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शून्य खुराक बच्चों की संख्या में 43% की कमी

  • 28 Jul 2025
  • 15 min read

स्रोत: DD

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने वर्ष 2023 में 16 लाख शून्य-खुराक (Zero-Dose) बच्चों की संख्या को घटाकर वर्ष 2024 में 9 लाख कर दिया है। यह प्रगति दक्षिण एशिया में अब तक की सबसे उच्च टीकाकरण कवरेज हासिल करने में भारत की प्रमुख भूमिका को दर्शाती है।

  • शून्य खुराक वाले बच्चे वे हैं जिन्हें DTP (डिप्थीरिया, टेटनस, पर्टुसिस) टीके की पहली खुराक भी नहीं मिली है, जिसका अर्थ है कि ये बच्चे नियमित टीकाकरण सेवाओं की पहुँच से पूरी तरह बाहर रह जाते हैं।
  • वर्ष 2024 में दक्षिण एशिया में 92% शिशुओं ने डिप्थीरिया, टेटनस, पर्टुसिस (DTP) वैक्सीन की तीसरी खुराक प्राप्त की,  जो अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है और वर्ष 2023 की तुलना में 2% अधिक है। फिर भी क्षेत्र में अब भी 29 मिलियन से अधिक बच्चे ऐसे हैं जो या तो पूरी तरह से टीकाकरण से वंचित हैं या आंशिक रूप से टीकाकृत हैं। 
  • भारत का टीकाकरण अभियान: भारत को वर्ष 2024 में उसके उत्कृष्ट टीकाकरण नेतृत्व के लिये खसरा और रूबेला चैंपियन अवार्ड (Measles and Rubella Champion Award) से सम्मानित किया गया।
    • शून्य-खुराक कार्यान्वयन योजना 2024 (Zero Dose Implementation Plan 2024) का उद्देश्य ऐसे बच्चों का टीकाकरण करना है जो अब तक किसी भी प्रकार की टीका-खुराक से वंचित रहे हैं। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप भारत में शून्य-खुराक बच्चों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई है वर्ष 2023 में यह आँकड़ा 0.11% था, जो वर्ष 2024 में घटकर 0.06% रह गया है।
    • मिशन इन्द्रधनुष (2014 से) के तहत 5.46 करोड़ बच्चों और 1.32 करोड़ गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है, जो पहले टीकाकरण से वंचित थीं या जिनका टीकाकरण कम हुआ था।
    • Through National Vaccination Day (16th March), India has maintained polio-free status since 2014.
    • राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (16 मार्च) तक भारत ने वर्ष 2014 से पोलियो-मुक्त स्थिति बनाए रखी है।

और पढ़ें: विश्व टीकाकरण दिवस 2024

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