इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    आप खाद्य वितरण योजनाओं से संबंधित एक सरकारी विभाग में कनिष्ठ अधिकारी हैं। आप एक ऐसे वरिष्ठ अधिकारी के अधीन कार्य कर रहे हैं जो अपनी कार्यकुशलता और ईमानदारी के लिये लोकप्रिय है। हालाँकि एक दिन आपको कुछ ऐसे दस्तावेज़ मिलते हैं जिनसे आपको पता चलता है कि आपके वरिष्ठ अधिकारी द्वारा योजनाओं के लिये आवंटित धन का अपने निजी इस्तेमाल हेतु उपयोग किया जा रहा है। आप इस जानकारी से हैरान और भ्रमित हैं।

    इस स्थिति में आप क्या करेंगे और क्यों?

    03 Mar, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • इस मामले की संक्षिप्त व्याख्या करते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
    • इस मामले में शामिल विभिन्न हितधारकों के साथ नैतिक मुद्दों के बारे में चर्चा कीजिये।
    • कनिष्ठ अधिकारी के समक्ष उपलब्ध विभिन्न विकल्पों पर चर्चा कीजिये।
    • तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    इस मामले में खाद्य वितरण योजनाओं से संबंधित एक सरकारी विभाग में कनिष्ठ अधिकारी एक ऐसे वरिष्ठ अधिकारी के अधीन कार्य कार्यरत है जो अपनी कार्यकुशलता और ईमानदारी के लिये लोकप्रिय है। हालांकि एक दिन कनिष्ठ अधिकारी को कुछ ऐसे दस्तावेज़ मिलते हैं जिनसे पता चलता है कि वरिष्ठ अधिकारी अपने निजी इस्तेमाल के लिये योजनाओं के धन की हेराफेरी कर रहे हैं।

    मुख्य भाग:

    • शामिल हितधारक:
      • सरकारी विभाग
      • वरिष्ठ अधिकारी
      • कनिष्ठ अधिकारी
      • खाद्यान्न वितरण योजना के लाभार्थी
      • समाज
    • इसमें शामिल नैतिक मुद्दे:
      • विश्वास का उल्लंघन होना: इसमें वरिष्ठ अधिकारी द्वारा व्यक्तिगत लाभ के लिये सार्वजनिक धन का दुरूपयोग करने के माध्यम से प्रशासन पर लोगों के भरोसे को तोड़ा जाना शामिल है।
      • सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करना: वरिष्ठ अधिकारी के कार्यों में सार्वजनिक धन का दुरुपयोग शामिल है, जो कि अवैध और अनैतिक है।
      • निष्पक्षता और न्याय: सार्वजनिक धन के दुरुपयोग से समाज में निष्पक्षता और न्याय पर प्रश्नचिन्ह लगता है और ऐसे कार्यों की रिपोर्ट करने का नैतिक दायित्व इन मूल्यों को बनाए रखने की इच्छा से उत्पन्न होता है।
      • नैतिक नेतृत्व: वरिष्ठ अधिकारी के कार्य नैतिक मानकों का उल्लंघन करते हैं और संगठन की नैतिक संस्कृति को कमज़ोर कर सकते हैं।
    • कनिष्ठ अधिकारी के रूप में मेरे समक्ष उपलब्ध विकल्प:
      • रिपोर्टिंग करना: इस जानकारी को उच्च प्राधिकरण को बताना तथा उन्हें भ्रष्टाचार के सबूत उपलब्ध कराना।
        • गुण: उच्च प्राधिकरण को रिपोर्ट करने से भ्रष्टाचार उजागर होने के साथ इस संदर्भ में न्याय हो सकता है।
        • दोष: इससे वरिष्ठ अधिकारी की प्रतिष्ठा और करियर को नुकसान पहुँच सकता है जिससे मुझे उनके प्रतिशोध का सामना करना पड़ सकता है। इससे मेरे विभाग में अविश्वास और संघर्ष भी हो सकता है।
      • वरिष्ठ अधिकारी से बात करना: वरिष्ठ अधिकारी से बात कर उनसे इस भ्रष्टाचार को रोकने के लिये कहना।
        • गुण: वरिष्ठ अधिकारी से बात करने से उन्हें स्वयं से भ्रष्टाचार को रोकने का मौका मिल सकता है।
        • दोष: इसके अलावा वरिष्ठ अधिकारी इसे नजरअंदाज करने या उसे सही ठहराने के साथ मुझे धमकाने या रिश्वत देने जैसे कदम उठा सकते हैं।
          • इससे हमारे बीच के रिश्ते में तनाव पैदा हो सकता है।
      • वरिष्ठ अधिकारी को मनाने की कोशिश करना: वरिष्ठ अधिकारी के साथ बातचीत द्वारा भ्रष्टाचार को रोकने के लिये उन्हें मनाने की कोशिश की जा सकती है। विफल रहने की स्थिति में मैं इस मामले की शिकायत उच्च प्राधिकरण से करूँगा।
        • गुण: इससे वरिष्ठ अधिकारी को स्वयं से सुधार का मौका मिलेगा।
        • दोष: इससे वरिष्ठ अधिकारी को अपने गलत कार्यों से संबंधित सबूतों को मिटाने का अवसर मिल सकता है।
      • इस समस्या को नज़रअंदाज़ करना: इस समस्या को नज़रअंदाज़ करते हुए अपना कार्य जारी रखना।
        • गुण: इससे मैं परेशानी से बच सकता हूँ और यथास्थिति बनी रह सकती है।
        • दोष: लेकिन यह मुझे भ्रष्टाचार में सहभागी बनाने के साथ मेरे मूल्यों और सिद्धांतों के प्रतिकूल होगा।
          • इसके अलावा एक सिविल सेवक के रूप में इससे मेरी विश्वसनीयता और सत्यनिष्ठा भी कमजोर हो सकती है।
      • स्थानांतरण/त्यागपत्र के लिये आवेदन करना: दूसरे विभाग में स्थानांतरण या अपनी नौकरी से इस्तीफा के लिये आवेदन करना।
        • गुण: स्थानांतरण या इस्तीफा देने से मैं इस नैतिक दुविधा से पूरी तरह से बच सकता हूँ।
        • दोष: इसे कायरता या पलायनवाद एवं अपने कर्त्तव्य से भागने के रूप में भी देखा जा सकता है।

    निष्कर्ष:

    • मेरे सामने उपलब्ध सबसे नैतिक विकल्प यह होगा कि सबसे पहले अधिकारी को भ्रष्टाचार को रोकने के लिये मनाने का प्रयास किया जाए और यदि वह इससे इनकार करता है तो उच्च प्राधिकरण को इस संदर्भ में सूचित किया जाए। यह विकल्प निष्पक्षता और न्याय को बनाए रखने के नैतिक दायित्व के अनुरूप होने के साथ गलती में सुधार करने का अवसर देते हुए सार्वजनिक धन के दुरुपयोग को रोकने में प्रभावी है।
    • यदि अधिकारी इसको नहीं मानता है तो उच्च प्राधिकरण को भ्रष्टाचार की रिपोर्ट करने से सरकारी विभाग में जनता के विश्वास को बनाए रखने के साथ संगठन में नैतिक संस्कृति को बढ़ावा देने में भी मदद मिल सकती है।
      • हालांकि इस विकल्प के कुछ नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं जैसे कि वरिष्ठ अधिकारी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचना और विभाग में तनाव पैदा होना। लेकिन भ्रष्टाचार की रिपोर्ट करने के संभावित लाभ, संभावित नुकसान से कहीं अधिक हैं।
      • इसके अलावा मैं स्वयं को वरिष्ठ अधिकारी के प्रतिशोध या उत्पीड़न से बचाने के लिये कानूनी सलाह लेने जैसे उपाय कर सकता हूँ।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow