लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली न्यूज़

शासन व्यवस्था

आत्मनिर्भर नारीशक्ति से संवाद

  • 14 Aug 2021
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

आत्मनिर्भर नारीशक्ति से संवाद, स्वयं सहायता समूह

मेन्स के लिये:

महिला सशक्तीकरण के लिये विभिन्न सरकारी पहलें

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री (PM) ने 'आत्मनिर्भर नारीशक्ति से संवाद' में भाग लिया और दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के तहत पदोन्नत महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) के सदस्यों के साथ संवाद किया।

प्रमुख बिंदु:

सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ:

  • प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के दौरान महिलाओं की अभूतपूर्व सेवाओं के लिये स्वयं सहायता समूहों की सराहना की।
    • उदाहरण के लिये मास्क और सैनिटाइज़र बनाने तथा ज़रूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने एवं जागरूकता फैलाने में महिलाओं का अद्वितीय योगदान।
  • प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री सूक्ष्‍म खाद्य उद्योग उन्‍नयन योजना (PM FME) और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के लिये SHG को सहायता राशि जारी की।
  • प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अब बिना गारंटी के SHG को उपलब्ध ऋण की सीमा दोगुनी कर 20 लाख रुपए कर दी गई है।
  • देश को सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्त बनाने के प्रयास में स्वयं सहायता समूह महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
    • SHG सिंगल यूज़ प्लास्टिक के बारे में जागरूकता बढ़ा सकते हैं और इसके विकल्प के लिये कार्य कर सकते हैं।
    • इस संदर्भ में SHG ऑनलाइन गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस का पूरा लाभ उठा सकते हैं।

स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के संदर्भ में:

  • SHG उन लोगों का अनौपचारिक संघ है जो अपने रहने की स्थिति में सुधार के तरीके खोजने के लिये एक साथ आने का विकल्प चुनते हैं।
  • इसे समान सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि वाले लोगों के स्व-शासित, सहकर्मी नियंत्रित सूचना समूह के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो सामूहिक रूप से सामान्य उद्देश्य को पूरा करने की इच्छा रखते हैं।
  • गाँवों में गरीबी, निरक्षरता, कौशल की कमी, औपचारिक ऋण की कमी आदि से संबंधित कई समस्याएँ हैं। इन समस्याओं का समाधान व्यक्तिगत स्तर पर नहीं किया जा सकता है तथा सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
  • इस प्रकार SHG गरीबों और हाशिये पर पड़े लोगों के लिये बदलाव का माध्यम बन सकता है। SHG स्व-रोज़गार और गरीबी उन्मूलन को प्रोत्साहित करने के लिये "स्वयं सहायता" की धारणा पर निर्भर करता है।
  • वर्ष 1999 में भारत सरकार ने SHG के गठन और कौशल के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोज़गार को बढ़ावा देने के लिये स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोज़गार योजना (SGSY) की शुरुआत की। यह कार्यक्रम वर्ष 2011 में एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में विकसित हुआ और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) में परिवर्तित हो गया।
  • एसएचजी को बढ़ावा देने के लिये अन्य पहलें:
  • आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने शहरी SHG उत्पादों के विपणन के लिये 'सोन चिरैया' (एक ब्रांड और लोगो) को लॉन्च किया है। यह राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY-NULM) को भी लागू करता है।

विभिन्न क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण के लिये सरकारी पहल:

स्रोत: पी.आई.बी

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2