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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    भारत-भूटान संबंधों का महत्त्व भारत के लिये भू-राजनीतिक, भू-सामरिक के अलावा भू-आर्थिक भी है। टिप्पणी कीजिये।

    13 Sep, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण

    • भूमिका में भारत और भूटान के सदाबहार संबंधों को संक्षेप में लिखिये।

    • भूटान भारत के लिये राजनीतिक, सामरिक और आर्थिक दृष्टि से किस प्रकार महत्त्वपूर्ण है, चर्चा कीजिये।

    • अंततः सारगर्भित निष्कर्ष लिखिये।

    भूटान दक्षिण एशिया का सबसे छोटा देश है और एकमात्र राष्ट्र है जिसका चीन के साथ कोई कूटनीतिक संबंध नहीं है। भूटान के साथ सदियों से भारत के मधुर संबंध रहे हैं और यह भारत का करीबी सहयोगी रहा है तथा पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में काफी प्रगति हुई है। पड़ोसी देशों में भारत सर्वाधिक सहायता भूटान को देता है तथा भूटान के व्यापार का 90 प्रतिशत भाग भारत से संचालित होता है। अतः भारत-भूटान संबंध विश्वास एवं सहयोग के आधार पर संचालित हैं।

    दुनिया के 52 देशों और यूरोपीय संघ के साथ भूटान के राजनयिक संबंध हैं। वर्ष 1971 के बाद से ही भूटान संयुक्त राष्ट्र का सदस्य है। अतः संयुक्त राष्ट्र के मंच पर भूटान का समर्थन संयुक्त राष्ट्र में भारत की दावेदारी मज़बूत कर सकता है। इसके साथ ही बिम्सटेक, विश्व बैंक और IMF का सदस्य होने के कारण भूटान इन मंचों पर भी भारत का सहयोग कर सकता है। इस प्रकार भू-राजनीतिक दृष्टि से नेपाल भारत के लिये महत्त्वपूर्ण है।

    यदि नेपाल के साथ भू-सामरिक संबंधों की बात की जाए तो भारत की उत्तरी प्रतिरक्षा व्यवस्था में भूटान को Achilles Heel की संज्ञा दी जाती है। यह भारत की सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज़ से बेहद संवेदनशील क्षेत्र है। भूटान चीन से अपना लगभग 470 किमी. लंबा बॉर्डर साझा करता है। ऐसे में चीन के विस्तारवादी रुख के मद्देनज़र भूटान की सीमाओं को सुरक्षित रखना ज़रूरी है क्योंकि इससे न केवल भूटान को बल्कि उत्तरी बंगाल, असम और अरुणाचल प्रदेश को भी खतरा हो सकता है।

    भूटान, भारत के लिये आर्थिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है चूँकि भूटान जल संसाधनों की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। अतः भारत जल विद्युत् परियोजनाओं के संदर्भ में भूटान की मदद कर सकता है तथा अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को भी मितव्ययी तरीके से सुनिश्चित कर सकता है। इसके अतिरिक्त भारत, भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार भी है।

    निष्कर्षतः भारत तथा भूटान के बीच आपसी संबंध कई दशकों से मधुर रहे हैं। यहाँ तक कि भूटान और भारत दोनों देशों की सुरक्षा एक-दूसरे के साथ जुड़ी हुई है। भारत ने भूटान की जनता की आकांक्षाओं को समझा है तथा उसे हर संभव मदद देने के लिये तत्पर रहा है। हिमालय की गोद में बैठे इस खूबसूरत देश के लिये यह बड़ी बात है कि चीन की विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ भारत भूटान के साथ सदैव खड़ा है। भारत के लिये यह ज़रूरी भी है कि वह अपने सामरिक हितों की रक्षा के लिये भूटान की मदद करता रहे।

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