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जैव विविधता और पर्यावरण

भारत में प्राकृतिक आपदा से विस्थापन

  • 05 Jun 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट

मेन्स के लिये:

भारत में प्राकृतिक आपदा से विस्थापन की स्थिति 

चर्चा में क्यों?

सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (Centre for Science and Environment-CSE) द्वारा जारी एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 में भारत में मौसम संबंधी आपदाओं के कारण 50 लाख लोग विस्थपित हुए हैं, जो कि विश्व में सबसे ज़्यादा है। 

प्रमुख बिंदु:

  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में दुनिया भर में प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले कुल  आंतरिक विस्थापनों (Internal Displacements) में भारत का पाँचवा स्थान रहा। इन प्राकृतिक आपदाओं में बाढ़, चक्रवात, सूखा, इत्यादि शामिल हैं। 
  • वर्ष 2019 में 19 प्रमुख चरम मौसमी की घटनाओं के कारण 1357 लोगों की मृत्यु हुई है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण आई बाढ़ से 26 लाख लोग विस्थापित हुए थे, जबकि सिर्फ चक्रवात फानी (Fani) के कारण 18 लाख लोगों का विस्थापन हुआ था। 
  • गौरतलब है कि 19 राज्यों में सूखे की स्थिति से उत्पन्न समस्याओं के कारण 63 हज़ार लोग विस्थापित हुए हैं। 
  • रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि कई लोग रोज़गार की तलाश में भी विस्थापित हुए हैं। वर्तमान में लगभग 45 करोड़ लोगों के विस्थापन में से अधिकांश अपने ही राज्य में विस्थापित हुए हैं। वर्ष 2011 में 1.7 करोड़ से अधिक नए लोग रोज़गार की तलाश में ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों में विस्थापित हुए हैं। 

रिपोर्ट के अन्य प्रमुख बिंदु:

  • रिपोर्ट में वन, जल, अपशिष्ट, वायु, भूमि, वन्य जीवन और अन्य प्राकृतिक संसाधनों पर भी कुछ जानकारियाँ साझा की गई हैं।  
  • वर्ष 2014-18 के बीच बाघों की संख्या में 747 की वृद्धि दर्ज की गई। हालाँकि बाघों के संरक्षण के लिये आवंटित कुल क्षेत्र में 179 वर्ग किलोमीटर की कमी दर्ज की गई है।
  • 38% ज़िलों के वन आच्छादन में भी कमी आई है, जबकि 21 में से 5 नदियाँ खत्म होने की कगार पर हैं।

सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (Centre for Science and Environment-CSE)

  • यह एक गैर-लाभकारी संस्थान है जो भारत में पर्यावरण, विकास के मुद्दों पर थिंक टैंक के रूप में कार्य कर रहा है। इसकी स्थापना वर्ष 1980 में की गई थी
  • इस संस्थान ने वायु और जल प्रदूषण, अपशिष्ट जल प्रबंधन, औद्योगिक प्रदूषण, खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा संबंधी पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता एवं शिक्षा का प्रसार करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कार्य किया है। 
  • पर्यावरण शिक्षा और संरक्षण की दिशा में इसके योगदान के कारण वर्ष 2018 में इसे शांति, निशस्त्रीकरण और विकास के लिये इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट:

  • गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (United Nations Children's Fund- UNICEF) द्वारा जारी एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 में भारत में प्राकृतिक आपदाओं, संघर्ष और हिंसा के कारण 5 मिलियन से अधिक लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं। 
  • वर्ष 2019 में भारत में आंतरिक रूप से सर्वाधिक विस्थापन हुआ है। भारत के बाद क्रमश: फिलीपींस, बांग्लादेश और चीन का स्थान है। 
  • भारत, फिलीपींस, बांग्लादेश, और चीन प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होने वाले शीर्ष देश हैं, इन देशों में वैश्विक आपदा-प्रेरित विस्थापन का लगभग 69% योगदान है। 
  • भारत में वर्ष 2019 में कुल 5,037,000 लोगों का आंतरिक विस्थापन हुआ जिनमें से 5,018,000 लोगों का विस्थापन प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुआ है। 

स्रोत: द हिंदू

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