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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 10 नवंबर, 2020

  • 10 Nov 2020
  • 6 min read

शांति और विकास के लिये विश्व विज्ञान दिवस

हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्त्व और प्रासंगिकता को बढ़ावा देने के लिये प्रत्येक वर्ष 10 नवंबर को शांति और विकास के लिये विश्व विज्ञान दिवस मनाया जाता है। यह दिवस समाज में विज्ञान की महत्त्वपूर्ण भूमिका और वैज्ञानिक मुद्दों पर बहस में आम जनता को संलग्न करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नागरिकों को विज्ञान के विकास से अवगत किया जाए। साथ ही यह दिवस पृथ्वी को लेकर हमारी समझ को व्यापक बनाने में विज्ञान की भूमिका को भी रेखांकित करता है। शांति और विकास के लिये विश्व विज्ञान दिवस सर्वप्रथम 10 नवंबर, 2002 को यूनेस्को (UNESCO) के तत्त्वावधान में दुनिया भर में मनाया गया था। शांति और विकास के लिये विश्व विज्ञान दिवस, आम जनता को उनके जीवन में विज्ञान की प्रासंगिकता दर्शाने और इसे वार्ता में शामिल करने का अवसर प्रदान करता है। वर्ष 2020 के लिये इस दिवस की थीम ‘साइंस फॉर एंड विथ सोसाइटी इन डीलिंग विथ कोविड-19’ रखी गई है। 

ज्ञानेंद्रो निंगोबम

मणिपुर के ज्ञानेंद्रो निंगोबम को हॉकी इंडिया के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुन लिया गया है। इसी के साथ ज्ञानेंद्रो निंगोबम पूर्वोत्तर भारत से हॉकी इंडिया के पहले अध्यक्ष बन गए हैं और आगामी दो वर्ष तक हॉकी इंडिया के प्रमुख के रूप में कार्य करेंगे। ध्यातव्य है कि इसी वर्ष जुलाई के महीने में हॉकी इंडिया के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से ज्ञानेंद्रो निंगोबम हॉकी इंडिया के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने हॉकी इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, मणिपुर हॉकी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मणिपुर हॉकी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के रूप में भी कार्य किया है। हॉकी इंडिया भारत में हॉकी के खेल का आधिकारिक निकाय है जो देश में हॉकी को बढ़ावा देने और संबंधित प्रतियोगितओं को आयोजित करने जैसे कार्य करता है। इसे अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ और भारतीय ओलंपिक संघ की मान्यता भी प्राप्त है।

पंजाब और झारखंड ने CBI से आम सहमति वापस ली

पंजाब और झारखंड सरकार ने राज्य में मामलों की जाँच के लिये केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को दी गई ‘सामान्य सहमति’ (General Consent) वापस ले ली है। आम सहमति को वापस लेने का अर्थ है कि अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) बिना किसी पूर्व अनुमति के दोनों राज्यों में किसी भी प्रकार की जाँच नहीं कर सकता है। इस निर्णय के साथ पंजाब और झारखंड उन आठ राज्यों की सूची में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने CBI को जाँच के लिये दी गई अपनी आम सहमति वापस लेने का निर्णय लिया है। इससे पूर्व केरल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और छत्तीसगढ़ भी CBI को दी गई अपनी आम सहमति वापस ले चुके हैं। दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम (DSPEA) की धारा 6 के मुताबिक, दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान का कोई भी सदस्य किसी भी राज्य सरकार की सहमति के बिना उस राज्य में अपनी शक्तियों और अधिकार क्षेत्र का उपयोग नहीं करेगा। 

ऑस्ट्रेलिया में 500 मीटर लंबी प्रवाल भित्ति
ऑस्ट्रेलिया के खोजकर्त्ताओं ने ‘ग्रेट बैरियर रीफ’ में 500 मीटर लंबी प्रवाल भित्ति (Coral Reef) की खोज की है। इस प्रवाल भित्ति की संरचना एक ब्लेड जैसी है, जिसका निचला हिस्सा तकरीबन 1.5 किलोमीटर चौड़ा है। हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, विगत 30 वर्षों में ग्रेट बैरियर रीफ ने अपनी प्रवाल भित्तियों का 50 प्रतिशत हिस्सा खो दिया है। ध्यातव्य है कि ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर स्थित ‘ग्रेट बैरियर रीफ’ में विश्व की सबसे अधिक प्रवाल भित्तियाँ पाई जाती हैं। प्रवाल (Coral) एक सूक्ष्म जीव होता है। चूना पत्थर (कैल्शियम कार्बोनेट) से निर्मित इसका निचला हिस्सा काफी कठोर होता है, जो कि प्रवाल भित्तियों की संरचना का निर्माण करता है। प्रवाल भित्तियों का निर्माण तब शुरू होता है जब प्रवाल स्वयं को समुद्र तल पर मौजूद चट्टानों से जोड़ते हैं, फिर हज़ारों की संख्या में विभाजित हो जाते हैं। धीरे-धीरे कई सारे प्रवाल पॉलिप्स एक-दूसरे से जुड़ते हैं और एक कॉलोनी बनाते हैं। फिर जैसे-जैसे ये कॉलोनियाँ अन्य कॉलोनियों के साथ जुड़ती हैं तो प्रवाल भित्तियों (Coral Reefs) का रूप ले लेती हैं। इस प्रक्रिया में कई हज़ार वर्षों का समय लगता है।

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