इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    मैक्स वेबर ने कहा था कि जिस प्रकार के नैतिक प्रतिमानों को हम व्यक्तिगत अंतरात्मा के मामलों पर लागू करते है, उस प्रकार के नैतिक प्रतिमानों को लोक प्रशासन पर लागू करना समझदारी नहीं है। इस बात को समझ लेना महत्त्वपूर्ण है, कि हो सकता है कि राज्य अधिकारी तंत्र के पास अपनी स्वयं की स्वतंत्र अधिकारीतंत्रीय नैतिकता हो। कथन का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिये।

    24 Jun, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण: 

    • भूमिका 

    • मैक्स वेबर द्वारा प्रस्तुत सिद्धांत का कथन के संदर्भ में परीक्षण 

    • निष्कर्ष

    मैम्स वेबर के अनुसार अधिकारी तंत्र विभिन्न सिद्धांतों पर आधारित लक्ष्यों का संगठन होता है जिसके पास अपनी अधिकारीतंत्रीय नैतिकता होती है यहाँ अधिकारीतंत्रीय नैतिकता से वेबर का अर्थ नियमों से आबद्ध नौकरशाही से है। ऐसी नौकरशाही के व्यवहार में निरंतरता होती है। इससे प्रशासन में भाई-भतीजावाद, शक्ति के गलत प्रयोग को रोका जा सकता है तथा प्रशासन को दक्ष, वस्तुनिष्ठ एवं पारदर्शी बनाया जा सकता है। वेबर का मानना है कि इस जिन नैतिक प्रतिमानों को व्यक्तिगत स्तर पर लागू करते है उन्हें राज्य के अधिकारी तंत्र पर लागू नहीं किया जा सकता है क्योंकि ये नैतिक प्रतिमान हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक मानदंडों से प्रभावित होते हैं जिनकी व्याख्या वस्तुनिष्ठ न होकर व्यक्तिनिष्ठ हो जाती है।

    वस्तुत: वेबर नौकरशाही के जिस मॉडल की मान्यता देता है उसमे नियमों को ही अंतिम ध्येय माना जाता है। लेकिन प्रशासन को केवल नियमों से आबद्ध ही नहीं वरन् उसे मानवीय संवेदनाओं जैसे दया, करुणा आदि नैतिकताओं से भी युक्त होना चाहिये।

    केवल नियमों को ही ध्येय मानने वाला प्रशासन पश्चिम में तो सफल हो सकता है किंतु भारत जैसे विकासशील देशों में नहीं। पश्चिम में प्रशासन ही अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लेगा लेकिन भारत जैसे विकासशील देशों में जहाँ साक्षरता का स्तर निम्न है एवं नागरिक भी उतने जागरूक नहीं है वहाँ प्रशासन को स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए कार्य करना होगा। भारत जैसे देशों में केवल अधिकारी तंत्रीय नैतिकता या नियमों से आबद्ध प्रशासन सफल नहीं हो सकता है।

    प्रशासन में अधिकारी तंत्रीय नैतिकता के साथ व्यक्तिगत नैतिकता का भी समावेशन हो तभी नौकरशाही परिवर्तन का वाहक बनेगी और लोगों का कल्याण कर पायेगी।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2