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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    हाल ही के वर्षों में ‘वायु प्रदूषण’ ने एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या का रूप ले लिया है। इस समस्या के निदान हेतु नवाचार समाधानों का उल्लेख करें।

    01 Apr, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 पर्यावरण

    उत्तर :

    वर्तमान में वायु प्रदूषण एक सर्वाधिक विकट पर्यावरणीय समस्या के रूप में उभरा है। केवल राजधानी दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश में वायु प्रदूषण का स्तर अपने भयावह स्तर तक पहुँच चुका है। हाल में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के तकरीबन 90% से अधिक शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर निर्धारित मानकों की तुलना में काफी अधिक दर्ज किया गया है। 

    2015 में एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) ग्रीनपीस इंडिया द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार देश के 168 शहरों में से 154 शहरों की वायु में प्रदूषक कणों की मात्रा राष्ट्रीय औसत से अधिक थी। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की राष्ट्रीय व्यापक वायु गुणवत्ता मानकों (National Ambient Air Quality Standards) रिपोर्ट के अनुसार भारत में राजधानी दिल्ली सर्वाधिक प्रदूषित शहर है। 

    चूँकि, प्रदूषण एक राष्ट्रीय समस्या है, इसलिये इस समस्या के निदान के लिये निम्नलिखित उपाय किये जा सकते हैं-

    • प्रदूषण के मुख्य स्रोतों में जीवाश्म ईंधनों का सर्वाधिक योगदान होता है। डीजल से चलने वाले परिवहन वाहनों तथा शक्ति संयंत्रों की संख्या पर नियंत्रण करना चाहिये। परिवहन व्यवस्था के नियंत्रण हेतु ‘सम-विषम फॉर्मूला’ भी वायु प्रदूषण में कमी में काफी हद तक योगदान कर सकता है।
    • परिवहन साधनों में उच्च तकनीकी के ईंजन तथा कलपुर्जे प्रयोग करने चाहियें ताकि प्रदूषण में कमी हो।
    • प्रदूषण निगरानी केन्द्रों की संख्या बढ़ानी चाहिये।
    • पौधारोपण को अधिक-से-अधिक बढ़ावा दिया जाये। सार्वजनिक स्थलों पर हवा शुद्धक यंत्रों के प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिये। स्वच्छता अभियान को अधिक सुदृढ़ता से लागू करना चाहिये ताकि पर्यावरण के स्वास्थ्य को स्वस्थ रखा जा सके।
    • अत्यधिक प्रदूषण की स्थिति में समय-समय पर कृत्रिम-वर्षा भी कराई जा सकती है।
    • कच्ची व टूटी-फूटी सड़कों पर पानी का बार-बार छिड़काव किया जाना चाहिये ताकि ज्यादा धूल न उड़े।
    • अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर लिये गए पर्यावरणीय एवं जलवायु परिवर्तन संबंधी निर्णयों को नीति-निर्माण एवं क्रियान्वयन के असली धरातल पर लाया जाना चाहिये तथा वायु प्रदूषण के बारे में अधिक-से-अधिक जागरूकता फैलाई जानी चाहिये।

    इस प्रकार के उपायों से वायु प्रदूषण जैसी विकट समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है। 

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