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राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार

  • 12 Jan 2021
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विद्युत मंत्रालय द्वारा ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) के सहयोग से 30वें राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (NECA) समारोह का आयोजन किया गया।

  • इस समारोह के दौरान एयर कम्प्रेशर और अल्ट्रा हाई डेफिनेशन (UHD) टीवी के लिये स्वैच्छिक मानक और लेबलिंग कार्यक्रम तथा साथी (SATHEE) पोर्टल भी लॉन्च किये गए।

प्रमुख बिंदु

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (NECA) समारोह

  • विद्युत मंत्रालय ने वर्ष 1991 में एक योजना शुरू की, जिसका उद्देश्य ऐसे उद्योगों और प्रतिष्ठानों को पुरस्कृत कर राष्ट्रीय मान्‍यता प्रदान करना था, जिन्होंने अपने उत्पादन को बनाए रखते हुए ऊर्जा की खपत को कम करने के लिये विशेष प्रयास किये हैं।
    • राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार पहली बार 14 दिसंबर, 1991 को दिया गया था, इसे 'राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस' के रूप में घोषित किया गया है।
  • यह पुरस्कार उद्योगों, प्रतिष्ठानों और संस्थानों में कुल 56 उप-क्षेत्रों के तहत ऊर्जा दक्षता उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करता है।
  • पुरस्कार समारोह के दौरान इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया गया कि पैट चक्र द्वितीय (PAT Cycle II) के प्रभाव से CO2 के उत्सर्जन में 61 मिलियन टन की कमी हुई है।

कार्य निष्पादन, उपलब्धि और व्यापार (PAT) योजना 

  • यह ऊर्जा-गहन बड़े उद्योगों में ऊर्जा दक्षता में तेज़ी लाने और उसे प्रोत्साहित करने हेतु एक बाज़ार-आधारित तंत्र है।
  • इसके तहत ऊर्जा बचत के प्रमाणीकरण के माध्यम से ऊर्जा दक्षता सुधार में लागत प्रभावशीलता बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। 
  • इस योजना को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है और इसने न केवल देश में अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया है बल्कि कई अन्य देशों ने भी इसमें रुचि व्यक्त की है। 

एयर कम्प्रेशर और अल्ट्रा हाई डेफिनेशन (UHD) टीवी के लिये मानक और लेबलिंग कार्यक्रम

  • इस कार्यक्रम का कार्यान्वयन स्वैच्छिक आधार पर किया जाएगा। 
  • इसका उद्देश्य ऊर्जा संरक्षण के स्तर को बढ़ाना है और संरक्षित ऊर्जा का उपयोग घर अथवा कार्यस्थल में अलग-अलग उद्देश्यों के लिये किया जा सकता है।
  • ऊर्जा की बचत के अलावा यह कार्यक्रम ऊर्जा बिलों अथवा लागत को कम करने में भी मदद कर सकता है।

साथी (SAATHEE) पोर्टल:

  • ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE)  द्वारा एक प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) पोर्टल विकसित किया गया है जिसका पूरा नाम ‘स्टेट-वाइज़ एक्शन ऑन एनुअल टारगेट एंड हेडवेज़ ऑन एनर्जी एफिशिएंसी- साथी (State-Wise Actions on Annual Targets and Headways on Energy Efficiency-SAATHEE) है।
  • SDAs के लिये: यह राज्य स्तर की गतिविधियों हेतु राज्य मनोनीत एजेंसी (State Designated Agency- SDA) के लिये एक पोर्टल है।
    • राज्यों की ऊर्जा दक्षता स्थिति पर नियंत्रण: यह संपूर्ण देश में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा कार्यान्वित ऊर्जा दक्षता गतिविधियों की भौतिक और वित्तीय स्थिति/प्रगति पर नियंत्रण स्थापित करने में उपयोगी साबित होगा। अत: यह रियल टाइम मॉनीटरिंग की सुविधा प्रदान करेगा।
    • निर्णयन और अनुपालन का सुव्यवस्थीकरण: यह अखिल भारतीय स्तर पर विभिन्न ऊर्जा उपभोक्ताओं को निर्णयन, समन्वयन, नियंत्रण, विश्लेषण और प्रक्रियाओं के कार्यान्वयन तथा प्रवर्तन में भी सहायता करेगा।

ऊर्जा दक्षता लक्ष्य:

  • भारत में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन और प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत सबसे कम है। इसके बावजूद देश में जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न वैश्विक चुनौती से निपटने हेतु महत्त्वाकांक्षी प्रतिबद्धताओं का पालन किया जा रहा है।
    • भारत ने वर्ष 2005 के स्तर की तुलना में वर्ष 2030 तक उत्सर्जन की तीव्रता को 33-35 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो COP21 की  प्रतिबद्धताओं का हिस्सा है।
  • भारतीय प्रधानमंत्री ने वर्ष 2030 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता को 450 GW तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

ऊर्जा संरक्षण हेतु शुरू की गई पहल

  • कार्य निष्पादन, उपलब्धि और व्यापार (PAT) योजना, मानक और लेबलिंग कार्यक्रम तथा ऊर्जा संरक्षण भवन कोड आदि।

नोट

  • SATHI (परिष्कृत विश्लेषणात्मक और तकनीकी सहायता संस्थान)
    • यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science & Technology) द्वारा शुरू की गई एक पहल है।
    • उद्देश्य: इसका उद्देश्य शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिये एक ही छत के नीचे उच्च दक्षता युक्त तकनीकी सुविधाएँ मुहैया कराना है ताकि शिक्षा, स्टार्ट-अप, विनिर्माण, उद्योग और R&D लैब आदि ज़रूरतें आसानी से पूरी हो सकें।
  • SAATHI (लघु उद्योगों की सहायता हेतु कुशल टेक्सटाइल तकनीकों का सतत् एवं त्वरित अनुकूलन) पहल:
    • यह कपड़ा मंत्रालय (Ministry of Textiles) की एक पहल है।
    • उद्देश्य: पावरलूम क्षेत्र में ऊर्जा कुशल टेक्सटाइल तकनीकों को अपनाना और उसमें तेज़ी लाना तथा इस तरह की प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से लागत को कम करना।
  • SATH (सस्टनेबल एक्शन फॉर ट्रांसफार्मिंग ह्यूमन कैपिटल) कार्यक्रम:
    • यह NITI Aayog का एक कार्यक्रम है।
    • उद्देश्य: शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में परिवर्तन करना तथा भविष्य के ’रोल मॉडल’ राज्यों का निर्माण करना।

स्रोत: पी.आई.बी.

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