इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    ‘मैडेन-जूलियन दोलन परिघटना’ क्या है तथा भारतीय मानसून को यह किस प्रकार प्रभावित करती है? (200 शब्द)

    12 Nov, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल

    उत्तर :

    प्रश्न विच्छेद

    • मैडेन जूलियन दोलन के भारतीय मानसून पर प्रभाव की चर्चा करनी है।

    हल करने का दृष्टिकोण

    • मैडेन जूलियन दोलन परिघटना का सामान्य परिचय दीजिये।

    • MJO के भारतीय मानसून पर प्रभाव की चर्चा कीजिये।

    मैडेन जूलियन दोलन (MJO) उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में वायुमंडल-सागर युग्म की एक महत्त्वपूर्ण परिघटना होती है। यह भूमध्य रेखा के आसपास बारिश के लिये उत्तरदायी होती है।

    • यह 4 से 8 मीटर प्रति सेकेंड की गति से पूर्व दिशा में बढ़ती है।
    • इसकी अवधि आमतौर पर 30 से 60 दिनों की होती है।
    • MJO की पहचान 1971 में रोलैंड मैडेन और पॉल जूलियन ने की थी।
    • समुद्र में होने वाली कुछ मौसमी घटनाएँ जिनमें मैडेन जूलियन ऑसीलेशन (MJO) भी शामिल है, दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिये ज़िम्मेदार होती हैं।
    • दक्षिण-पश्चिम मानसून के बनने में इसकी अहम भूमिका होती है।
    • MJO में दो चरण होते हैं- एक बढ़ी हुई वर्षा चरण होता है और दूसरा, दबाने वाला वर्षा चरण होता है।
    • प्राय: यह पृथ्वी को दो हिस्सों में बाँट देता है, जहाँ यह सक्रिय होता है वहाँ बारिश कराता है तथा जहाँ यह निष्क्रिय होता है वहाँ औसत से कम वर्षा होती है।

    भारतीय मानसून पर प्रभाव

    • दक्षिण पश्चिम मानसून के समय MJO के सक्रिय होने से भारतीय मानसून से अच्छी बारिश प्राप्त होती है।
    • यह ला-निना से मिलकर बारिश को बढ़ा देता है। दूसरी ओर यह अल नीनो के प्रभाव को भी खत्म करने की क्षमता रखता है।
    • इसके विपरीत दबाने वाले संवहनी चरण मानसून को निष्प्रभावी कर देता है, परिणामस्वरूप भारतीय मानसून से पर्याप्त वर्षा प्राप्त नहीं हो पाती है।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow