इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 03 Apr, 2024
  • 14 min read
प्रारंभिक परीक्षा

कच्चातिवु द्वीप

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

भारत-श्रीलंका संबंधों और मत्स्यन अधिकारों के विवादास्पद मुद्दे को लेकर कच्चातिवु द्वीप चर्चा का विषय बन गया है जो संबद्ध क्षेत्र में समुद्री सीमा विवादों तथा मत्स्यन (मछली पकड़ना) अधिकारों की जटिलताओं को उजागर करता है।

कच्चातिवु द्वीप से संबंधित विवाद क्या है?

  • परिचय:
    • कच्चातिवु भारत और श्रीलंका के बीच पाक जलसंधि (Palk Strait) में 285 एकड़ में विस्तृत एक निर्जन द्वीप है।
    • भारतीय तट से लगभग 33 किमी. दूर, रामेश्वरम के उत्तर-पूर्व में यह द्वीप श्रीलंका के उत्तरी सिरे पर जाफना से लगभग 62 किमी. दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।
    • कच्चातिवु द्वीप मानव के स्थायी निवास के लिये उपयुक्त नहीं है क्योंकि द्वीप पर कोई पेयजल का स्रोत नहीं है।
      • द्वीप पर एकमात्र संरचना (भवन) स्थित है जिसका नाम सेंट एंथोनी चर्च है। यह 20वीं सदी का प्रारंभिक कैथोलिक चर्च है, जहाँ भारत और श्रीलंका के ईसाई पादरी एक वार्षिक उत्सव सेवा आयोजित करते हैं जिसमें दोनों देशों के श्रद्धालु शामिल होते हैं।
  • द्वीप का इतिहास:
    • उत्पत्ति: इस द्वीप का निर्माण 14वीं शताब्दी में ज्वालामुखी विस्फोट के परिणामस्वरूप हुआ था।
    • प्रारंभिक शासक: प्रारंभिक मध्ययुगीन काल में इस क्षेत्र पर शुरू में श्रीलंका के जाफना साम्राज्य का शासन था किंतु बाद में इसका नियंत्रण 17 वीं शताब्दी में मदुरै के नायक राजवंश के तहत रामनाद ज़मींदारी में स्थानांतरित हो गया।
      • विवाद:
      • भारत: भारत और श्रीलंका के बीच कच्चातिवु पर स्वामित्व विवाद, जो ब्रिटिश राज के दौरान मद्रास प्रेसीडेंसी का हिस्सा था, वर्ष 1974 तक जारी रहा जिसमें दोनों देश इस द्वीप पर अपना दावा करते रहे।
      • श्रीलंका: श्रीलंका ने कच्चातिवू पर इस आधार पर संप्रभुता का दावा किया कि 1505-1658 ई. के दौरान द्वीप पर अधिग्रहण करने वाले पुर्तगालियों ने इस द्वीप पर अधिकार क्षेत्र का प्रयोग किया था।
    • वर्ष 1974: भारत-श्रीलंका समुद्री समझौते के तहत द्वीप का श्रीलंका को हस्तांतरण हुआ।
    • वर्ष 1976: एक अतिरिक्त समझौता किया गया जिसने दोनों देशों को एक-दूसरे के विशेष आर्थिक क्षेत्रों में मत्स्यन से रोक दिया, कच्चातिवू इन क्षेत्रों की सीमा पर स्थित था, जिससे मत्स्यन के अधिकारों पर अस्पष्टता उत्पन्न हो गई।
    • वर्ष 2009: 2009 में श्रीलंका का गृहयुद्ध समाप्त होने के बाद, भारतीय मछुआरों के श्रीलंकाई जल क्षेत्र में प्रवेश करने पर तनाव बढ़ गया, जिसके कारण गिरफ्तारियाँ हुईं, हिरासत में यातना के आरोप लगे और कच्चातिवु के संबंध में नए सिरे से पुनर्प्राप्ति/वापसी की माँगें हुईं।
    • विवादास्पद मुद्दे:
      • वर्ष 1974 के समझौते ने भारतीय मछुआरों को कच्चातिवू तक पहुँच जारी रखने की अनुमति दी।
      • दोनों पक्षों द्वारा समझौते की अलग-अलग व्याख्या के कारण, यह मत्स्यन के अधिकार के मुद्दे को हल करने में विफल रहा, श्रीलंका ने भारतीय मछुआरों की आराम करने, जाल सुखाने और बिना वीज़ा के कैथोलिक मंदिर में जाने जैसी गतिविधियों तक पहुँच सीमित कर दी।

इस मुद्दे पर विभिन्न हितधारकों का क्या रुख रहा है?

  • तमिलनाडु का रुख:
    • वर्ष 1973 में, तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने केंद्र से कच्चातिवु पर अधिकार रखने का आग्रह किया था, यह कहते हुए कि यह भारत का है, न कि केवल तमिलनाडु का।
    • वर्ष 1991 में, यह मुद्दा तब फिर से उभर आया जब मुख्यमंत्री ने द्वीप के स्थायी पट्टे की अपनी मांग को संशोधित करते हुए इसे पुनः प्राप्त करने की मांग की, जिसके बाद मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता दोनों ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष गए।
  • केंद्र सरकार का रुख:
    • वर्ष 2013: केंद्र सरकार ने वर्ष 1974 और वर्ष 1976 में समझौतों द्वारा निपटाए गए ऐतिहासिक विवादों का हवाला देते हुए सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया कि श्रीलंका से कच्चातिवु को पुनः प्राप्त करने का मुद्दा अप्रासंगिक है क्योंकि कोई भी भारतीय क्षेत्र नहीं छोड़ा गया है।
    • वर्ष 2022: हालाँकि केंद्र सरकार ने दोनों समझौतों का ज़िक्र करते हुए राज्यसभा में बताया कि कच्चातिवु "भारत-श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के श्रीलंकाई हिस्से पर स्थित है।"
    • मामला अभी भी सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है।

पड़ोसी राष्ट्रों के साथ भारत के अन्य समुद्री विवाद

  • पाकिस्तान के साथ: सर क्रीक के साथ सीमा के सीमांकन पर।
  • बांग्लादेश के साथ: बंगाल की खाड़ी में न्यू मूर द्वीप (स्थायी मध्यस्थता न्यायालय ने बांग्लादेश के पक्ष में फैसला सुनाया)।


  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)

  1. पिछले दशक में भारत-श्रीलंका व्यापार का मूल्य में सतत् वृद्धि हुई है।
  2. भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाले व्यापार में "कपड़े तथा कपड़े से बनी चीज़ों" का व्यापार प्रमुख हैं।
  3. पिछले पाँच वर्षों में दक्षिण एशिया में भारत के व्यापारिक का सबसे बड़ा भागीदार नेपाल रहा है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a)केवल 1 और 2
(b)केवल 2
(c)केवल 3
(d)1, 2 और 3

उत्तर: (b)


प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा भौगोलिक रूप से ग्रेट निकोबार के सबसे निकट है? (2017)

(a)सुमात्रा
(b)बोर्नियो
(c)जावा
(d)श्रीलंका

उत्तर: (a)


प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में देखा जाने वाला एलीफेंट पास का उल्लेख निम्नलिखित में से किस मामले के संदर्भ में किया जाता है? (2009)

(a)बांग्लादेश
(b)भारत
(c)नेपाल
(d)श्रीलंका

उत्तर: (d)


रैपिड फायर

हवाना सिंड्रोम

स्रोत: द हिंदू 

हाल ही में हवाना सिंड्रोम को लेकर रुचि में, विशेष रूप से अमेरिकी राजनयिकों के बीच इसकी घटना के संबंध में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

  • हवाना सिंड्रोम एक रहस्यमय रोग है जो कई प्रकार की न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का कारण बनती है। इसकी सूचना पहली बार वर्ष 2016 में हवाना, क्यूबा में अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों द्वारा दी गई थी, जब उन्हें रात में अत्यधिक सिरदर्द और चुभने वाली आवाज़ें सुनाई देने लगीं।
  • बाद में चीन और यूरोप में दूतावास के कर्मचारियों द्वारा नाक से खून आना, सिरदर्द तथा दृष्टि समस्याओं सहित अन्य लक्षण बताए गए।
    • वर्ष 2021 में, CIA निदेशक विलियम बर्न्स के साथ नई दिल्ली की यात्रा कर रहे एक अमेरिकी खुफिया अधिकारी द्वारा लक्षणों की सूचना दिये जाने के बाद हवाना सिंड्रोम ने भारत में ध्यान आकर्षित किया।
  • 'सिंड्रोम' का मतलब एक असामान्य चिकित्सा स्थिति से नहीं है, बल्कि यह लक्षणों के एक समूह को दर्शाता है जो आम तौर पर एक साथ होते हैं, जिससे उनकी सटीक उत्पत्ति का निर्धारण करना कठिन हो जाता है।

और पढ़ें: हवाना सिंड्रोम


रैपिड फायर

CCI ने लार्ज वैल्यू फंड (LVF) योजना के तहत शेयरों के अधिग्रहण को स्वीकृति प्रदान की

स्रोत: पी.आई.बी. 

हाल ही में भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (CCI) ने लार्ज वैल्यू फंड (LVF) योजना के तहत इंडोएज (IndoEdge ) इंडिया फंड द्वारा MG मोटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के शेयरों के अधिग्रहण को मंज़ूरी दी।

  • लार्ज वैल्यू फंड (LVF) योजना: यह एक वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) है जिसमें प्रत्येक निवेशक एक मान्यता प्राप्त निवेशक होता है और न्यूनतम 70 करोड़ रुपए का निवेश करता है।
  • वैकल्पिक निवेश कोष (AIF): AIF निवेश उद्देश्यों के लिये भारत में स्थापित निजी तौर पर एकत्रित अथवा सामूहिक निवेश कोष है।
  • SEBI ने AIF को 3 प्रकारों में वर्गीकृत किया है:
    • श्रेणी-1 AIF:
    • श्रेणी-2 AIF:
      • श्रेणी 1 अथवा 3 के अतिरिक्त अन्य इक्विटी और ऋण प्रतिभूतियों में किया गया निवेश।
      • इसमें फंड ऑफ फंड्स, डेट फंड्स और प्राइवेट इक्विटी फंड्स शामिल हैं।
    • श्रेणी-3 AIF:
      • जटिल व्यापारिक रणनीतियों का उपयोग करते हुए, अल्पकालिक निवेश रिटर्न के लक्ष्य के साथ किया निवेश।
      • इसमें हेज फंड और सार्वजनिक इक्विटी फंड में निजी निवेश शामिल है।

और पढ़ें…RBI ने AIF में ऋणदाताओं के लिये मानदंड मज़बूत किये, भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (CCI)


रैपिड फायर

मूल्य-से-आय अनुपात और हॉकी-स्टिक प्रभाव

स्रोत: द हिंदू

SEBI के अध्यक्ष ने कहा कि उच्च P/E अनुपात के बावजूद, तेज़ी से आर्थिक विकास के कारण विदेशी निवेशक भारतीय पूंजी बाज़ार की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जो वैश्विक आशावाद और भारत में विश्वास को दर्शाता है, जिसका उदाहरण हॉकी स्टिक प्रभाव है।

  • मूल्य-से-आय (Price-to-Earnings- P/E) अनुपात:
    • P/E अनुपात कंपनी की प्रति शेयर आय (Earnings Per Share- EPS) के सापेक्ष उसका शेयर मूल्य है।
    • P/E अनुपात दूसरों की तुलना में किसी कंपनी के स्टॉक मूल्य का आकलन करने में मदद करता है और ऐतिहासिक रूप से, समकक्ष लोग या बाज़ार के मुकाबले इसके मूल्यांकन की तुलना करने के लिये भी उपयोगी है।
    • उच्च P/E अनुपात अधिक मूल्यांकन का संकेत दे सकता है, जबकि कम अनुपात कम मूल्यांकन का संकेत दे सकता है।
  • हॉकी स्टिक प्रभाव:
    • हॉकी स्टिक प्रभाव को एक लंबी सपाट अवधि के बाद डेटा बिंदुओं में तेज़ वृद्धि या गिरावट की विशेषता है।
    • हॉकी स्टिक चार्ट व्यवसाय, अर्थशास्त्र और नीति में अनुप्रयोगों के साथ कॉर्पोरेट आय, वैश्विक तापमान तथा गरीबी के आँकड़े जैसे क्षेत्रों में देखे गए उल्लेखनीय परिवर्तनों या तीव्र वृद्धि को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं।
      • यह डेटा बिंदुओं में भारी बदलाव के कारण तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को इंगित करता है।

और पढ़ें: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड


रैपिड फायर

अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी जागरूकता प्रशिक्षण (START) 2024

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक अंतरिक्ष विज्ञान कार्यक्रम, अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी जागरूकता प्रशिक्षण (START), 2024 की घोषणा की।

  • यह अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एक प्रारंभिक स्तर का ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम है।
  • इसके तहत भारत के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले भौतिक विज्ञान (भौतिकी और रसायन विज्ञान) और प्रौद्योगिकी (जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर विज्ञान, मैकेनिकल) के स्नातक तथा स्नातकोत्तर छात्रों को प्रशिक्षण के लिये चयनित होने का अवसर प्रदान किये जाएगा।
  • इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आकर्षित करना है।


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2