इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 10 Nov, 2020
  • 13 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स: 10 नवंबर, 2020

दक्षिण जॉर्जिया की ओर खिसकता विशाल हिमखंA68a

Giant Antarctic iceberg on collision course with British territory of South Georgia

वैज्ञानिकों के अनुसार, A68a नामक हिमखंड (Iceberg) सुदूर दक्षिण अटलांटिक द्वीप से विखंडित होकर ब्रिटिश आधिपत्य दक्षिण जॉर्जिया से टकराने की कगार पर है।

South-Georgia

प्रमुख बिंदु:

  • यह हिमखंड आकार में लगभग 150 किलोमीटर लंबा तथा 48 किलोमीटर चौड़ा है।
  • वर्तमान में यह ‘हिमखंड एले’ (Iceberg Alley) नामक किनारे के साथ दक्षिण जॉर्जिया की ओर खिसक रहा है जो वर्ष 2017 में अंटार्कटिका के लार्सन सी शेल्फ ( Larsen C Shelf) से विखंडित हुआ था।
    • शुरुआत में यह A-68 के रूप में जाना जाता था, दक्षिण जॉर्जिया की ओर खिसकने से यह विखंडित हो गया जिसे बाद में A-68a नाम दिया गया।
  • वर्तमान में यह दक्षिण जॉर्जिया के दक्षिण-पश्चिमी किनारे से कुछ सौ किलोमीटर दूर है।

प्रभाव:

  • नकारात्मक-
    • वैज्ञानिकों के अनुसार, यदि टकराने के बाद यह स्थिति दस वर्षों तक बनी रहती है तो यह न केवल जॉर्जिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा बल्कि वहाँ के पारिस्थितिकी तंत्र को भी प्रभावित कर सकता है।
    • यह हिमखंड दक्षिण जॉर्जिया क्षेत्र में हज़ारों पेंगुइन और सीलों के निवास स्थान के साथ उनके लिये उपलब्ध खाद्य पदार्थों को भी क्षति पहुँचा सकता है।
    • यह वहाँ के मछली उत्पादन को बड़े स्तर पर प्रभावित कर सकता है।
  • सकारात्मक-
    • वैज्ञानिकों के अनुसार, हिमखंड अपने साथ भारी मात्रा में धूल (Dust) ले जाते हैं जो महासागर के प्लवकों (Plankton) को पोषित करती है, परिणामस्वरूप वहाँ की खाद्य शृंखला लाभान्वित होगी।

 बिंगो और बोगोरिया झील

Kenya's lakes are flooding

हाल में देखा गया है कि केन्या की रिफ्ट घाटी में अवस्थित बिंगो और बोगोरिया झीलों में अधिक वर्षा के कारण जल का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।

Bogoria

प्रमुख बिंदु:

  • रिफ्ट घाटी में मानसून के दौरान लगभग प्रत्येक वर्ष बाढ़ आती है।
  • इन झीलों का जलस्तर बढ़ने से आसपास के घरों, स्कूलों, राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीवों एवं आजीविका को नुकसान पहुँच रहा है।
  • वैज्ञानिकों के अनुसार, अधिक वर्षा और  बाढ़ की बढ़ती बारंबारता का कारण जलवायु परिवर्तन तथा वनों का कटाव है।
  • रिफ्ट घाटी में स्थित बिंगो और बोगोरिया झील पहले एक-दूसरे से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर थी, वर्तमान में जलस्तर बढ़ने के कारण ये एक-दूसरे के समीप आ गई हैं जिससे इनके दूषित होने की संभावना बढ़ गई है।  

बिंगो और बोगोरिया झील के संदर्भ में:

  • ये दोनों झीलें स्थानीय नागरिकों के स्थायित्व को बनाए रखने, पर्यटकों को आकर्षित करने और कई वन्यजीव प्रजातियों के लिये निवास स्थान उपलब्ध कराने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
  • बिंगो झील स्थानीय नागरिकों को सिंचाई और पीने का पानी उपलब्ध कराती है, साथ ही यह नील (Nile) मगरमच्छों का निवास स्थान भी है।
  • बोगोरिया झील एक विश्व धरोहर स्थल है और फ्लेमिंगो सहित सैकड़ों पक्षियों की प्रजातियों का निवास स्थान है।

पृथ्वी अवलोकन उपग्रह EOS-01

ISRO launches earth observation satellite EOS-01

हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO) ने पृथ्वी अवलोकन उपग्रह EOS-01 (Earth Observation Satellite EOS-01) का सफल प्रक्षेपण किया।

प्रमुख बिंदु:

  • पृथ्वी अवलोकन EOS-01 उपग्रह को PSLV- C49 से प्रक्षेपित किया गया। यह PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle) का 51वाँ मिशन था।
  • इस मिशन के अंतर्गत 9 विदेशी उपग्रहों को भी प्रक्षेपित किया गया है।
  • इन उपग्रहों को अंतरिक्ष विभाग के न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NewSpace India Limited- NSIL) के साथ एक वाणिज्यिक समझौते के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया।
  • इनमें चार उपग्रह अमेरिका के, 4 लक्ज़मबर्ग के तथा 1 लिथुआनिया का है।
  • इसरो द्वारा शुरू किये गए अन्य पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों में RESOURCESAT- 2, 2A; CARTOSAT-1, 2, 2A, 2B; RISAT-1 और 2; OCEANSAT-2, मेघा-ट्रॉपिक, SARAL तथा SCATSAT-1, INSAT-3DR, 3D शामिल हैं।

EOS-01 के संदर्भ में:

  • ISRO के अनुसार, EOS-01 उपग्रह कृषि प्रबंधन, वानिकी और आपदा प्रबंधन सहायता जैसे उद्देश्यों की पूर्ति के लिये एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है।
  • पृथ्वी अवलोकन का अर्थ है पृथ्वी के भौतिक, रासायनिक और जैविक प्रणालियों के बारे में जानकारी एकत्र करना।
  • पृथ्वी अवलोकन उपग्रह, रिमोट सेंसिंग तकनीक से लैस होते हैं।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 10 नवंबर, 2020

शांति और विकास के लिये विश्व विज्ञान दिवस

हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्त्व और प्रासंगिकता को बढ़ावा देने के लिये प्रत्येक वर्ष 10 नवंबर को शांति और विकास के लिये विश्व विज्ञान दिवस मनाया जाता है। यह दिवस समाज में विज्ञान की महत्त्वपूर्ण भूमिका और वैज्ञानिक मुद्दों पर बहस में आम जनता को संलग्न करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नागरिकों को विज्ञान के विकास से अवगत किया जाए। साथ ही यह दिवस पृथ्वी को लेकर हमारी समझ को व्यापक बनाने में विज्ञान की भूमिका को भी रेखांकित करता है। शांति और विकास के लिये विश्व विज्ञान दिवस सर्वप्रथम 10 नवंबर, 2002 को यूनेस्को (UNESCO) के तत्त्वावधान में दुनिया भर में मनाया गया था। शांति और विकास के लिये विश्व विज्ञान दिवस, आम जनता को उनके जीवन में विज्ञान की प्रासंगिकता दर्शाने और इसे वार्ता में शामिल करने का अवसर प्रदान करता है। वर्ष 2020 के लिये इस दिवस की थीम ‘साइंस फॉर एंड विथ सोसाइटी इन डीलिंग विथ कोविड-19’ रखी गई है। 

ज्ञानेंद्रो निंगोबम

मणिपुर के ज्ञानेंद्रो निंगोबम को हॉकी इंडिया के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुन लिया गया है। इसी के साथ ज्ञानेंद्रो निंगोबम पूर्वोत्तर भारत से हॉकी इंडिया के पहले अध्यक्ष बन गए हैं और आगामी दो वर्ष तक हॉकी इंडिया के प्रमुख के रूप में कार्य करेंगे। ध्यातव्य है कि इसी वर्ष जुलाई के महीने में हॉकी इंडिया के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से ज्ञानेंद्रो निंगोबम हॉकी इंडिया के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने हॉकी इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, मणिपुर हॉकी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मणिपुर हॉकी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के रूप में भी कार्य किया है। हॉकी इंडिया भारत में हॉकी के खेल का आधिकारिक निकाय है जो देश में हॉकी को बढ़ावा देने और संबंधित प्रतियोगितओं को आयोजित करने जैसे कार्य करता है। इसे अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ और भारतीय ओलंपिक संघ की मान्यता भी प्राप्त है।

पंजाब और झारखंड ने CBI से आम सहमति वापस ली

पंजाब और झारखंड सरकार ने राज्य में मामलों की जाँच के लिये केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को दी गई ‘सामान्य सहमति’ (General Consent) वापस ले ली है। आम सहमति को वापस लेने का अर्थ है कि अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) बिना किसी पूर्व अनुमति के दोनों राज्यों में किसी भी प्रकार की जाँच नहीं कर सकता है। इस निर्णय के साथ पंजाब और झारखंड उन आठ राज्यों की सूची में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने CBI को जाँच के लिये दी गई अपनी आम सहमति वापस लेने का निर्णय लिया है। इससे पूर्व केरल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और छत्तीसगढ़ भी CBI को दी गई अपनी आम सहमति वापस ले चुके हैं। दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम (DSPEA) की धारा 6 के मुताबिक, दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान का कोई भी सदस्य किसी भी राज्य सरकार की सहमति के बिना उस राज्य में अपनी शक्तियों और अधिकार क्षेत्र का उपयोग नहीं करेगा। 

ऑस्ट्रेलिया में 500 मीटर लंबी प्रवाल भित्ति
ऑस्ट्रेलिया के खोजकर्त्ताओं ने ‘ग्रेट बैरियर रीफ’ में 500 मीटर लंबी प्रवाल भित्ति (Coral Reef) की खोज की है। इस प्रवाल भित्ति की संरचना एक ब्लेड जैसी है, जिसका निचला हिस्सा तकरीबन 1.5 किलोमीटर चौड़ा है। हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, विगत 30 वर्षों में ग्रेट बैरियर रीफ ने अपनी प्रवाल भित्तियों का 50 प्रतिशत हिस्सा खो दिया है। ध्यातव्य है कि ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर स्थित ‘ग्रेट बैरियर रीफ’ में विश्व की सबसे अधिक प्रवाल भित्तियाँ पाई जाती हैं। प्रवाल (Coral) एक सूक्ष्म जीव होता है। चूना पत्थर (कैल्शियम कार्बोनेट) से निर्मित इसका निचला हिस्सा काफी कठोर होता है, जो कि प्रवाल भित्तियों की संरचना का निर्माण करता है। प्रवाल भित्तियों का निर्माण तब शुरू होता है जब प्रवाल स्वयं को समुद्र तल पर मौजूद चट्टानों से जोड़ते हैं, फिर हज़ारों की संख्या में विभाजित हो जाते हैं। धीरे-धीरे कई सारे प्रवाल पॉलिप्स एक-दूसरे से जुड़ते हैं और एक कॉलोनी बनाते हैं। फिर जैसे-जैसे ये कॉलोनियाँ अन्य कॉलोनियों के साथ जुड़ती हैं तो प्रवाल भित्तियों (Coral Reefs) का रूप ले लेती हैं। इस प्रक्रिया में कई हज़ार वर्षों का समय लगता है।


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow