससे सार्वजनिक संसाधनों के दुरुपयोग के साथ शक्ति के दुरुपयोग को रोका जा सकता है।
        • दोष:
          • इससे ईमानदार कर्मचारियों और ज़िला कलेक्टर को धमकी और प्रतिशोध जैसे नकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
          • कानूनी कार्रवाई समय लेने वाली होने के साथ इसमें सकारात्मक परिणाम नहीं भी प्राप्त हो सकते हैं।

    निष्कर्ष:

    • इस संदर्भ में यह सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण है कि इसमें उचित प्रक्रिया का पालन करने के साथ अधिकारियों के खिलाफ कोई भी कानूनी कार्रवाई करने से पहले साक्ष्य की पूरी तरह से जाँच की गई है। यदि इसमें अधिकारी दोषी नहीं पाए जाते हैं तो इस तथ्य को स्वीकार करते हुए उनके खिलाफ साजिश की संभावना होने पर आगे की जाँच करना उचित होगा।
      • एक ज़िला कलेक्टर के रूप में मैं इस मामले की जाँच करने का विकल्प चुनूँगा। इससे मुझे भ्रष्ट अधिकारियों की पहचान करने और यह पुष्टि करने में मदद मिलेगी कि उनके खिलाफ सबूत वैध हैं। इससे यह निर्धारित करने में भी सहायता मिल सकती है कि जानबूझकर फर्जी सबूत द्वारा उनके खिलाफ कोई साजिश तो नहीं रची जा रही है।
      • अगर जाँच में भ्रष्टाचार के सबूत की पुष्टि होती है तो मैं भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकता हूँ। इससे भ्रष्टाचार करने वालों को संदेश जाने के साथ सार्वजनिक संसाधनों के दुरुपयोग और शक्ति के दुरुपयोग को रोकने में सहायता मिलेगी।
        • कुल मिलाकर भ्रष्टाचार की जाँच करना नैतिक और व्यवहार्य विकल्प है जिससे भ्रष्ट अधिकारियों की पहचान करने, उनके खिलाफ सबूतों की पुष्टि करने और उन्हें जवाबदेह ठहराने के लिये कानूनी कार्रवाई करने में मदद मिल सकती है।
        • यदि जाँच से पता चलता है कि कोई भ्रष्टाचार नहीं है तो ऐसे में यह सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण होगा कि अधिकारियों को गलत तरीके से लक्षित तो नहीं किया जा रहा है।

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