इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    परमाणु ऊर्जा विद्युत उत्पादन एवं आपूर्ति के क्षेत्र में अनेक चुनौतियाँ विद्यमान होने के कारण निश्चित व निर्णायक भूमिका नहीं निभा पा रहा है’ टिप्पणी करें।

    07 Jul, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • भूमिका

    • भारतीय विद्युत उत्पादन एवं आपूर्ति के क्षेत्र में चुनौतियाँ 

    • निष्कर्ष

    परमाणु ऊर्जा की भारतीय विद्युत उत्पादन एवं आपूर्ति के क्षेत्र में एक निश्चित व निर्णायक भूमिका निभा सकता है किंतु निम्न चुनौतियों उसकी राह में बाधक नज़र आती हैं-

    • खनन के कारण भू-जल में यूरेनियम संदूषण: हाल ही में, एक अध्ययन में भारत के 16 राज्यों में एक्वीफर के भू-जल में यूरेनियम संदूषण पाया गया है। जैसे- राजस्थान तथा गुजरात में अधिकांश कुओं का परीक्षण किया गया जहाँ भू-जल में यूरेनियम की मात्रा WHO की अनुशंसित सीमा से अधिक थी।
    • यूरेनियम की शुद्धता-वैश्विक तुलना में भारत पाया जाने वाला अधिकांश यूरेनियम निम्न श्रेणी का है।
    • नवीकरणीय ऊर्जा की ओर परिवर्तन: नवीरकणीय ऊर्जा को प्राय: परमाणु ईंधन से इतर एक अन्य विकल्प के तौर पर देखा जाता है।
    • परमाणु ऊर्जा विरोधी प्रदर्शन: जापान में फुकूशिमा आपदा के बाद, प्रस्तावित भारतीय परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थलों के निकट निवास करने वाले लोगों ने विरोध प्रदर्शन आरंभ हुए।
    • विदेशी अभिकर्त्ताओं के साथ समन्वय: भारत की वर्तमान विनिर्माण क्षमता लगभग700 मेगावाट PHWR के लिये आपूर्ति शृंखला को ही कवर करती है। इसके कारण विदेशी रिएक्टरों के लिये अनिवार्यत: विदेशी आपूर्तिकर्त्ताओं से समझौता करने की आवश्यकता होती है।
    • भारत में परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में उत्थान के लिये, परमाणु इंजीनियरिंग हेतु मानव संसाधन सर्वोपरि है। वर्तमान में भारत परमाणु वैज्ञानिकों तथा इंजीनियरों की कमी का सामना कर रहा है।

    उपरोक्त के अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण, प्रभावित व्यक्तियों का पुनर्वास, आरक्षित वन/बाघ अभ्यारण्य अवस्थिति, सामाजिक-राजनीतिक मुद्दे, जन सहमति आदि जैसे कारक भी देश में विद्यमान यूरेनियम और थोरियम संसाधनों के खनन और दोहन संबंधी निर्णयों को प्रभावित करते हैं।

    निष्कर्षत: परमाणु ऊर्जा के उपयोग तथा सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु- कौशल आधारित रख-रखाव, निरंतर प्रभावी सुरक्षा विनियम, अपशिष्ट प्रबंधन तथा अंतर्राष्ट्रीय अप्रसार व्यवस्था को बनाए रखने तथा सुदृढ़ करने की दिशा में प्रयास करना होगा।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow