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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    हिंद महासागर के क्षेत्र की महत्ता पर टिप्पणी करें। भारत के लिये यह क्यों महत्त्वपूर्ण है? इस क्षेत्र से संबंधित प्रमुख चुनौतियाँ कौन-सी हैं ?

    21 Sep, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा-

    • हिंद महासागर की भौगोलिक अवस्थिति का संक्षिप्त विवरण दें।
    • इस क्षेत्र के बढ़ते महत्त्व के कारण लिखें।
    • भारत के लिये हिंद महासागरीय क्षेत्र का महत्त्व समझाएँ। 
    • हिंद महासागरीय क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियों का उल्लेख करें।
    • निष्कर्ष

    हिंद महासागर क्षेत्र में मिस्र की स्वेज़ नहर, जिबूती-यमन की बाब-अल-मंदेब, ईरान व ओमान की हॉर्मुज़ की खाड़ी तथा इंडोनेशिया- मलेशिया की मलक्का जल संधि जैसे आर्थिक और सामरिक रूप से महत्त्वपूर्ण जलीय क्षेत्र हैं।  

    हिंद महासागर क्षेत्र के बढ़ते महत्त्व का कारण-

    • विश्व के तेल एवं गैस रिज़र्व का 40% हिस्सा इसी महासागर में स्थित है। इसका संसाधनों से परिपूर्ण होना इसे आर्थिक महत्त्व का केंद्र बना देता है। यह क्षेत्र सोना, टिन, यूरेनियम, कैडमियम, कोबाल्ट, निकिल जैसे खनिज भी यहाँ पाए जाते हैं। 
    • यह महासागर प्रशांत और अटलांटिक महासागर तक आसान पहुँच को सुनिश्चित करता है, अतः यह सामरिक रूप  से महत्त्वपूर्ण है।
    • विश्व के कुल तेल व्यापार का लगभग 80% व्यापार हिंद महासागर के समुद्री मार्गों  द्वारा किया जाता है।
    • सामरिक महत्त्व होने के कारण विश्व की सभी प्रमुख शक्तियों की सैन्य उपस्थिति यहाँ पर है। उदाहरण के रूप में अमेरिका ने इस महासागर के एक द्वीप डिएगो गार्सिया में अपना नेवल बेस बना रखा है।

    भारत के लिये हिंद महासागर का महत्त्व- 

    • भारतीय प्रायद्वीप की भौगोलिक अवस्थिति इस क्षेत्र में भारत को एक महत्त्वपूर्ण पक्ष बनाती है। भारत का प्रायद्वीप तीन दिशाओं से हिंद महासागर के जलीय क्षेत्र से घिरा हुआ है। 
    • भारत अपने पश्चिम तटीय बंदरगाहों से होकर अफ्रीका, पश्चिमी एशिया, ईरान तथा स्वेज़ नहर के माध्यम से यूरोप तक तथा पूर्वी तटीय बंदरगाहों के माध्यम से ऑस्ट्रलिया और दक्षिण-पूर्वी एशिया तक पहुँच सकता है। 
    • भारत अपने तेल आयात का 70% से अधिक आयात हिंद महासागर क्षेत्र से ही करता है।   

    हिंद महासागरीय क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियाँ-

    • हिंद महासागरीय क्षेत्रों से सबंधित देशों का आपसी संघर्ष इसे तनाव का एक केंद्र बना देता है। जिन राष्ट्रों की सीमा हिंद महासागर से नहीं लगती, उनकी  यहाँ उपस्थिति भी इसके सामरिक महत्त्व को बढ़ा देती है।
    • पूर्वी अफ्रीकी देशों जैसे सोमालिया के नज़दीक समुद्री डकैती भी एक बड़ी समस्या है। 

    इस प्रकार स्पष्ट है कि हिंद महासागर क्षेत्र न सिर्फ आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण है, बल्कि यह सामरिक रूप से भी महत्त्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में भारत की विशेष अवस्थिति ने इसे महत्त्वपूर्ण आर्थिक और सामरिक शक्ति बना दिया है। 

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