रैपिड फायर
भारत की पहली जीन-संपादित भेड़
- 28 May 2025
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
कश्मीर के शोधकर्ताओं ने ICAR द्वारा वित्त पोषित एक परियोजना के तहत CRISPR-Cas9 तकनीक का उपयोग करके भारत की पहली जीन-संपादित भेड़ को सफलतापूर्वक विकसित किया है।
- उन्होंने स्थानीय मेरिनो भेड़ में मायोस्टैटिन जीन को संपादित किया, जिससे यूरोपीय टेक्सेल भेड़ की तरह ही मांसपेशियों का द्रव्यमान 30% बढ़ गया। इसमें कोई विदेशी DNA नहीं है, जिससे यह गैर-ट्रांसजेनिक बन गया है।
जीन एडिटिंग
- जीन एडिटिंग (या जीनोम एडिटिंग) एक जैव प्रौद्योगिकी है जो किसी जीव के आनुवंशिक पदार्थ (DNA या RNA) के सटीक संशोधन को सक्षम बनाती है।
- यह वैज्ञानिकों को विशेष उपकरणों का उपयोग करके जीनोम के भीतर विशिष्ट जीन अनुक्रमों को जोड़ने, हटाने या बदलने की अनुमति देता है।
प्रमुख जीन एडिटिंग विधियाँ:
- CRISPR-Cas9: CRISPR-Cas9 (क्लस्टर्ड रेगुलरली इंटरस्पेस्ड शॉर्ट पैलिंड्रोमिक रिपीट्स) एक व्यापक रूप से प्रयुक्त जीन एडिटिंग उपकरण है, जिसमें Cas9 एंज़ाइम को एक विशिष्ट DNA अनुक्रम की ओर निर्देशित करने के क्रम में गाइड RNA (gRNA) का उपयोग किया जाता है, जहाँ डबल-स्ट्रैंड कट बनने के बाद कोशिका द्वारा DNA को रिपेयर किये जाने से जीन विलगन या सम्मिलन (Disruption or Insertion) संभव हो पाता है।
- रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार 2020 को जीनोम एडिटिंग की विधि के विकास के लिये इमैनुएल चार्पेंटियर (Emmanuelle Charpentier) और जेनिफर ए डौडना (Jennifer A Doudna) को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया था।
- जिंक फिंगर न्यूक्लिऐसिस (ZFN): ZFN कृत्रिम जीन एडिटिंग उपकरण हैं, जो DNA-बाइंडिंग डोमेन (जिंक फिंगर प्रोटीन) और DNA-क्लीविंग डोमेन (FokI एंडोन्यूक्लिऐसिस) से बने होते हैं।
- जिंक फिंगर प्रोटीन को विशिष्ट DNA अनुक्रमों को पहचानने और आबंध के लिये तैयार किया गया है, जबकि फोकी एंज़ाइम लक्ष्य स्थल पर DNA को काटता है।
- जीन नॉकआउट एक आनुवंशिक तकनीक है जिसमें किसी विशिष्ट जीन को जानबूझकर निष्क्रिय करना या हटाना शामिल है ताकि उसका प्रोटीन एक्सप्रेशन बंद हो जाए। यह जीन और बिना जीन वाले जीवों में लक्षणों की तुलना करके जीन फंक्शन का अध्ययन करने में सहायता करता है।
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