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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के विवाद निपटान तंत्र के प्रमुख बिंदुओं को रेखांकित करते हुए, भारत पर पड़ने वाले प्रभावों की चर्चा करें।

    19 May, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • भूमिका

    • WTO का विवाद निपटान तंत्र

    • भारत पर प्रभाव

    विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो विश्व व्यापार के लिये नियम बनाता है। यह विश्व का सबसे प्रमुख मौद्रिक संगठन है। संगठन अपने सदस्य देशों को जरूरत के अनुसार ऋण उपलब्ध कराता है। डब्ल्यूटीओ का मुख्यालय जेनेवा में है। विवाद निपटान तंत्र इसके विविध निकायों में से एक है।

    डब्ल्यूटीओ का विवाद निपटान तंत्र

    • डब्ल्यूटीओ की विवाद निपटान प्रणाली में किसी भी व्यापार विवाद को आरंभ में संबंधित सदस्य देशों के बीच परामर्श के माध्यम से निपटने की कोशिश की जाती है।
    • यदि यह उपाय सफल नहीं होता है तो मामला एक विवाद पैनल के पास भेज दिया है। विवाद पैनल का निर्णय अंतिम होता है, लेकिन उसके निर्णय के खिलाफ अपील अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष की जा सकती है।
    • अपीलीय प्राधिकरण द्वारा विवाद पैनल के निर्णयों की समीक्षा की जाती है और अपीलीय प्राधिकरण द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के बाद इसे अंतिम निर्णय माना जाता है और यह सदस्य देशों पर बाध्यकारी होता है।
    • डब्ल्यूटीओ प्रणाली के अनुसार अपीलीय प्राधिकरण में सात सदस्य होने चाहिये जिनकी नियुक्ति डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों के मध्य आम सहमति से की जाती है। डब्ल्यूटीओ के विवाद पैनल से किसी भी अपील को अपीलीय प्राधिकरण के सात सदस्यों में से तीन द्वारा सुना जाता है।
    • इन सदस्यों को चार वर्ष के कार्यकाल के लिये नियुक्त किया जाता है।

    भारत पर प्रभाव

    • डब्ल्यूटीओ के अपीलीय प्राधिकरण की निष्क्रियता भारत के हित में नहीं है, क्योंकि इससे भारत से जुड़े कई विवाद अनसुलझे रह जाएंगे।
    • गौरतलब है कि वर्ष 1995 से अब तक भारत कुल 54 विवादों में प्रत्यक्ष भागीदार रहा है जबकि 158 विवादों में तीसरे पक्ष के रूप में शामिल रहा है।
    • गौरतलब है कि वर्ष 1995 से अब तक भारत कुल 54 विवादों में प्रत्यक्ष भागीदार रहा है जबकि 158 विवादों में तीसरे पक्ष के रूप में शामिल रहा है।
    • वर्ष 2019 के फरवरी में अपीलीय प्राधिकरण ने भारत एवं जापान के मध्य चल रहे एक विवाद में अपीलीय के लिये कर्मचारी न उपलब्ध होने की असमर्थता व्यक्त की थी। ध्यातव्य है कि यह विवाद भारत द्वारा तो है एवं इस्पात उत्पादों के आयात पर लगाए गए कुछ सुरक्षा उपायों से संबंधित है।
    • विगत कुछ वर्षों में विश्व व्यापार संगठन में भारत के खिलाफ चार शिकायतें दर्ज कराई गई है जिनमें यह आरोप लगाया गया है कि भारत अपने चीनी और गन्ना उत्पादकों के लिये डब्ल्यूटीओ के नियमों के दायरे से बाहर जाकर समर्थन जुटाने के उपाय कर रहा है।

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