इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    REDD तथा REDD+ में अंतर बताते हुए इसके लाभ बताएँ। REDD+ पर भारत की स्थिति और पहल भी स्पष्ट करें।(250 शब्द)

    19 Mar, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 पर्यावरण

    उत्तर :

    भूमिका – REDD+ हेतु वारसा फ्रेमवर्क के अंतर्गत निर्वनीकरण (Deforestation) एवं वन निम्नीकरण (Forest Degradation) पर नियंत्रण द्वारा उत्सर्जन में कमी का रास्ता निकालने के निर्णय पर कई सरकारें सहमत हुईं । वनों की कटाई (Deforestation) द्वारा लगभग 17% कार्बन डाइऑक्साइड गैस वातावरण में निर्मुक्त होती है। अत: इस निर्णय द्वारा वन संरक्षण एवं वनों के संपोषणीय उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही वनों में एवं उसके आस-पास रहने वाले लोगों को भी लाभ प्राप्त होगा। यह एक परिणाम आधारित भुगतान है जो विकासशील देशों को उनके द्वारा वन संरक्षण के प्रदर्शन पर दिया जाता है।

    REDD और REDD + में मुख्य अंतर -

    • REDD जहाँ सिर्फ विकासशील देशों द्वारा उनके वन संसाधनों के बेहतर प्रबंधन एवं बचाव करने हेतु प्रोत्साहन राशि तक सीमित है वहीं REDD + न सिर्फ निर्वनीकरण एवं वन निम्नीकरण को देखता है बल्कि वनों के संरक्षण, संपोषणीय प्रबंधन एवं वन कार्बन भंडार के सकारात्मक तत्त्वों हेतु भी प्रोत्साहन राशि देता है।
    • REDD + में गुणवत्ता संवर्द्धन एवं वन आवरण (Forest Cover) का संवर्द्धन भी शामिल है, जबकि ऐसी व्यवस्था REDD में नहीं है।

    लाभ

    • REDD + के अंतर्गत यदि विकासशील देश अपने वनों का बेहतर प्रबंधन और वन संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करेंगे तो विश्व की औसत जैव विविधिता की रक्षा के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में भी सहायता मिलेगी और इसके लिये उन्हें विभिन्न विकसित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से वित्तीय एवं तकनीकी सहायता भी मिलेगी।
    • REDD + कार्यक्रम के अंतर्गत वनों में संचित कार्बन का मौद्रिक मूल्य आँका जाता है और उतने मूल्य की कल्याणकारी योजनाएँ या प्रत्यक्ष लाभ देने का प्रावधान किया जाता है। इससे संबंधित देश की सरकारों और स्थानीय समुदायों को वन संसाधनों के बेहतर उपयोग की प्रेरणा मिलती है। इस प्रकार REDD + वनों की कटाई और इसके निम्नीकरण पर बाध्यकारी प्रतिबंध लगाने के बजाय उस पर ‘स्वनियंत्रण’लगाने की व्यवस्था करता है।

    भारत की स्थिति एवं पहल -

    • भारत REDD + की व्यापक अवधारणा को आकार देने हेतु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमेशा आगे रहा है। अब केवल घरेलू स्तर पर REDD + के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
    • भारत ने यह सुनिश्चित किया है कि निर्वनीकरण में कमी और वनों का संरक्षण एवं संवर्द्धन दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उसकी इस अवधारणा की पुष्टि COP-13 (बाली) द्वारा REDD के REDD + में रूपांतरण से हुई।
    • REDD + से प्राप्त प्रोत्साहन राशि स्थानीय समुदायों को हस्तांतरित कर दी जाएगी, जो वनों के संरक्षण एवं प्रबंधन में लगे हुए हैं। यह निर्वनीकरण के विरुद्ध वनों को संपोषणीय संरक्षण उपलब्ध कराएगा। REDD + कार्यक्रम भारत हेतु अगले 3 दशकों में 1 बिलियन (अरब) टन अतिरिक्त कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण क्षमता उपलब्ध कराएगा जिससे उसे REDD + के अंतर्गत 3 अरब डॉलर से ज़्यादा कार्बन सेवा प्रोत्साहन राशि के रूप में प्राप्त होगी।
    • भारत ने 2008 में वनों का संपोषणीय प्रबंधन एवं वनीकरण तथा पुनर्वनीकरण पर UNFCCC को रिपोर्ट सौंपी।
    • भारत ने CBD के COP-11 का आयोजन मेज़बान के रूप में 2012 में कराया।
    • भारत ने नवंबर 2011 में INCCA (Indian Network on Climate Change Assessment) का प्रकाशन किया।

    निष्कर्ष – प्रश्नानुसार उपयुक्त निष्कर्ष लिखें।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow