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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 09 Dec, 2022
  • 10 min read
प्रारंभिक परीक्षा

राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति योजना

हाल ही में राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति योजना के तहत अध्यन करने का अवसर प्राप्त करने वाले भारतीयों ने इस छात्रवृत्ति कार्यक्रम के लिये भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।

राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति योजना

  • परिचय:
    • राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। यह अनुसूचित जातियों, विमुक्त घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू जनजातियों, भूमिहीन खेतिहर मज़दूरों और पारंपरिक कारीगर श्रेणी से संबंधित कम आय वाले छात्रों को विदेश में अध्ययन करके उच्च शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है।
    • यह योजना चयनित उम्मीदवारों को स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम और अध्ययन के किसी भी क्षेत्र में सरकार अथवा उस देश के एक अधिकृत निकाय द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों/विश्वविद्यालयों में विदेशों में पीएचडी करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करती है। ।
    • प्रत्येक चयन वर्ष में इस योजना के तहत धन की उपलब्धता के अनुरुप 125 नए पुरस्कार दिये जाएंगे।
  • कार्यान्वयन एजेंसी:
    • सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन दिव्यांंगजन सशक्तीकरण विभाग।
  • आरक्षण:
    • प्रत्येक वर्ष के पुरस्कारों का 30% महिला उम्मीदवारों के लिये निर्धारित किया जाता है।
  • पात्रता:
    • योग्यता परीक्षा में कम से कम 60% अंक या समकक्ष ग्रेड।

स्रोत: पी.आई.बी.


प्रारंभिक परीक्षा

सार्क मुद्रा विनिमय ढाँचा

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) ने सार्क करेंसी स्वैप फ्रेमवर्क के तहत मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण (Maldives Monetary Authority- MMA) को 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मुद्रा विनिमय सुविधा तक विस्तार करने के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।

मुद्रा विनिमय ढाँचा:

  • करेंसी स्वैप अथवा मुद्रा विनिमय का आशय दो देशों के बीच पूर्व निर्धारित नियमों और शर्तों के साथ मुद्राओं के आदान-प्रदान हेतु किये गए समझौते या अनुबंध से है।
  • वर्तमान संदर्भ में, यह सुविधा अल्पकालिक विदेशी मुद्रा तरलता आवश्यकताओं के लिये वित्त पोषण के वैकल्पिक स्रोत के रूप में स्वैप सुविधा प्रदान करता है।
    • वर्ष 2020 में, RBI ने श्रीलंका के साथ 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मुद्रा विनिमय व्यवस्था पर हस्ताक्षर किये।
  • जब तक कि एक स्थायी व्यवस्था नहीं की जाती है, केंद्रीय बैंक और सरकारों ने अल्पकालिक विदेशी मुद्रा तरलता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये अथवा भुगतान संतुलन संकट से बचने के लिये पर्याप्त विदेशी मुद्रा सुनिश्चित करने हेतु विदेशी समकक्षों के साथ मुद्रा विनिमय का निर्णय लिया है।
  • इन विनिमय समझौतों में विनिमय दर या अन्य बाज़ार संबंधी जोखिमों का कोई खतरा नहीं रहता है क्योंकि लेनदेन की शर्तें अग्रिम रूप से निर्धारित होती हैं।
    • विनिमय दर जोखिम, जिसे मुद्रा जोखिम के रूप में भी जाना जाता है, का आशय विदेशी मुद्रा के विरुद्ध मूल मुद्रा के मूल्य में उतार-चढ़ाव से उत्पन्न होने वाले वित्तीय जोखिम से है।

सार्क के लिये स्वैप सुविधाओं हेतु रिज़र्व बैंक की रूपरेखा:

  • सार्क मुद्रा विनिमय सुविधा 15 नवंबर, 2012 को लागू हुई थी।
  • भारतीय रिज़र्व बैंक 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के समग्र कोष के भीतर एक स्वैप व्यवस्था की पेशकश करता है।
  • स्वैप व्यवस्था का उपयोग अमेरिकी डॉलर, यूरो या भारतीय रुपए में किया जा सकता है। यह रूपरेखा भारतीय रुपए में स्वैप निकासी के लिये कुछ रियायत भी प्रदान करती है।
  • यह सुविधा सभी सार्क सदस्य देशों के लिये उपलब्ध होगी, बशर्ते उन्हें द्विपक्षीय स्वैप समझौतों पर हस्ताक्षर करना होगा।

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन

  • स्थापना: दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (The South Asian Association for Regional Cooperation-SAARC) की स्थापना 8 दिसंबर,1985 को ढाका में सार्क चार्टर पर हस्ताक्षर के साथ की गई थी।
  • सदस्य देश: अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत ,मालदीव ,नेपाल, पाकिस्तान,श्रीलंका
  • सचिवालय: काठमांडू (नेपाल)
  • उद्देश्य: इस क्षेत्र में आर्थिक वृद्धि, सामाजिक प्रगति, सांस्कृतिक विकास में तेज़ी लाना और सभी व्यक्तियों को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अवसर प्रदान करना तथा उनकी क्षमताओं का आकलन करना।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न 

प्रश्न. भारत के संदर्भ में, मुद्रा संकट के जोखिम को कम करने में निम्नलिखित में से किस/किन कारक/कारकों का योगदान है?(2019)

  1. भारत के IT सेक्टर के विदेशी मुद्रा अर्जन का
  2. सरकारी व्यय के बढ़ने का
  3. विदेशस्थ भारतीयों द्वारा भेजे गए धन का

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


प्रारंभिक परीक्षा

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 दिसंबर, 2022

वन्‍य जीव संरक्षण संशोधन विधेयक-2022

वन्‍य जीव संरक्षण संशोधन विधेयक-2022, 8 दिसंबर को संसद से पारित हो गया। लोकसभा से पहले ही पारित इस विधेयक पर राज्‍य सभा ने अपनी मुहर लगा दी है । इस विधेयक का उद्देश्य वन्‍य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय को लागू करना और इसके द्वारा संरक्षित संकटग्रस्‍त प्रजातियों की सूची का विस्‍तार करना है। इस विधेयक के माध्यम से केन्‍द्रीय पर्यावरण मंत्री ने वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और वन्‍यजीवों के संरक्षण पर ज़ोर दिया। वर्ष 2004 से 2014 के बीच जहाँ देश में दो लाख 26 हज़ार वर्ग किलोमीटर से अधिक के वन क्षेत्र का उपयोग दूसरे कार्यो के लिये किया गया वहीं वर्ष 2014 से 2022 के बीच केवल एक लाख 30 हज़ार वन क्षेत्र का ही इस्‍तेमाल अन्य कार्यों के लिये किया गया, और इन प्रयासों की वजह से ही देश के हरित क्षेत्र का विस्‍तार हुआ है। इस विधेयक में केंद्र सरकार को एक ऐसा प्राधिकरण बनाने का अधिकार दिया जा रहा है, जो संरक्षित प्रजातियों के निर्यात अथवा आयात हेतु लाइसेंस प्रदान कर सकेगा।

अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस

भ्रष्टाचार के संबंध में जागरूकता को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसका मुकाबला करने हेतु प्रतिवर्ष 09 दिसंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस’ मनाया जाता है। ‘अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस-2022’ का विषय है भ्रष्टाचार के विरुद्ध विश्व को एकजुट करना (Uniting the world against corruption)।’ वर्ष 2022, भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (United Nations Convention Against Corruption-UNCAC) की 20वीं वर्षगाँठ है। वर्ष 2022 का अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस में भ्रष्टाचार विरोधी और शांति, सुरक्षा और विकास के बीच महत्त्वपूर्ण कड़ी पर प्रकाश डाला गया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 31 अक्तूबर, 2003 को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अभिसमय को अपनाया था। इसी वर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भ्रष्टाचार को रोकने और अभिसमय के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष 09 दिसंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस’ के रूप में भी नामित किया था। यह अभिसमय दिसंबर 2005 में लागू हुआ। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने से रोज़गार सृजित करने, लैंगिक समानता की दिशा में महत्त्वपूर्ण प्रगति करने और स्वास्थ्य देखभाल एवं शिक्षा जैसी आवश्यक सेवाओं तक व्यापक पहुँच हासिल करने में मदद मिल सकती है।


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