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DHRUVA फ्रेमवर्क

  • 10 Dec 2025
  • 43 min read

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों? 

डाक विभाग ने डिजिटल हब फॉर रेफरेंस एंड यूनिक वर्चुअल एड्रेस (DHRUVA) फ्रेमवर्क के लिये आवश्यक विधायी समर्थन सुनिश्चित करने हेतु डाकघर अधिनियम 2023 में संशोधन के प्रस्तावित मसौदे को तैयार किया है।

  • इन संशोधनों का उद्देश्य DHRUVA के इकोसिस्टम सुधारों का समर्थन करना और इसके पूरे देश में कार्यान्वयन को सक्षम बनाना है।

DHRUVA फ्रेमवर्क क्या है?

  • DHRUVA: इसे डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) के रूप में प्रस्तावित किया गया है, जो आधार और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के समान है।
    • यह लॉजिस्टिक कंपनियों, ई-कॉमर्स फर्मों और गिग प्लेटफॉर्म्स को उपयोगकर्त्ता का पूरा फिजिकल एड्रेस/भौतिक पता लेने की बजाय उसका डिजिटल एड्रेस ‘लेबल’ प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करेगा।
    • एक बार उपयोगकर्त्ता इस लेबल को अधिकृत कर देता है तो प्लेटफॉर्म डिस्क्रिप्टिव एड्रेस और भू-स्थान कोडित (Geo-Coded) DIGIPIN (डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नंबर) दोनों तक पहुँच प्राप्त कर सकता है।
      • DIGIPIN: यह भारतीय डाक द्वारा विकसित एक ओपन-सोर्स, इन-हाउस लोकेशन पिन सिस्टम है, जो देश के हर 12 वर्ग मीटर के ब्लॉक को एक अद्वितीय कोड प्रदान करता है।
      • DIGIPIN एक 10-अंकीय अल्फान्यूमेरिक कोड का उपयोग करता है जो अक्षांश–देशांतर निर्देशांकों से उत्पन्न होता है। यह भारत को 16 विशिष्ट अक्षरों (2 से 9, C, J, K, L, M, P, F, T) का उपयोग करके ग्रिड में बाँटता है, जिससे एक क्रमिक और सटीक स्थान कोडिंग प्रणाली संभव होती है।
      • यह विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोगी है, जहाँ स्पष्ट डिस्क्रिप्टिव एड्रेस उपलब्ध नहीं हो सकते। यह डिलीवरी कर्मचारियों को पारंपरिक पिन कोड के साथ-साथ सटीक भौगोलिक स्थान प्रदान करता है।
  • DHRUVA का पारिस्थितिकी तंत्र: DHRUVA विशिष्ट संस्थानों के निर्माण का प्रस्ताव करता है:
    • एड्रेस सर्विस प्रोवाइडर्स (ASPs): डिजिटल एड्रेस लेबल तैयार करते हैं।
    • एड्रेस वेरिफिकेशन एजेंसियाँ (AVAs): एड्रेस को सत्यापित और प्रमाणित करती हैं।
    • एड्रेस इन्फॉर्मेशन एजेंट्स (AIAs): उपयोगकर्त्ताओं को सहमति और पता-साझाकरण सेटिंग्स प्रबंधित करने की अनुमति देते हैं।
    • एक केंद्रीय प्रशासनिक संस्था: नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के समान, जो मानकों और संचालन को नियंत्रित करती है।
  • DHRUVA का महत्त्व:
    • उपयोगकर्त्ता के नियंत्रण और गोपनीयता को बढ़ाता: यह सुविधा उपयोगकर्त्ताओं को अपने पते को साझा करने की अनुमति प्रदान करता है और वे तय कर सकते हैं कि कौन और कितने समय के लिये इसे देख सकता है।
      • यह बार-बार व्यक्तिगत पते की जानकारी साझा करने की आवश्यकता को कम करता है और सुरक्षित तथा नियंत्रित डेटा साझा करना सुनिश्चित करता है।
    • डिजिटल और डिलीवरी प्लेटफॉर्म की दक्षता को बढ़ाना: एक एकीकृत तथा सत्यापित डिजिटल पता टोकन Amazon, Uber और भारतीय डाक जैसे प्लेटफॉर्म के संचालन को सरल एवं सुचारु बनाता है।
      • यह डिलीवरी की असफलताएँ, रिटर्न और गलत स्थान पर भेजे जाने की घटनाओं को कम करता है, जिससे समग्र दक्षता बढ़ती है तथा परिचालन लागत कम होती है।
    • सहज पता अद्यतन: जब उपयोगकर्त्ता स्थान बदलते हैं तो DHRUVA उनके पते के अपडेट को कई प्लेटफॉर्म पर अपने-आप लागू होने की सुविधा देता है।
      • यह डिलीवरी, संचार और सेवाओं की उपलब्धता को बिना बार-बार हाथ से अपडेट किये सहज रूप से जारी रहने देता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. DHRUVA क्या है?
DHRUVA (डिजिटल हब फॉर रेफरेंस एंड यूनिक वर्चुअल एड्रेस) एक प्रस्तावित डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना है, जो उपयोगकर्त्ता के डिस्क्रिप्टिव एड्रेस और भू-स्थान कोडित DIGIPIN से जुड़े टोकनाइज़्ड डिजिटल एड्रेस लेबल जारी करती है, ताकि मानकीकृत और सहमति-आधारित पता साझा करना संभव हो सके।

2. DIGIPIN क्या है और यह कैसे काम करता है?
DIGIPIN एक 10-अंकीय अल्फान्यूमेरिक, ओपन-सोर्स भू-स्थान कोड है जिसे भारतीय डाक द्वारा विकसित किया गया है। यह अक्षांश–देशांतर निर्देशांकों से उत्पन्न 16-अक्षरीय ग्रिड का उपयोग करके हर 12 वर्ग मीटर के ब्लॉक को एक विशिष्ट कोड प्रदान करता है।

3. DHRUVA उपयोगकर्त्ता की गोपनीयता की रक्षा कैसे करता है?
DHRUVA सहमति-आधारित पता साझा करने और टोकनाइजेशन की सुविधा प्रदान करता है, जिससे उपयोगकर्त्ता तय कर सकते हैं कि उनका डिस्क्रिप्टिव एड्रेस और DIGIPIN कौन और कितनी अवधि के लिये देख सकता है। इससे व्यक्तिगत पते की जानकारी बार-बार साझा करने की आवश्यकता कम हो जाती है।

सारांश

  • डाक विभाग ने DHRUVA का प्रस्ताव रखा है, जो एक डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना है। इसका उद्देश्य डिजिटल ‘लेबल’ के माध्यम से पतों को मानकीकृत करना है, जिसे डाकघर अधिनियम 2023 में संशोधनों के समर्थन से लागू किया जाएगा।
  • DHRUVA एक उपयोगकर्त्ता-स्वीकृत डिजिटल लेबल को उनके डिस्क्रिप्टिव एड्रेस और भू-स्थान कोडित DIGIPIN से जोड़ता है, जो एक 10-अंकीय अल्फान्यूमेरिक कोड है और हर 12 वर्ग मीटर के ब्लॉक के साथ मानचित्रित होता है।
  • इस पारिस्थितिकी तंत्र में एड्रेस सर्विस प्रोवाइडर्स, वैलिडेशन एजेंसियाँ, इन्फॉर्मेशन एजेंट्स और NPCI के समान एक केंद्रीय प्रशासनिक संस्था शामिल होगी।
  • यह ढाँचा गोपनीयता को बढ़ाता है, अंतिम चरण की डिलीवरी में सुधार करता है, प्लेटफॉर्मों पर सहज पता अपडेट की सुविधा प्रदान करता है और परिचालन में होने वाली अक्षमताओं को कम करता है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)

प्रिलिम्स

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. आधार कार्ड का प्रयोग नागरिकता या अधिवास के प्रमाण के रूप में किया जा सकता है।
  2. एक बार जारी होने के पश्चात इसे निर्गत करने वाला प्राधिकरण आधार संख्या को निष्क्रिय या लुप्त नहीं कर सकता।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 

(b) केवल 2 

(c) 1 और 2 दोनों  

(d) न तो 1 और न ही 2 

उत्तर: (d)

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