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दुलहस्ती चरण-II परियोजना

  • 29 Dec 2025
  • 55 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (EAC) ने दुलहस्ती चरण-II जलविद्युत परियोजना के लिये पर्यावरणीय स्वीकृति की अनुशंसा की है।

सारांश

EAC ने चिनाब नदी पर स्थित 260 मेगावाट दुलहस्ती चरण-II जलविद्युत परियोजना को पर्यावरणीय स्वीकृति देने की अनुशंसा की है।

रणनीतिक दृष्टि से, यह परियोजना मौजूदा अवसंरचना का उपयोग करती है और निलंबित सिंधु जल संधि की पृष्ठभूमि में भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करती है।

दुलहस्ती चरण-II रन-ऑफ-द-रिवर (ROR) जलविद्युत परियोजना क्या है?

  • स्थान एवं क्षमता: यह 260 मेगावाट (2×130 मेगावाट) की भूमिगत पावरहाउस परियोजना है, जो जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले में चिनाब नदी पर स्थित है।
  • डिज़ाइन एवं कार्यप्रणाली: यह एक रन-ऑफ-द-रिवर (ROR) परियोजना है। दुलहस्ती-II, दुलहस्ती चरण-I की मौजूदा अवसंरचना का उपयोग करेगी तथा मरुसुदर नदी (चिनाब की सहायक नदी) का जल पाकल दुल जलविद्युत परियोजना के माध्यम से दुलहस्ती जलाशय में लाएगी। 390 मेगावाट दुलहस्ती-I, जो एक ROR परियोजना है, वर्ष 2007 में चालू की गई थी।
    • पाकल दुल जलविद्युत परियोजना मरुसुदर नदी पर निर्माणाधीन 1,000 मेगावाट की एक रन-ऑफ-द-रिवर (ROR) जलविद्युत परियोजना है। इसमें 167 मीटर ऊँचा कंक्रीट-फेस रॉकफिल बाँध शामिल है, जो भारत में सिंधु नदी प्रणाली का सबसे ऊँचा बाँध है।
    • ROR परियोजना नदी के प्राकृतिक प्रवाह और ऊँचाई के अंतर का उपयोग कर विद्युत उत्पन्न करती है तथा इसमें जल संग्रहण के लिये किसी विशाल जलाशय का निर्माण नहीं किया जाता।
  • रणनीतिक महत्त्व: पहलगाम आतंकी हमले के बाद वर्ष 1960 की सिंधु जल संधि (IWT) के निलंबन के पश्चात इस परियोजना को गति मिली।
    • यह परियोजना चिनाब नदी पर जलविद्युत परियोजनाओं की शृंखला (कैस्केड) में वृद्धि करेगी, जिसमें पहले से संचालित परियोजनाएँ—दुलहस्ती-I (390 मेगावाट, किश्तवाड़), बागलीहार (890 मेगावाट, रामबन), सालाल (रियासी) तथा निर्माणाधीन परियोजनाएँ—रैटल (850 मेगावाट), किरू (624 मेगावाट) और क्वार (540 मेगावाट) शामिल हैं।

MoEF&CC की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (EAC) क्या है?

  • परिचय: विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ESC) एक बहु-विषयक, क्षेत्र-विशिष्ट समिति है जिसका गठन केंद्र सरकार द्वारा पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) अधिसूचना, 2006 के तहत किया गया है।
  • प्राथमिक भूमिका: यह एक सिफारिशी निकाय है जो EIA कानून के तहत पर्यावरणीय मंजूरी की आवश्यकता वाले औद्योगिक और अवसंरचना परियोजनाओं की जाँच, दायरा निर्धारण और विस्तृत मूल्यांकन के लिये ज़िम्मेदार है।
  • क्षेत्रीय संरचना: केंद्रीय स्तर पर 9 EAC हैं, जिनमें से प्रत्येक विशिष्ट परियोजना श्रेणियों के मूल्यांकन के लिये समर्पित है, जैसे कि नदी घाटी और जलविद्युत परियोजनाएँ (RVHEP), थर्मल और कोयला खनन, परमाणु, रणनीतिक और रक्षा परियोजनाएँ आदि।
  • संरचना एवं कार्यकाल: प्रत्येक EAC में निर्धारित योग्यताओं के आधार पर चयनित अधिकतम 15 विषय विशेषज्ञ होते हैं। समितियों का पुनर्गठन प्रत्येक तीन वर्ष में किया जाता है (एक वर्ष के विस्तार की संभावना के साथ)।
  • निर्णय लेने की प्रक्रिया: EC आम सहमति और सामूहिक उत्तरदायित्व के आधार पर कार्य करता है। इसकी अंतिम सिफारिश पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) को प्रस्तुत की जाती है, जो पर्यावरण मंज़ूरी देने या अस्वीकार करने का अंतिम निर्णय लेता है।

सिंधु जल संधि

  • परिचय: सिंधु जल संधि (IWT) भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय जल-साझाकरण समझौता है, जिसकी मध्यस्थता विश्व बैंक ने की थी और जिस पर वर्ष 1960 में हस्ताक्षर किये गए थे।
  • यह सिंधु नदी और उसकी पाँच प्रमुख सहायक नदियों- सतलुज, ब्यास, रावी, झेलम और चिनाब- के जल के वितरण और उपयोग को नियंत्रित करता है।
  • जल आवंटन: संधि के अनुसार भारत को पूर्वी तीन नदियों (रावी, ब्यास और सतलुज ) पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त है। वहीं, पाकिस्तान को पश्चिमी तीन नदियाँ ( सिंधु, झेलम और चिनाब ) आवंटित की गई हैं।
    • भारत को कुछ निर्धारित शर्तों के अधीन, निर्दिष्ट घरेलू, गैर-उपभोग्य, कृषि और जलविद्युत उद्देश्यों के लिये पश्चिमी नदियों के सीमित उपयोग की अनुमति है।
    • कुल मिलाकर, पाकिस्तान को सिंधु नदी प्रणाली से लगभग 80% पानी प्राप्त होता है, जबकि भारत को लगभग 20% पानी प्राप्त होता है।
  • स्थायी सिंधु आयोग (PIC): संधि के तहत एक स्थायी सिंधु आयोग (PIC) की स्थापना की गई है, जिसमें दोनों देशों के आयुक्त शामिल हैं। PIC को संधि के कार्यान्वयन की निगरानी करने और नियमित मुद्दों को हल करने के लिये वर्ष में कम-से-कम एक बार बैठक करना अनिवार्य है।
  • विवाद निपटान प्रक्रिया (अनुच्छेद IX):
    • प्रथम चरण: व्याख्या या क्रियान्वयन से संबंधित विवादों अथवा प्रश्नों का समाधान स्थायी सिंधु आयोग (PIC) के भीतर परामर्श/चर्चा के माध्यम से किया जाएगा।
    • द्वितीय चरण: यदि स्थायी सिंधु आयोग (PIC) द्वारा समाधान नहीं हो पाता, तो कोई भी आयुक्त विश्व बैंक से एक तटस्थ विशेषज्ञ नियुक्त करने का अनुरोध कर सकता है।
    • तीसरा चरण: यदि किसी मुद्दे को "विवाद" माना जाता है या यह न्यूट्रल एक्सपर्ट के दायरे से बाहर आता है, तो किसी भी पक्ष द्वारा विश्व बैंक के माध्यम से मध्यस्थता (Arbitration) न्यायालय की स्थापना का अनुरोध किया जा सकता है।

चिनाब

  • परिचय: चिनाब सिंधु नदी प्रणाली की एक ट्रांसबाउंड्री नदी है, जो भारत और पाकिस्तान में फैली हुई है।
    • यह हिमाचल प्रदेश के उच्च हिमालयों (लाहौल में बरालाचा पास) से चंद्रभागा के रूप में निकलती है, जो चंद्रा और भागा नदियों के संगम से बनती है।
  • मुख्य उपनदियाँ: प्रमुख उपनदियाँ हैं मारूसुदर (सबसे बड़ी), मियार नाला, भूट नाला, कलनाई, अंस, तावी और नीरू नदियाँ।
  • प्रवाह और मार्ग: यह नदी जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़, डोडा, रामबन तथा रियासी ज़िलों से उत्तर-पश्चिम की ओर बहती है, गहरी घाटियों को काटते हुए, फिर पाकिस्तान के पंजाब मैदानों में प्रवेश करती है, जहाँ यह सतलज से मिलकर पंजराद (Panjnad) बनाती है, जो आगे चलकर सिंधु नदी में मिल जाती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (EAC) क्या है?
EAC एक क्षेत्र-विशेष सिफारिशी संस्था है, जो EIA अधिसूचना, 2006 के तहत पर्यावरणीय मंज़ूरी के लिये परियोजनाओं का विशेषज्ञों की सहमति के आधार पर मूल्यांकन करती है।

2. दुलहस्ती चरण-II किस तरह की परियोजना है?
यह जम्मू और कश्मीर की चेनाब नदी पर स्थित 260 मेगावाट का रन-ऑफ-दी-रिवर हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट है।

3. सिंधु जल संधि (1960) भारत और पाकिस्तान के बीच नदी के पानी का बँटवारा कैसे करती है?
IWT तीन पूर्वी नदियाँ (रावी, ब्यास, सतलुज) भारत को और तीन पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम, चिनाब) पाकिस्तान को देता है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ) 

प्रश्न. सिंधु नदी प्रणाली के संदर्भ में निम्नलिखित चार नदियों में से तीन नदियाँ इनमें से किसी एक नदी में मिलती हैं जो सीधे सिंधु से मिलती है। निम्नलिखित में से वह नदी कौन-सी है जो सीधे सिंधु से मिलती है? (2021)

(a) चिनाब

(b) झेलम

(c) रावी

(d) सतलुज

उत्तर: (d)


प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये (2019)

हिमनद

नदी

1. बंदरपूँछ

यमुना

2. बारा शिग्री

चेनाब

3. मिलाम

मंदाकिनी 

4. सियाचिन 

नुब्रा 

5. जेमू 

Manas

उपर्युक्त में से कौन-से युग्म सही सुमेलित हैं?

(a) 1, 2 और 4

(b) 1, 3 और 4

(c) 2 और 5

(d) 3 और 5

उत्तर: (a)

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