रैपिड फायर
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार
- 29 Dec 2025
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भारत के राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार के द्वितीय संस्करण का वितरण किया, जो भारत के सर्वोच्च राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार हैं। इस अवसर पर विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में योगदान के लिये 24 वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया।
- विज्ञान रत्न पुरस्कार प्रसिद्ध भारतीय खगोल-भौतिकीविद् प्रो. जयंत विष्णु नार्लीकर को मरणोपरांत प्रदान किया गया।
- वे हॉयल–नार्लीकर गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत के सह-विकास के लिये विश्व स्तर पर प्रसिद्ध हैं, जो आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता सिद्धांत का एक वैकल्पिक सिद्धांत है। यह सिद्धांत ब्रह्मांड के स्थिर अवस्था मॉडल (Steady State Model) का समर्थन करता है और बिग बैंग के बजाय एक वैकल्पिक ब्रह्मांडीय दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार
- परिचय: यह भारत का राष्ट्रीय स्तर का विज्ञान पुरस्कार है, जिसकी स्थापना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा की गई है। यह पद्म पुरस्कारों की तर्ज पर आधारित है तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्टता, नवाचार और उच्च प्रभाव वाले योगदान को सम्मानित करता है।
- क्षेत्र कवरेज: ये पुरस्कार 13 प्रमुख वैज्ञानिक क्षेत्रों को सम्मिलित करते हैं, जिनमें अंतरिक्ष विज्ञान, परमाणु ऊर्जा, अभियांत्रिकी और चिकित्सा शामिल हैं।
- श्रेणियाँ: राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार चार श्रेणियों में प्रदान किये जाते हैं—
- विज्ञान रत्न (Vigyan Ratna – VR): भारत का सर्वोच्च विज्ञान पुरस्कार, जो आजीवन उपलब्धियों और असाधारण योगदान के लिये प्रदान किया जाता है।
- विज्ञान श्री (Vigyan Shri – VS): किसी विशिष्ट क्षेत्र में विशिष्ट एवं सतत योगदान के लिये दिया जाता है।
- विज्ञान युवा–शांति स्वरूप भटनागर (Vigyan Yuva–Shanti Swarup Bhatnagar – VY–SSB): 45 वर्ष से कम आयु के वैज्ञानिकों के लिये, जो युवा वैज्ञानिक प्रतिभा को मान्यता देता है।
- विज्ञान टीम (Vigyan Team – VT): उत्कृष्ट सहयोगात्मक अनुसंधान और टीमवर्क के लिये प्रदान किया जाता है।
- महत्त्व: यह पुरस्कार नवाचार और उत्कृष्टता को प्रोत्साहित कर भारत की वैज्ञानिक पारिस्थितिकी प्रणाली को सुदृढ़ करता है। साथ ही, यह सहयोगात्मक अनुसंधान को भी मान्यता देता है, जो आधुनिक वैज्ञानिक प्रथाओं का प्रतिबिंब है।
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