इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    ब्रिटिश सरकार ने जिन सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक और प्रशासनिक व्यवस्थाओं में परिवर्तन करके भारत को उपनिवेश में बदला था आगे चलकर उन्हीं बदलावों ने भारत मे जन-विद्रोह की राह प्रशस्त की। टिप्पणी कीजिये।

    15 Jun, 2021 रिवीज़न टेस्ट्स इतिहास

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण-

    • भूमिका
    • भारत के प्रति अंग्रेज़ों की नीति
    • उनकी नीति किस प्रकार जन-विद्रोहों का कारण बनी
    • निष्कर्ष

    ब्रिटिश व्यापारी के रूप में भारत आये और आगे चलकर यहाँ के संसाधनों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया। इन अपार संसाधनों से ब्रिटिश साम्राज्य के अन्य उपनिवेशों को नियंत्रित करना आसान हो गया।

    क्योंकि अंग्रेज भारत को लंबे समय तक अपने नियंत्रण में रखना चाहते थे अतः आवश्यक था कि कुछ ऐसे परिवर्तन किये जाए जो अंग्रेजी नियंत्रण को भारत में मज़बूत और दीर्घकालिक बना सके। ऐसे में अंग्रेज़ों ने अनेक आर्थिक, प्रशासनिक, राजनीतिक और सामाजिक-धार्मिक नीतियों को अपनाया। किंतु यही बदलाव कालांतर में ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध हुए अनेक जन-विद्रोहों का कारण सिद्ध हुए।

    इन बदलावों तथा निहित उद्देश्यों को निम्नलिखित बिंदुओं से समझा जा सकता है:

    • ब्रिटिश सरकार द्वारा अंग्रेज़ी को सरकारी भाषा बनाने के कारण फारसी और संस्कृत को जानने वाले लोग नौकरियों से हाथ धो बैठे। फलतः इस वर्ग में असंतोष पनपा।
    • अंग्रेज़ों ने अपनी सत्ता को सशक्त करने के लिये एक ऐसी प्रशासनिक व्यवस्था की स्थापना की जो सेना और पुलिस, राजस्व विभाग, नौकरशाही एवं न्यायिक प्रणाली पर आधारित थी। इससे ब्रिटिश शासन की भारतीय उपनिवेश पर पकड़ मज़बूत हुई। किंतु यह प्रणाली सभी वर्गो के हितों को साधने में सक्षम साबित न हो सकी और भारतीयों के असंतोष का कारण बनी।
    • अंग्रेज़ों ने भारतीय उपनिवेश में अपने पैर जमाने के लिये सख़्त आर्थिक नीतियों को अपनाया जिसके तहत भू-राजस्व नीति, कृषि का वाणिज्यीकरण, अनौद्योगिकरण, रेलवे का विकास, आयात-निर्यात नीति आदि की शुरुआत की। स्थानीय स्तर पर वसूल किये गए राजस्व से अंग्रेज़ों ने अपनी प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ किया। इसी के तहत उन्होंने स्थानीय कृषकों से भारी मात्रा में जबरन राजस्व वसूलना प्रारंभ किया। जो कालांतर में कृषक असंतोष का कारण बना।
    • उन्होंने ईसाई मिशनरियों को धर्मांतरण के लिये प्रेरित किया एवं आंग्ल शिक्षा पद्धति को अपनाया। जो भारतीयों के धार्मिक विश्वास पर सीधा प्रहार था।
    • विभिन्न भू-राजस्व नीतियों एवं आदिवासी क्षेत्रों में हस्तक्षेप के कारण कृषकों एवं आदिवासियों का आर्थिक शोषण किया गया। जिसके परिणास्वरूप कृषकों एवं आदिवासियों ने विद्रोह कर दिया। नव स्थापित न्याय, नौकरशाही और राजस्व व्यवस्था को स्थानीय लोग समझ नहीं पाते थे। वहीं, अंग्रेज़ न्यायाधीश भी स्थानीय समस्याओं को नहीं समझ पाते थे, फलस्वरूप तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई जो अंतत: जन-विद्रोहों में परिणत हुई।
    • ब्रिटिश शासकों ने स्थानीय धार्मिक मान्यताओं, रूढ़ियों एवं परंपराओं को परिवर्तित करने का प्रयास किया। शोषकों ने शोषितों के धार्मिक स्थलों को भी क्षति पहुँचाईं परिणामस्वरूप तनाव की स्थिति में विरोध करने वाले व्यक्तियों ने प्रचलित धार्मिक मान्यताओं का प्रयोग किया।

    निष्कर्षतः ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत को उपनिवेश में परिवर्तित करने हेतु अपनायी गयी प्रशासनिक, आर्थिक और सामाजिक नीतियों ने ही कालांतर में उन कारकों को आधार प्रदान किया जिन्होंने कालांतर में ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध विभिन्न जन-विद्रोहों को भी जन्म दिया।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow