मुख्य परीक्षा
भारत-ऑस्ट्रेलिया स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी
- 17 Oct 2025
- 49 min read
चर्चा में क्यों?
ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ एक महत्त्वपूर्ण सहयोग कर रहा है, जब दोनों देश वैश्विक आपूर्ति शृंखला की कमज़ोरियों के बीच महत्त्वपूर्ण खनिजों के लिये चीन पर निर्भरता कम करते हुए अपने महत्त्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया-भारत स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी को विस्तार देने की आवश्यकता क्यों है?
- इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन: इंडो-पैसिफिक को गंभीर जलवायु जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है, प्रति माह औसतन 10 जलवायु आपदाएँ (1970–2022) आती हैं, जिससे वर्ष 2050 तक 89 मिलियन लोग बेघर हो जाएंगे और 80% आबादी प्रभावित होगी।
- चीन पर अत्यधिक निर्भरता: चीन महत्त्वपूर्ण खनिजों में प्रभुत्व रखता है — वह 90% से अधिक रेयर अर्थ एलिमेंट्स का परिष्करण (Refining) करता है और विश्व के 80% सौर मॉड्यूल का उत्पादन करता है।
- नवीकरणीय ऊर्जा साझेदारी (REP): वर्ष 2024 में लॉन्च की गई REP आठ क्षेत्रों सौर पीवी तकनीक, ग्रीन हाइड्रोजन, ऊर्जा भंडारण, सौर आपूर्ति शृंखलाएँ, नवीकरणीय ऊर्जा में परिपत्र अर्थव्यवस्था, द्विपक्षीय निवेश, क्षमता निर्माण और अन्य साझा प्राथमिकताओं में सहयोग का खाका प्रस्तुत करती है।
- यह ट्रैक 1.5 संवाद भी शुरू करता है, जो नीतिनिर्माताओं, उद्योग और शोध संस्थानों को व्यावहारिक सहयोग के लिये जोड़ता है।
- स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति शृंखला: ऑस्ट्रेलिया महत्त्वपूर्ण खनिज और नियामक स्थिरता प्रदान करता है ताकि परिष्करण एवं प्रसंस्करण में सह-निवेश किया जा सके, जबकि भारत पैमाना, कुशल कार्यबल व सौर ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण एवं हाइड्रोजन के लिये बाज़ार की मांग प्रदान करता है, जिसे स्किल इंडिया तथा उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं का समर्थन प्राप्त है।
- साथ मिलकर, ये दोनों क्षेत्रीय रूप से मज़बूत और अनुकूल स्वच्छ ऊर्जा इकोसिस्टम तैयार कर सकते हैं।
- साझा जलवायु महत्त्वाकांक्षाएँ: भारत वर्षं 2030 तक 500 GW गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य रखता है, जिसमें से 280 GW सौर ऊर्जा से प्राप्त होगी, जबकि ऑस्ट्रेलिया वर्ष 2035 तक 62–70% उत्सर्जन में कमी का लक्ष्य रखता है, जो उसके नेट-ज़ीरो लक्ष्यों के अनुरूप है।
स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के लिये भारत की रणनीतिक वैश्विक साझेदारियाँ क्या हैं?
- भारत–EU स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु साझेदारी (CECP): वर्ष 2016 में स्थापित, यह साझेदारी ऑफशोर पवन, सौर पार्क, स्मार्ट ग्रिड, ऊर्जा भंडारण, बायोफ्यूल, हरित हाइड्रोजन और भवनों में ऊर्जा दक्षता के संयुक्त प्रोजेक्ट्स का समर्थन करती है।
- US-भारत रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी (SCEP): यह साझेदारी स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति शृंखला, अनुसंधान एवं विकास, सौर एवं पवन ऊर्जा, बैटरियाँ, ऊर्जा ग्रिड सिस्टम और स्वच्छ तकनीक निर्माण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
- ग्रीन फ्यूल्स एलायंस इंडिया (GFAI) डेनमार्क के साथ: डेनमार्क ने GFAI की स्थापना की ताकि सतत् ऊर्जा समाधानों पर सहयोग को मज़बूत किया जा सके और कार्बन न्यूट्रैलिटी के साझा लक्ष्य को आगे बढ़ाया जा सके, विशेष रूप से ग्रीन हाइड्रोजन जैसे ग्रीन फ्यूल्स पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस: इसे वर्ष 2023 में नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन में भारत और USA, ब्राज़ील, इटली, अर्जेंटीना, सिंगापुर, बांग्लादेश, मॉरीशस और UAE के अभिकर्त्ताओं द्वारा लॉन्च किया गया ताकि सतत् बायोफ्यूल्स को बढ़ावा दिया जा सके।
भारत में नवीकरणीय ऊर्जा
- नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता: मार्च 2025 तक, कुल नवीकरणीय ऊर्जा (RE) क्षमता 220.10 GW तक पहुँच गई है, जो पिछले वर्ष के 198.75 GW से बढ़ी है।
- क्षेत्रीय विवरण:
- सौर ऊर्जा: कुल स्थापित सौर क्षमता अब 105.65 GW है, जिसमें वित्तीय वर्ष 2024–25 में 23.83 GW नई क्षमता जोड़ी गई, जिससे सौर ऊर्जा इस वर्ष की क्षमता विस्तार में सबसे बड़ा योगदानकर्त्ता बनी।
- पवन ऊर्जा: कुल संचयी स्थापित पवन क्षमता अब 50.04 GW है, जिसमें वर्ष 2024–25 में 4.15 GW नई क्षमता जोड़ी गई।
- जैव ऊर्जा: जैव ऊर्जा प्रतिष्ठानों की कुल क्षमता 11.58 GW तक पहुँच गई है, जिसमें ऑफ-ग्रिड और वेस्ट-टू-एनर्जी प्रोजेक्ट्स से 0.53 GW शामिल है।
- लघु जल विद्युत: लघु जल विद्युत परियोजनाओं की क्षमता 5.10 GW तक पहुँच गई है और अतिरिक्त 0.44 GW परियोजनाओं के तहत निर्माणाधीन है।
- भारत की पंचमित्र योजना:
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. भारत-ऑस्ट्रेलिया नवीकरणीय ऊर्जा साझेदारी के महत्त्व पर चर्चा कीजिये, जो जलवायु परिवर्तन और आपूर्ति शृंखला की कमज़ोरियों को संबोधित करने में सहायक है। |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. भारत-ऑस्ट्रेलिया नवीकरणीय ऊर्जा साझेदारी (REP) क्या है?
REP एक द्विपक्षीय पहल है, जिसे वर्ष 2024 में लॉन्च किया गया था। यह सौर PV, ग्रीन हाइड्रोजन, ऊर्जा भंडारण और क्षमता निर्माण पर केंद्रित है ताकि स्वच्छ ऊर्जा सहयोग को मज़बूत किया जा सके।
2. भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की स्थिति क्या है?
कुल क्षमता 220.10 GW तक पहुँच गई है, जिसमें सौर ऊर्जा 105.65 GW, पवन ऊर्जा 50.04 GW, जैव ऊर्जा 11.58 GW और लघु जल विद्युत 5.10 GW है।
3. चीन पर अत्यधिक निर्भरता भारत और ऑस्ट्रेलिया के लिये क्यों चुनौती है?
चीन 90% से अधिक रेयर अर्थ एलिमेंट्स का परिष्करण करता है तथा विश्व के 80% सौर मॉड्यूल का उत्पादन करता है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन, पवन और सौर ऊर्जा क्षेत्रों में दोनों देशों के लिये जोखिम उत्पन्न होता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रीलिम्स
प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा सरकार की एक योजना 'उदय'(UDAY) का उद्देश्य है? (2016)
(a) ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों के क्षेत्र में स्टार्टअप उद्यमियों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करना।
(b) वर्ष 2018 तक देश के हर घर में विद्युत पहुँचाना।
(c) कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों को समय के साथ प्राकृतिक गैस, परमाणु, सौर, पवन और ज्वारीय विद्युत संयंत्रों से बदलना।
(d) विद्युत वितरण कंपनियों के बदलाव और पुनरुद्धार के लिये वित्त प्रदान करना।
उत्तर: (d)
मेन्स
प्रश्न. "वहनीय (अफोर्डेबल), विश्वसनीय, धारणीय तथा आधुनिक ऊर्जा तक पहुँच संधारणीय (सस्टेनबल) विकास लक्ष्यों (एस० डी० जी०) को प्राप्त करने के लिये अनिवार्य है।" भारत में इस संबंध में हुई प्रगति पर टिप्पणी कीजिये। (2018)
प्रश्न. परंपरागत ऊर्जा की कठिनाइयों को कम करने के लिये भारत की ‘हरित ऊर्जा पट्टी’ पर लेख लिखिये। (2013)