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एटलिन जलविद्युत परियोजना

  • 12 Jun 2025
  • 3 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के तहत वन सलाहकार समिति (FAC) ने 3,097 मेगावाट की एटालिन रन-ऑफ-द-रिवर जलविद्युत परियोजना के लिये सैद्धांतिक रूप से वन स्वीकृति दे दी है।

  • स्थान: एटलिन जलविद्युत परियोजना अरुणाचल प्रदेश के दिबांग घाटी में स्थित है, जो पूर्वी हिमालय वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट का हिस्सा है, जो विश्व भर में 36 ऐसे हॉटस्पॉट में से एक है।
  • नदियाँ: इस परियोजना में दो गुरुत्त्व बाँध शामिल हैं, एक ड्री नदी पर और दूसरा तालो (तांगोन) नदी पर, दोनों ही दिबांग नदी  (ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी) की सहायक नदियाँ हैं।
  • पर्यावरणीय प्रभाव:
    • वनों की कटाई: इस परियोजना के लिये 270,000 वृक्षों को काटना होगा तथा 1,100 हेक्टेयर से अधिक अवर्गीकृत वन भूमि को अन्यत्र स्थानांतरित करना होगा।
      • इसे स्थानीय इदु मिश्मी समुदाय से लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
  • जैवविविधता: यह क्षेत्र 6 वैश्विक रूप से संकटग्रस्त स्तनपायी प्रजातियों का आवास स्थल है, जिनमें से 3 लुप्तप्राय हैं और 3 असुरक्षित हैं। यहाँ भारत की लगभग 56% पक्षी प्रजातियाँ भी पाई जाती है, जिनमें 3 दुर्लभ, सीमित-सीमा वाली स्थानिक पक्षी प्रजातियाँ शामिल हैं
    • इस क्षेत्र में बाघ, तेंदुए, हिम तेंदुए, काले भालू, कस्तूरी मृग और मिशमी ताकिन जैसी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

रन-ऑफ-द-रिवर (ROR) जलविद्युत परियोजना: 

  • यह जलविद्युत उत्पादन प्रणाली है, जो किसी नदी के प्राकृतिक प्रवाह एवं गिरावट का उपयोग विद्युत उत्पादन हेतु करती है, जिसमें बड़े बाँध या व्यापक जलाशय के निर्माण की आवश्यकता नहीं होती।

FAC: 

  • FAC वन (संरक्षण) अधिनयम, 1980 के तहत गठित, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है। 
    • यह समिति खनन, औद्योगिक परियोजनाओं और टाउनशिप जैसे गैर-वनीय उपयोगों के लिये वन भूमि के उपयोग के प्रस्तावों की जाँच करती है तथा  सरकार को वन स्वीकृति देने के बारे में सलाह देती है। इसकी भूमिका सलाहकार प्रकृति की है।

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