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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    भारत में कुपोषण के प्रभाव का मूल्यांकन करें। राष्ट्रीय पोषण रणनीति कुपोषण से लड़ने में किस प्रकार सक्षम है?

    21 Nov, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा:

    • कुपोषण को संक्षेप में परिभाषित करें।
    • भारत में कुपोषण के प्रभाव को बताएँ।
    • राष्ट्रीय पोषण रणनीति के प्रावधानों के माध्यम से रणनीति की सक्षमता को स्पष्ट करें।

    कुपोषण का आशय लंबी समयावधि तक संतुलित आहार के अभाव से है। कुपोषण के कारण बच्चे   सामान्यतःअपनी उम्र के अनुसार कम वज़नी या छोटे कद वाले होते हैं।

    राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययनों से यह ज्ञात होता है कि कुपोषण पर आधारित महत्त्वपूर्ण संकेतकों पर भारत का निष्पादन कमज़ोर रहा है। यूनिसेफ के मुताबिक,  भारत सबसे अधिक अल्प वज़न वाले बच्चों के मामलों में दसवें स्थान पर और सबसे अधिक कमज़ोर बच्चों के मामले में सत्रहवें स्थान पर है। कुपोषण बच्चों के लिये अस्तित्व की संभावना पर खतरा पैदा करता है। उनकी रोगों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है, सीखने की क्षमता नकारात्मक रूप से प्रभावित होती है और भविष्य में उनकी उत्पादकता कम हो जाती है। एक अनुमान के अनुसार पाँच वर्ष से कम उम्र के मरने वाले बच्चों में एक-तिहाई मौतें कुपोषण के कारण होती हैं। 

    राष्ट्रीय पोषण रणनीति के प्रावधान:

    • 2030 तक सभी प्रकार के कुपोषण को कम करना: सबसे कमज़ोर और महत्त्वपूर्ण आयु समूहों पर फोकस करने के साथ 2030 तक सभी प्रकार के कुपोषण को कम करने का लक्ष्य रखा गया है। इस रणनीति में पोषण और स्वास्थ्य से संबंधित सतत् विकास लक्ष्य के भाग के रूप में पहचाने जाने वाले उद्देश्यों को भी प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
    • राष्ट्रीय पोषण मिशन: इस रणनीति के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के समान राष्ट्रीय पोषण मिशन का लक्ष्य रखा गया है।
    • विकेंद्रित दृष्टिकोण: रणनीति में विकेंद्रित दृष्टिकोण को शामिल किया गया है, जो राज्य, ज़िले और स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने को लचीला और प्रभावी बनाएगा।
    • स्वास्थ्य देखभाल और पोषण:  इसके तहत जन्म के छ: माह तक के बच्चों में स्तनपान को बढ़ावा देना, शिशु और युवा बाल तक सार्वभौमिक देखभाल की पहुँच, सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की खुराक और द्वि-मासिक आधार पर कृमि नाशक की खुराक उपलब्ध कराना आदि।
    • इसके अतिरिक्त मातृत्व देखभाल और शासन में सुधार के द्वारा पोषण और स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने का प्रावधान रखा गया है।

    अतः स्पष्ट है कि राष्ट्रीय पोषण रणनीति भारत में कुपोषण की समस्या से लड़ने में महत्त्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

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