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भारत में कैंसर के मामलों में वृद्धि
- 06 Oct 2025
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चर्चा में क्यों?
लैंसेट की नवीनतम ग्लोबल बर्डन ऑफ डिज़ीज़ (Global Burden of Disease) रिपोर्ट के अनुसार, जहाँ वैश्विक स्तर पर कैंसर की घटनाएँ और मृत्यु दर में कमी आ रही है, वहीं भारत में इन मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2023 में भारत में अनुमानित 15 लाख नए कैंसर मामले और 12 लाख से अधिक मौतें दर्ज की गईं।
कैंसर की वैश्विक स्थिति संबंधी प्रमुख निष्कर्ष क्या हैं?
- वैश्विक मामलों में वृद्धि: वैश्विक स्तर पर कैंसर की घटनाओं की दर 1990 में प्रति 1 लाख जनसंख्या पर 220.6 से घटकर वर्ष 2023 में 205.1 हो गई और वर्ष 2025 तक यह आँकड़ा 192.9 तक पहुँचने का अनुमान है। हालाँकि, जनसंख्या वृद्धि और उम्र बढ़ने के कारण वर्ष 2050 तक कैंसर के कुल मामलों और मृत्यु की संख्या में तीव्र वृद्धि की संभावना है।
- कैंसर दरों में प्रवृत्ति: भारत में कैंसर की घटनाओं की दर वर्ष 1990 में प्रति 1 लाख जनसंख्या पर 84.8 से बढ़कर वर्ष 2023 में 107.2 हो गई, जबकि इसी अवधि में मृत्यु दर 71.7 से बढ़कर 86.9 प्रति 1 लाख तक पहुँच गई।
- निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों पर असमान रोग भार: अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि भारत जैसे निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों (Low- and Middle-income Countries- LMIC) में कैंसर के नए मामलों में से आधे से अधिक और दो तिहाई मृत्यु होने का अनुमान है।
- परिवर्तनीय जोखिम कारक: वैश्विक स्तर पर लगभग 42% कैंसर मृत्यु तंबाकू, शराब, अस्वस्थ आहार और संक्रमण जैसे परिवर्तनीय जोखिम कारकों से जुड़ी हैं। भारत में इन कारकों से संबंधित मृत्यु की हिस्सेदारी लगभग 70% तक हो सकती है।
- भविष्य की भविष्यवाणी: रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2050 तक विश्वभर में लगभग 3.05 करोड़ नए कैंसर मामले सामने आ सकते हैं, जबकि कैंसर से होने वाली मृत्यु में 75% की वृद्धि होकर यह संख्या 1.86 करोड़ तक पहुँच सकती है। भारत में कैंसर से मृत्यु के प्रमुख कारण स्तन, फेफड़े, ग्रासनली/अन्ननली, मुख, गर्भाशय ग्रीवा, पेट और बड़ी आंत के कैंसर हैं।
भारत में कैंसर के मामलों में वृद्धि हेतु कौन-से कारक ज़िम्मेदार हैं?
स्मरण सूत्र (Mnemonic): CANCER
- C – Changing Demographics- Ageing (जनसांख्यिकी में परिवर्तन- बुज़ुर्ग जनसंख्या में वृद्धि): भारत में जीवन प्रत्याशा और जनसंख्या दोनों में वृद्धि के कारण बुज़ुर्गों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है, जिससे कैंसर के प्रति संवेदनशील जनसंख्या भी बढ़ रही है। परिणामस्वरूप, प्रति 1 लाख जनसंख्या पर दर स्थिर रहने के बावजूद कुल मामलों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
- लंबी जीवन प्रत्याशा ने गैर-संचारी रोगों (Non-Communicable Diseases) की व्यापकता को बढ़ा दिया है, जिनमें कैंसर भी प्रमुख है।
- A – Adoption of Unhealthy Lifestyles (अस्वस्थ जीवनशैली को अपनाना): भारत में तंबाकू का अधिक उपयोग, अस्वास्थ्यकर आहार, निष्क्रिय (बैठे रहने वाली) जीवनशैली और शराब का सेवन फेफड़े, मुख, गला, ग्रासनली/अन्ननली, अग्न्याशय और यकृत के कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं।
- N – National Health System Deficiencies (राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली की कमियाँ): कैंसर का अधिकतर निदान देर से (तीसरे या चौथे चरण में) होता है। ऑन्कोलॉजिस्ट (कैंसर विशेषज्ञ) और रेडियोथेरेपी मशीनों की कमी, साथ ही भारी स्वास्थ्य व्यय के कारण उपचार में देरी, खराब परिणाम और कैंसर से मृत्यु दर में वृद्धि होती है।
- C – Carcinogenic Environmental Exposure (कार्सिनोजेनिक पर्यावरणीय संपर्क): बाहरी वायु प्रदूषण (PM2.5, Class I कार्सिनोजेन), ठोस ईंधन से होने वाला आंतरिक वायु प्रदूषण और औद्योगिक व रासायनिक संपर्क फेफड़े के कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं।
- E – Economic Hardship from Treatment (उपचार से आर्थिक कठिनाई): कैंसर के उपचार सर्जरी, कीमोथेरपी और रेडियोथेरेपी की उच्च लागत स्वास्थ्य देखभाल तक पहुँच को सीमित करती है। इसके कारण कई लोग उपचार में देरी करते हैं या उपचार नहीं करवाते, जिससे कैंसर के मामले और मृत्यु दर बढ़ती है।
- R – Rising Infection-Linked Cancers (संक्रमण-संबंधित कैंसर में वृद्धि): संक्रमण कैंसर मामलों में वृद्धि में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं, जिनमें ह्यूमन पैपिलोमावायरस (Human Papillomavirus- HPV), गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर, हेपेटाइटिस B और C वायरस (यकृत का कैंसर) और H. Pylori (पेट का कैंसर) शामिल हैं।
कैंसर नियंत्रण हेतु भारत की पहल
भारत में बढ़ते कैंसर के भार से निपटने के लिये भारत क्या उपाय अपना सकता है?
स्मरण सूत्र (Mnemonic): CURE
- C – Control Carcinogens (कार्सिनोज़नों पर नियंत्रण): सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (2003) को सुदृढ़ करना तथा तंबाकू पर कर बढ़ाना, तंबाकू के उपयोग को कम करके, नए उपयोगकर्त्ताओं को रोककर और रोकथाम, जागरूकता तथा उपचार कार्यक्रमों के लिये निधि जुटाकर कैंसर को नियंत्रित कर सकता है।
- U – Universal Vaccination & Screening (सार्वभौमिक टीकाकरण और स्क्रीनिंग): HPV (सर्वाइकल कैंसर) और हेपेटाइटिस B (लिवर कैंसर) का टीकाकरण सुनिश्चित करना तथा एस्बेस्टस एवं कीटनाशकों जैसे व्यावसायिक कार्सिनोजेन्स को नियंत्रित करना।
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) को शामिल करके स्क्रीनिंग कार्यक्रमों को मज़बूत करना और शुरुआती पहचान तथा रेफरल के लिये ASHA और ANM कर्मियों का प्रशिक्षण देना।
- R – Robust Treatment Infrastructure (सुदृढ़ उपचार अवसंरचना): आयुष्मान भारत को सुदृढ़ करके सभी कैंसर देखभाल को शामिल करना और सार्वजनिक क्षेत्र की क्षमता बढ़ाना, अधिक तृतीयक देखभाल कैंसर केंद्र और उन्नत ऑन्कोलॉजी विभाग स्थापित करना, जिससे जेब से होने वाले व्यय कम हो।
- E – Evidence & Research (साक्ष्य और अनुसंधान): सटीक कैंसर डेटा के लिये राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (NCRP) का विस्तार करना, स्वदेशी अनुसंधान को बढ़ावा देना और स्पष्ट लक्ष्यों के साथ एक सुदृढ़ राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण योजना लागू करना।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. वैश्विक गिरावट के रुझान के बावजूद भारत में कैंसर के बढ़ते भार के कारणों का विश्लेषण कीजिये। |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. भारत में कैंसर का वर्तमान भार कितना है?
भारत में वर्ष 2023 में अनुमानित 15 लाख नए मामले और 12 लाख से अधिक मृत्यु दर्ज की गईं, वैश्विक गिरावट के बावजूद घटनाओं और मृत्यु दर में वृद्धि हो रही है।
2. भारत में कैंसर के भार को बढ़ाने वाले प्राथमिक परिवर्तनीय जोखिम कारक क्या हैं?
प्रमुख परिवर्तनीय जोखिम कारकों में तंबाकू का सेवन, शराब का सेवन, अस्वास्थ्यकर आहार और संक्रमण (जैसे HPV और हेपेटाइटिस) शामिल हैं, जिनके भारत में कैंसर से होने वाली मृत्यु में 70% तक योगदान करने का अनुमान है।
3. भारत में कैंसर नियंत्रण के लिये प्रमुख राष्ट्रीय पहल क्या है?
इन पहलों में कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम तथा नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPCDCS), राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड एवं राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस शामिल हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रिलिम्स
प्रश्न. कैंसरग्रस्त ट्यूमर के उपचार के संदर्भ में, साइबरनाइफ नामक एक उपकरण चर्चा में रहा है। इस संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है? (2010)
(a) यह एक रोबोटिक इमेज गाइडेड सिस्टम है।
(b) यह विकिरण की अत्यंत सटीक डोज़ प्रदान करता है।
(c) इसमें सब-मिलीमीटर सटीकता प्राप्त करने की क्षमता है।
(d) यह शरीर में ट्यूमर के प्रसार को मैप कर सकता है।
उत्तर: (d)
प्रश्न. 'RNA अंतर्क्षेप [RNA इंटरफे्रेंस (RNAi)]' प्रौद्योगिकी ने पिछले कुछ वर्षों में लोकप्रियता हासिल कर ली है। क्यों? (2019)
- यह जीन अनभिव्यक्तीकरण (जीन साइलेंसिंग) रोगोपचारों के विकास में प्रयुक्त होता है।
- इसे कैंसर की चिकित्सा में रोगोपचार विकसित करने हेतु प्रयुक्त किया जा सकता है।
- इसे हॉर्मोन प्रतिस्थापन रोगोपचार विकसित करने हेतु प्रयुक्त किया जा सकता है।
- इसे ऐसी फसल पादपों को उगाने के लिये प्रयुक्त किया जा सकता है, जो विषाणु रोगजनकों के लिये प्रतिरोधी हो।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) 1, 2 और 4
(b) 2 और 3
(c) 1 और 3
(d) केवल 1 और 4
उत्तर: (a)
मेन्स:
प्रश्न. नैनोटेक्नोलॉजी से आप क्या समझते हैं और यह स्वास्थ्य क्षेत्र में कैसे मदद कर रही है? (2020)
प्रश्न. ल्यूकीमिया, थैलासीमिया, क्षतिग्रस्त कॉर्निया व गंभीर दाह सहित सुविस्तृत चिकित्सीय दशाओं में उपचार करने के लिये भारत में स्टैम कोशिका चिकित्सा लोकप्रिय होती जा रही है। संक्षेप में वर्णन कीजिये कि स्टैम कोशिका उपचार क्या होता है और अन्य उपचारों की तुलना में उसके क्या लाभ हैं ? (2017)