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उत्तर प्रदेश

लखनऊ बना शून्य अपशिष्ट वाला शहर

  • 03 Jul 2025
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

लखनऊ ने शहरी अपशिष्ट प्रबंधन में एक बड़ी उपलब्धि प्राप्त की है। शहर के शिवरी संयंत्र में 700 मीट्रिक टन ताजे अपशिष्ट की प्रोसेसिंग यूनिट शुरू की गई है। इसके साथ ही लखनऊ अब प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले 2,000 मीट्रिक टन अपशिष्ट को वैज्ञानिक तरीके से प्रोसेस करता है, जिससे यह एक ‘शून्य शुद्ध अपशिष्ट शहर’ (Zero Net Waste City) बन गया है।

मुख्य बिंदु

  • शिवरी में विरासती अपशिष्ट उपचार:
    • वर्ष 2022 में, शिवरी साइट को 18.5 लाख मीट्रिक टन संचित विरासती अपशिष्ट के साथ एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा।
    • इससे निपटने के लिये, लखनऊ नगर निगम (LMC) ने 106.18 करोड़ रुपए की सुधार परियोजना शुरू की, जिसमें स्वच्छ भारत मिशन (SBM-I) के तहत 96.53 करोड़ रुपए का वित्तपोषण किया गया।
    • यह परियोजना भूमि ग्रीन एनर्जी को सौंपी गई, जिसने मार्च 2024 में कार्य शुरू किया।
  • क्रियाशील चक्रीय अर्थव्यवस्था:
    • अब तक 12.86 लाख मीट्रिक टन पुराने अपशिष्ट को अपशिष्ट-व्युत्पन्न ईंधन (RDF), जैव-मृदा और निर्माण-ग्रेड मलबे में संसाधित किया जा चुका है।
    • RDF में प्लास्टिक, कागज़ और वस्त्र जैसे गैर-पुनर्चक्रणीय सूखा अपशिष्ट शामिल होता है, इसका उच्च कैलोरी मान होता है और इसका उपयोग अपशिष्ट से ऊर्जा परियोजनाओं में विद्युत उत्पादन के लिये किया जा सकता है।
    • पुनः प्राप्त की गई 25 एकड़ भूमि को अब हरित क्षेत्रों, कंपोस्टिंग पैड और नए अपशिष्ट प्रबंधन बुनियादी ढाँचे के लिये पुनः उपयोग में लाया जा रहा है।
  • पाइपलाइन में अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र:
  • स्वच्छ भारत मिशन (SBM-I):
    • इसे 2 अक्तूबर, 2014 को पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय तथा आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया था। 
    • इसे ग्रामीण क्षेत्रों के लिये SBM-ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के लिये SBM-शहरी में भी विभाजित किया गया।
  • उद्देश्य: 
    • इसका उद्देश्य व्यक्तिगत और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करके तथा स्कूलों और आँगनवाड़ी शौचालयों में अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को लागू करके  भारत को खुले में शौच मुक्त (ODF) बनाना था।
    • किसी क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त (ODF) घोषित किया जा सकता है यदि दिन के किसी भी समय वहाँ एक भी व्यक्ति खुले में शौच करते हुए न पाया जाए।
  • SBM शहरी 2.0:
    • इसका उद्देश्य सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधाएँ, अपशिष्ट से ऊर्जा बनाने वाले संयंत्र और पुनर्चक्रण इकाइयाँ स्थापित करके "अपशिष्ट मुक्त शहर" बनाना है, जिससे शहरी क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण क्षमता में लगभग 1.06 लाख टन प्रतिदिन (TPD) की उल्लेखनीय वृद्धि होगी।


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