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डेली न्यूज़


जैव विविधता और पर्यावरण

प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार योजना

  • 03 Dec 2021
  • 4 min read

प्रिलिम्स के लिये:

ऊर्जा दक्षता के लिये राष्ट्रीय मिशन,  ऊर्जा बचत प्रमाणपत्र, जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्ययोजना

मेन्स के लिये:

प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार योजना के मुख्य प्रावधान एवं महत्त्व 

चर्चा में क्यों?   

सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (Centre for Science and Environment- CSE) द्वारा जारी एक हालिया रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि वर्ष 2008 में शुरू की गई प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार योजना (Perform, Achieve and Trade- PAT) प्रभावी नहीं है।

  • PAT योजना भारतीय उद्योगों में ऊर्जा दक्षता में सुधार लाने और ग्रीनहाउस गैस को कम करने के लिये शुरू की गई थी।
  • रिपोर्ट में योजना की अक्षमता को गैर-पारदर्शिता, अधूरे लक्ष्यों और समय-सीमा कि उपेक्षा के लिये ज़िम्मेदार ठहराया गया है।

सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरनमेंट (CSE)

  • CSE नई दिल्ली में स्थित एक जनहित अनुसंधान (Public Interest Research) और एडवोकेसी ऑर्गेनाइज़ेशन (Advocacy Organisation) है। 
  • यह टिकाऊ और न्यायसंगत विकास की आवश्यकता हेतु शोध एवं लॉबीज़ (Lobbies) को बढ़ावा देता है।

प्रमुख बिंदु 

  • प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार योजना के बारे में:
  • ऊर्जा बचत प्रमाणपत्र (ESCerts):
    • यह बड़े ऊर्जा-गहन उद्योगों में ऊर्जा दक्षता में तीव्रता लाने के साथ-साथ उन्हें प्रोत्साहन देने हेतु एक बाजार-आधारित तंत्र है।
    • अंडर अचीवर्स (Under Achievers) द्वारा ESCerts की खरीद दो पावर एक्सचेंजों - इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) और पावर एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड (पीएक्सआईएल) के माध्यम से की जाती है।
    • इस योजना में भाग लेने वाले उद्योगों को नामित खरीदार (Designated Shoppers) कहा जाता है।
  • कवर किये गए क्षेत्र:
    • PAT में शामिल 13 ऊर्जा-गहन क्षेत्र: थर्मल पावर प्लांट (TPP), सीमेंट, एल्युमीनियम, लोहा और इस्पात, लुगदी तथा कागज़, उर्वरक, क्लोर-क्षार, पेट्रोलियम रिफाइनरी, पेट्रोकेमिकल्स, वितरण कंपनियाँ, रेलवे, कपड़ा एवं वाणिज्यिक भवन (होटल व हवाई अड्डे)।
  • ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने हेतु अन्य पहलें:

आगे की राह:

ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन शमन के संबंध में वैश्विक जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने हेतु ऊर्जा उत्सर्जन से संबंधित उपबंधों को सख्ती के साथ लागू किया जाना चाहिये। 

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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