इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 09 Nov, 2020
  • 16 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स: 09 नवंबर, 2020

राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस  

National Legal Services Day

प्रत्येक वर्ष 9 नवंबर को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस (National Legal Services Day-NLSD) मनाया जाता है

उद्देश्य: इसका मुख्य उद्देश्य लोगों में कानूनी जागरूकता फैलाना है, साथ ही समाज के गरीब एवं कमज़ोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता एवं सलाह प्रदान करना है, ताकि सभी के लिये न्याय सुनिश्चित हो सके।

प्रमुख बिंदु: 

  • राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस (NLSD) की शुरुआत पहली बार वर्ष 1995 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समाज के गरीब एवं कमज़ोर वर्गों को सहायता एवं समर्थन प्रदान करने के लिये की गई थी।
  • भारतीय संसद द्वारा भारतीय विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 (Indian Legal Services Authorities Act 1987) को 9 नवंबर, 1995 को लागू किया गया। इसलिये 9 नवंबर को ‘राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस’ के रूप में चिह्नित किया गया है।

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण

(National Legal Services Authority-NALSA):

  • नालसा (NALSA) का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अंतर्गत समाज के कमज़ोर वर्गों को नि:शुल्क कानूनी सेवाएँ प्रदान करने के लिये और विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिये लोक अदालतों का आयोजन करने के उद्देश्य से किया गया है।
  • भारत का मुख्य न्यायाधीश नालसा (NALSA) का मुख्य संरक्षक होता है और भारत के सर्वोच्च न्यायालय का द्वितीय वरिष्ठ न्यायाधीश प्राधिकरण का कार्यकारी अध्यक्ष होता है। 
  • संविधान के अनुच्छेद 39 A, अवसर की समानता के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने के लिये समाज के गरीब और कमज़ोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रावधान करता है। अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 22 (1), विधि के समक्ष समानता सुनिश्चित करने के लिये राज्य को बाध्य करते हैं।

मुफ्त विधिक सेवाएँ: 

  • किसी कानूनी कार्यवाही में कोर्ट फीस और अन्य सभी प्रभार अदा करना।
  • कानूनी कार्यवाही में वकील उपलब्ध कराना। 
  • कानूनी कार्यवाही में आदेशों आदि की प्रमाणित प्रतियाँ प्राप्त करना।
  • कानूनी कार्यवाही में अपील और दस्तावेज़ का अनुवाद और छपाई सहित पेपर बुक तैयार करना।

डोबरा चांठी पुल

Dobra Chanthi Bridge

8 नवंबर, 2020 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा टिहरी-गढ़वाल ज़िले में टिहरी झील (Tehri lake) पर लंबे समय से प्रतीक्षित डोबरा-चांठी पुल (Dobra Chanthi Bridge) का उद्घाटन किया गया। 

Dobra-Chanthi-Bridge

प्रमुख बिंदु:

  • यह देश का सबसे लंबा सिंगल लेन मोटरेबल सस्पेंसन ब्रिज (Motorable Suspension Bridge) है।
  • 725 मीटर लंबे इस पुल को सार्वजनिक उपयोग के लिये खोल दिया गया है।
  • यह टिहरी और प्रताप नगर के बीच यात्रा के समय में 1.5-5 घंटे की कटौती करेगा।
  • 2.96 करोड़ रुपए की लागत से टिहरी झील के ऊपर बने इस सस्पेंशन ब्रिज से टिहरी ज़िले के प्रताप नगर और थौलधार (Thauldhar) के लगभग 2.50 लाख लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद जताई गई है।
  • टिहरी बाँध के निर्माण के साथ प्रताप नगर को ज़िला मुख्यालय से जोड़ने वाला पुल टिहरी झील में जलमग्न हो गया था और क्षेत्र के स्थानीय लोगों को 100 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी  तय करने के लिये मजबूर होना पड़ रहा था।
    • टिहरी बांँध भारत का सबसे ऊँचा और दुनिया के सबसे ऊँचे बाँधों में से एक है। यह उत्तराखंड में टिहरी के पास भागीरथी नदी पर बनाया गया है।
  • इसके उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि डोबरा-चांठी पुल क्षेत्र में विकास का एक प्रवेश द्वार होगा। भविष्य में यह स्थान एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में उभरेगा जिससे स्थानीय लोगों के लिये रोज़गार भी उत्पन्न होंगे।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में अवस्थित टिहरी झील (Tehri lake) एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है।


मार्सुपियल्स की दो नई प्रजातियाँ

Two new species of Marsupials

हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्त्ताओं ने मार्सुपियल्स की दो नई प्रजातियों की पहचान की है, ये दोनों प्रजातियाँ ‘डो-आइड फ्लाइंग मार्सुपियल्स’ (Doe-eyed Flying Marsupials) परिवार से संबंधित हैं जिन्हें ग्रेटर ग्लाइडर्स (Greater Gliders) के रूप में जाना जाता है।

Marsupials

प्रमुख बिंदु:

  • ‘नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, उत्तरी एवं मध्य ऑस्ट्रेलिया में ग्लाइडर की दो नई विशिष्ट एवं छोटी प्रजातियाँ खोजी गई हैं जो देश के दक्षिणी छोर में स्थित मार्सुपियल के ज्ञात आवास के बाहर हैं। 
    • पहले से ही ज्ञात दक्षिणी ग्लाइडर (Southern Glider) जो कि एक सामान्य पोसम (Possum) के आकार का होता है, दिन के समय विक्टोरिया एवं न्यू साउथ वेल्स के जंगलों में खोखले पेड़ों में सोता है और यूकेलिप्टस के पत्तों की तलाश में रात में बाहर निकलता है।
      • हाल के वर्षों में इसे एक जोखिम वाली प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है, ग्लोबल वार्मिंग एवं शहरी विकास के अतिक्रमण के कारण इसकी आबादी में पिछले दो दशकों में 80% से अधिक की गिरावट आई है।

नई प्रजातियाँ: 

  • नई खोजी गई ग्लाइडर की उत्तरी प्रजाति जो क्वींसलैंड में मैके (Mackay) एवं केर्न्स (Cairns) के बीच यूकेलिप्टस के जंगलों में रहती है, ग्लाइडर परिवार में सबसे छोटी है, जो छोटे रिंगटेल पोसम (Little Ringtail Possum) के आकार तक बढ़ती है, यह लगभग एक फुट लंबा होता है। 
    • जबकि दक्षिणी ग्लाइडर आकार में लगभग 2 फीट तक लंबा होता है।
  • नई पाई जाने वाली ग्लाइडर की केंद्रीय प्रजाति (Central Species) दक्षिणी क्वींसलैंड में मैके (Mackay) तक के क्षेत्रों में पाई जाती हैं और आकार में दो अन्य प्रजातियों से भिन्न है।

एच1 एन2 वायरस

H1N2 Virus 

हाल ही में कनाडा ने एच1एन2 वायरस (H1N2 Virus) से संक्रमित मानव के पहले मामले की सूचना दी जो स्वाइन फ्लू (Swine Flu) का एक दुर्लभ लक्षण है।

प्रमुख बिंदु:

  • स्वाइन फ्लू (Swine Flu), H1N1 नामक फ्लू वायरस के कारण होता है। 
  • H1N1 एक प्रकार का संक्रामक वायरस है, यह सूअर, पक्षी और मानव जीन का एक संयोजन है, जो सूअरों में एक साथ मिश्रित होते हैं और मनुष्यों में फैल जाते हैं।
  • H1N1 एक प्रकार से श्वसन संबंधी बीमारी का कारण बनता है जो कि बहुत संक्रामक होता है।
  • H1N1 संक्रमण को स्वाइन फ्लू के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि अतीत में यह उन्हीं लोगों को होता था जो सूअरों के सीधे संपर्क में आते थे।
  • H1N1 की तीन श्रेणियाँ हैं - A, B और C
    • A और B श्रेणियों को घरेलू देखभाल की आवश्यकता होती है, जबकि श्रेणी C में तत्काल अस्पताल में भर्ती कराने और चिकित्सा की आवश्यकता होती है क्योंकि इसके लक्षण और परिणाम बेहद गंभीर होते हैं और इससे मृत्यु भी हो सकती है।
  • स्वाइन फ्लू इन्फ्लूएंज़ा टाइप ए वायरस का ही दूसरा नाम है जो सूअरों (स्वाइन) को प्रभावित करता है। हालाँकि स्वाइन फ्लू आमतौर पर मनुष्यों को प्रभावित नहीं करता है, लेकिन वर्ष 2009-2010 में इसने एक वैश्विक प्रकोप (महामारी) का रूप धारण कर लिया था, तब 40 वर्षों से अधिक समय के बाद फ्लू के रूप में कोई महामारी पूरी दुनिया में फैली थी।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 नवंबर, 2020

जहाज़रानी मंत्रालय का नाम परिवर्तित

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहाज़रानी मंत्रालय (Ministry of Shipping) का नाम बदलकर मिनिस्ट्री ऑफ पोर्ट्स, शिपिंग एंड वाटरवेज़ (Ministry of Ports, Shipping and Waterways) करने की घोषणा की है। इस संबंध में घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में जहाज़रानी मंत्रालय द्वारा कई महत्त्वपूर्ण कार्य किये जाते हैं, जिनमें बंदरगाहों और जलमार्गों की देखरेख करना भी शामिल है। जबकि मंत्रालय के नाम से इसके कार्यों की स्पष्टता दिखाई नहीं देती है, इसलिये इसके नाम में परिवर्तन करके इसे और अधिक समावेशी बनाना आवश्यक है। ध्यातव्य है कि समुद्री परिवहन किसी देश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिये काफी महत्त्वपूर्ण होता है और यह किसी देश के विकास की गति, संरचना और पैटर्न को प्रभावित करता है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए जहाज़रानी मंत्रालय को भारत के समुद्री परिवहन ढाँचे से संबंधित महत्त्वपूर्ण विषयों पर नीतियों और कार्यक्रमों को तैयार करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।

विदिशा मैत्रा

भारतीय राजनयिक विदिशा मैत्रा को संयुक्त राष्ट्र की प्रशासनिक एवं बजटीय प्रश्नों से संबद्ध सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में चुना गया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव के रूप में कार्यरत विदिशा मैत्रा को एशिया-प्रशांत देशों के समूह में कुल 126 मत प्राप्त हुए हैं। गौरतलब है कि 193 सदस्यीय महासभा सलाहकार समिति के सदस्यों की नियुक्ति करती है और इन सदस्यों का चयन व्यापक भौगोलिक प्रतिनिधित्त्व, व्यक्तिगत योग्यता और अनुभव के आधार पर किया जाता है। इस समिति में सदस्य के तौर पर विदिशा मैत्रा का चुनाव कुल तीन वर्ष के लिये किया गया है और उनके कार्यकाल की शुरुआत 1 जनवरी, 2021 से होगी। प्रशासनिक एवं बजटीय प्रश्नों से संबद्ध सलाहकार समिति, संयुक्त राष्ट्र महासभा की पाँचवीं समिति है, जो कि महासभा के प्रशासनिक और बजटीय मुद्दों पर निर्णय लेती है। सलाहकार समिति का प्रमुख कार्य महासचिव द्वारा महासभा को सौंपे गए बजट की जाँच करना और किसी भी प्रशासनिक तथा बजटीय मामले में महासभा को सलाह देना है। इसके अलावा यह समिति महासभा की ओर से संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट एजेंसियों के प्रशासनिक बजट की भी जाँच करती है।

वाराणसी में विकास परियोजनाओं का उद्घाटन 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कृषि, पर्यटन और बुनियादी ढाँचे से संबंधित विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया है। इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत तकरीबन 614 करोड़ रुपए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन की गई परियोजनाओं में लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल (रामनगर) का उन्नयन, सीवेज संबंधित कार्य, गायों के संरक्षण के लिये बुनियादी सुविधाएँ, संपूर्णानंद स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिये एक आवास परिसर, बहुउद्देशीय बीज भंडार गृह और सारनाथ लाइट एंड साउंड शो शामिल हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कई परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी, जो इस क्षेत्र के विकास की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण हैं। 

उत्तराखंड स्थापना दिवस

Dehradun

09 नवंबर, 2020 को उत्तराखंड का 20वाँ स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर राज्य में कई कार्यक्रम आयोजित किये गए। उत्तराखंड का गठन 9 नवंबर, 2000 को भारत के 27वें राज्य के रूप में किया गया था। वर्तमान उत्तराखंड राज्य पहले आगरा और अवध संयुक्त प्रांत का हिस्सा था। यह प्रांत 1902 में अस्तित्त्व में आया था और बाद में वर्ष 1935 में इसे संक्षेप में केवल संयुक्त प्रांत कहा जाने लगा। जनवरी 1950 में संयुक्त प्रांत का नाम 'उत्तर प्रदेश' रखा गया गया और वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्से को अलग करके उत्तराखंड बनाया गया। हिमालय की तलहटी में स्‍थित उत्तराखंड राज्‍य की अंतर्राष्‍ट्रीय सीमाएँ उत्तर में चीन (तिब्‍बत) और पूर्व में नेपाल से मिलती हैं। इसके उत्तर-पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश है। यह प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य है। उत्तराखंड की 90 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। उत्तराखंड में कुल 13 ज़िले हैं और देहरादून यहाँ की राजधानी है। यहाँ मुख्य तौर पर हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा का प्रयोग किया जाता है, जबकि गढ़वाली और कुमाऊँनी यहाँ की स्‍थानीय बोलियाँ हैं।


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2