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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    आभासी मुद्राओं द्वारा प्रदत्त लाभ विवाद योग्य हो सकते हैं परंतु उनमें अंतर्निहित प्रौद्योगिकी में निश्चित रूप से उज्ज्वल संभावनाएँ समाहित हैं। विवेचना कीजिये। (150 शब्द)

    02 Feb, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकी

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • आभासी मुद्रा (वर्चुअल करेंसी) को परिभाषित कीजिये।
    • आभासी मुद्रा के गुण एवं दोषों का उल्लेख कीजिये।
    • फिर ब्लॉकचेन (Blockchain) तकनीक तथा इसके लाभों के बारे में चर्चा कीजिये।
    • शिक्षा, स्वास्थ्य, बीमा आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इसकी क्षमताओं का वर्णन कीजिये।

    आभासी मुद्रा एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है जो केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध होती है, यह भौतिक रूप में नहीं पाई जाती है। इसका संग्रहण एवं लेन-देन केवल निर्दिष्ट सॉफ्टवेयर, मोबाइल या कंप्यूटर अनुप्रयोगों या समर्पित डिजिटल वॉलेट्स के माध्यम से किया जाता है तथा लेन-देन इंटरनेट या सुरक्षित समर्पित नेटवर्क पर ही किया जाता है।

    आभासी मुद्रा से जुड़े कुछ लाभ निम्नलिखित हैं जैसे:-

    • लागत-प्रभावी: आभासी मुद्रा का वैश्विक स्तर पर एकल मूल्य होता है तथा इसके लेन-देन संबंधी शुल्क भी बहुत कम होते हैं। यह तीसरे पक्ष द्वारा सत्यापन की आवश्यकता को भी समाप्त करती हैं, जिससे लागत एवं समय की बचत होती है।
    • अवरोध-मुक्त: आभासी मुद्रा व्यापार में आने वाली बाधाओं एवं प्रतिबंधों को हटाकर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को अधिक सुगम बनाती हैं, अंतत: विभिन्न मुद्राओं में भुगतान को आसान बनाती हैं।
    • बैंकिंग व्यवस्था तथा विधिक मुद्राओं के विकल्प के रूप में: वे उपयोगकर्त्ताओं को राष्ट्रीय या निजी बैंकिंग सिस्टम के प्रत्यक्ष नियंत्रण से बाहर मुद्रा के आदान-प्रदान का एक विश्वसनीय एवं सुरक्षित साधन प्रदान करते हैं।
    • सुविधाजनक: आभासी मुद्रा का एक और लाभ इसका सुविधाजनक उपयोग है। लोगों एवं कंपनियों के बीच निधि-अंतरण आसान तथा सुरक्षित होता है।
    • धोखाधड़ी: ये डिजिटल होते हैं तथा प्रेषक द्वारा मनमाने तरीके से वापस नहीं लिये जा सकते हैं और न ही इसका प्रतिरूप बनाया जा सकता है।
    • सार्वभौमिक: ये किसी भी देश की विनिमय दरों, ब्याज दरों, लेन-देन शुल्क या अन्य शुल्कों से बाध्य नहीं होते हैं; इसलिये इन्हें बिना किसी भी समस्या के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपयोग किया जा सकता है।

    हालाँकि आभासी मुद्रा से उत्पन्न चुनौतियाँ इसके लाभों से अधिक महत्त्वपूर्ण हैं। कुछ महत्त्वपूर्ण चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं:

    • आभासी मुद्रा के मूल्यों में उतार-चढ़ाव से ग्राहकों को संभावित नुकसान हो सकता है क्योंकि इसका मूल्य काफी हद तक अनुमानों पर आधारित होता है।
    • मूल्य अस्थिरता के अलावा राष्ट्र में कई अनियंत्रित क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज हैं, जो निवेशकों के लिये बड़े खतरे उत्पन्न करते हैं।
    • आभासी मुद्रा के पकड़ में न आने वाली प्रकृति तथा उसके लेन-देन संबंधी कर के मापन का मूल्यांकन करने में कठिनाई के कारण इसका उपयोग धन शोधन, कर चोरी, आतंकी वित्तपोषण आदि को बढ़ावा प्रदान कर सकता है।
    • निवेशकों को आभासी मुद्रा से संबंधित कानूनी एवं वित्तीय जोखिम का भी सामना करना पड़ता हैं क्योंकि विभिन्न क्षेत्राधिकारों के तहत स्थापित एक्सचेंज प्लेटफार्मों की कानूनी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
    • चूँकि इसे संचालित करने के लिये कोई अधिकृत केंद्रीय एजेंसी नहीं है, इसलिये ई-वॉलेट में संग्रहीत आभासी मुद्रा का स्थायी रूप से नुकसान हो सकता है।
    • ये हैकिंग, मालवेयर हमलों, एक्सेस क्रेडेंशियल्स समझौतों, पासवर्ड चोरी आदि के कारण संभावित रूप से नुकसान के प्रति सुभेद्य होती है।

    हालाँकि इस मुद्रा में अंतर्निहित तकनीक एक वास्तविक गेम चेंजर बनने की क्षमता रखती है। इस मुद्रा में ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग होता है।

    यह एक सार्वजनिक बही-खाता है, जो लेन-देन का एक क्रमबद्ध एवं समयबद्ध रिकॉर्ड रखता है। इस प्रणाली का उपयोग पिछले लेन-देन रिकॉर्डों के दोहरीकरण एवं संशोधन से बचने के लिये किया जाता है जहाँ लेन-देन गुप्त रूप से दर्ज तथा पुष्ट किये जाते हैं। सामान्य शब्दों में यह विभिन्न पार्टियों (नोड्स) के मध्य साझा की जाने वाली घटनाओं का ब्यौरा है। अधिक महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इस तकनीक में एक बार जानकारी दर्ज होने के बाद इसे मिटाया नहीं जा सकता है।

    ब्लॉकचेन तकनीक के कई फायदे हैं, जैसे:

    • बेहतर सटीकता: ब्लॉकचेन नेटवर्क पर लेन-देन हज़ारों या लाखों कंप्यूटरों के नेटवर्क द्वारा अनुमोदित होता है। यह सत्यापन प्रक्रिया में लगभग सभी प्रकार के मानवीय हस्तक्षेपों भागीदारी को कम कर देता है, जिसके परिणामस्वरूप इसमें अल्प मानवीय त्रुटि एवं जानकारी का अधिक सटीक रिकॉर्ड होता है।
    • लागत में कमी: ब्लॉकचेन तीसरे पक्ष के सत्यापन की आवश्यकता को समाप्त कर इसकी संबद्ध लागत को कम करता हैं।
    • विकेंद्रीकरण: ब्लॉकचेन अपनी किसी भी जानकारी को केंद्रीय स्थान पर संग्रहीत नहीं करता है। इसके बजाय ब्लॉकचेन की प्रतिलिपि सभी कंप्यूटरों के नेटवर्क में फैली होती है, जिसके कारण इस तकनीक के साथ छेड़छाड़ करना अधिक कठिन हो जाता है।

    ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी विभिन्न क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है जैसे:

    • ब्लॉकचेन-संचालित स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स, जहाँ प्रत्येक जानकारी को पता लगाने योग्य तथा अपरिवर्तनीय तरीके से दर्ज किया जाता है, के माध्यम से व्यापार में आसानी, विश्वसनीयता में वृद्धि, अनुबंधों की सटीकता एवं दक्षता में वृद्धि तथा धोखाधड़ी के जोखिम में कमी, आदि को संभव बनाने में मदद मिलेगी।
    • ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी जालसाजी की जाँच करने एवं वित्तीय अवसंरचना, संपार्श्विक पहचान तथा भुगतान प्रणाली में एक बड़ा परिवर्तन लाने में मदद कर सकती है।
    • ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी संवेदनशील नैदानिक डेटा के सुरक्षित एवं विश्वसनीय भंडारण में मदद कर सकती है।
    • ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी बीमा-संबंधी दावों में धोखाधड़ी के जोखिम को कम करके इसके प्रबंधन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
    • यह प्रौद्योगिकी नियोक्ताओं द्वारा उम्मीदवारों के सत्यापन को आसान बनाने के लिये छात्रों के शैक्षणिक एवं रोज़गार के रिकॉर्ड का समयबद्ध भंडार सुनिश्चित करेगी।

    ब्लॉकचेन तकनीक के संभावित लाभों को समझने के लिये, नीति आयोग ‘IndiaChain’ एक भारतीय ब्लॉकचेन अवसंरचना नामक एक मंच का निर्माण कर रहा है।

    एक उभरती हुई महाशक्ति होने के नाते भारत को बिचौलियों के हस्तक्षेप, डेटा उल्लंघनों, भ्रष्टाचार तथा वित्तीय रिकॉर्ड से छेड़छाड़ सहित प्रमुख समस्याओं से निपटने के लिये कारगर समाधान करने की आवश्यकता है। भारत को कृषि, स्वास्थ्य सेवा, वित्तीय सेवाओं तथा रियल एस्टेट सहित अपने प्रमुख क्षेत्रों में सुधार के लिये भी एक क्रांतिकारी तकनीक की आवश्यकता है। ब्लॉकचेन तकनीक इसे प्राप्त करने में सबसे व्यवहार्य समाधान साबित हो सकती है।

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