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वीर सावरकर जयंती

  • 29 May 2025
  • 5 min read

स्रोत: पीआईबी

चर्चा में क्यों?

28 मई को प्रधानमंत्री ने विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

Vinayak _Damodar _Savarkar

विनायक दामोदर सावरकर कौन थे और उनका प्रमुख योगदान क्या था?

  • प्रारंभिक जीवन:
    • 28 मई, 1883 को नासिक, महाराष्ट्र में जन्मे वीडी सावरकर (जिन्हें स्वातंत्र्यवीर सावरकर के नाम से भी जाना जाता है ) एक स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, वकील, लेखक और समाज सुधारक थे। 
  • संबंधित संगठन और कार्य:
    • वर्ष 1899 में मित्र मेला की स्थापना की गई, बाद में वर्ष 1904 में इसका नाम बदलकर अभिनव भारत सोसाइटी कर दिया गया।
    • विदेश में भारतीय छात्रों के बीच क्रांतिकारी राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 1906 में लंदन में फ्री इंडिया सोसाइटी की स्थापना की। क्रांतिकारी गतिविधियों के केंद्र लंदन में इंडिया हाउस ( श्यामजी कृष्ण वर्मा द्वारा स्थापित ) में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
    • गुरिल्ला युद्ध की वकालत की , कथिततौर पर हस्तनिर्मित बम बनाने में शामिल थे  और मदन लाल ढींगरा को कानूनी सहायता प्रदान की ।
    • उन्होंने प्रभावशाली पुस्तक "हिंदुत्व: हिंदू कौन है?" (1923) लिखी और "भारतीय स्वतंत्रता के प्रथम युद्ध का इतिहास" भी लिखा।
      • सावरकर कभी-कभी अपने कुछ लेखों में "मराठा" उपनाम का प्रयोग करते थे ।
  • सजा:
    • उन्हें वर्ष 1909 में मॉर्ले-मिंटो सुधार (भारतीय परिषद अधिनियम, 1909) के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, बाद में प्रत्यर्पित कर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (जिसे काला पानी के रूप में भी जाना जाता है ) में सेलुलर जेल भेज दिया गया।
      • बाद में उन्हें वर्ष 1937 तक रत्नागिरि  में नज़रबंद रखा गया।
    • मार्सिले के रास्ते ले जाए जाने के दौरान उन्होंने भागने का प्रयास किया, लेकिन ब्रिटिश अधिकारियों ने उन्हें पुनः पकड़ लिया।
  • राजनीतिक कॅरियर और विचारधारा:
    • अपनी रिहाई के बाद, सावरकर ने हिंदू महासभा के अध्यक्ष (1937-1943) के रूप में कार्य किया तथा भारत छोड़ो आंदोलन (1942) का विरोध किया, क्योंकि उन्होंने इसे अव्यावहारिक माना। 
    • उन्होंने राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देते हुए क्रिप्स मिशन और वेवेल योजना पर चर्चा की।
    • तिलक, लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल से प्रभावित होकर, सावरकर ने सभी के लिये समान अधिकारों वाले एक एकीकृत राष्ट्र की कल्पना की थी, जो भारत के प्रति निष्ठा पर आधारित था। 
    • नागरिक स्वतंत्रता और सामाजिक सुधार के एक मजबूत समर्थक के रूप में, उन्होंने जातिवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी, अंतर्जातीय विवाह, दलितों के मंदिर प्रवेश (जैसे, पतित-पावन मंदिर ), समुद्र पार करने और हिंदू धर्म में पुनः धर्मांतरण को बढ़ावा दिया।
  • मृत्यु: 
    • वर्ष 1964 में, भारत की स्वतंत्रता के बाद अपने मिशन को पूर्ण मानते हुए, वीर सावरकर ने 1 फरवरी को आमरण अनशन शुरू किया और 26 फरवरी 1966 को उनका निधन हो गया।
    • उनके योगदान को मान्यता देते हुए, वर्ष 2002 में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डे का नाम बदलकर वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा कर दिया गया।

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