ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 02 Sep, 2021
  • 22 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स: 02 सितंबर, 2021

प्रथम नौसेना अभ्यास: भारत-अल्जीरिया

Maiden Navy Exercise: India-Algeria

हाल ही में भारतीय और अल्जीरियाई नौसेनाओं ने समुद्री सहयोग बढ़ाने हेतु अल्जीरियाई तट पर पहले नौसैनिक अभ्यास में भाग लिया।

  • अल्जीरिया के साथ नौसैनिक अभ्यास भारत के लिये महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह रणनीतिक रूप से माघरेब क्षेत्र (भूमध्य सागर की सीमा से लगे उत्तरी अफ्रीका के क्षेत्र) में स्थित है और अफ्रीका का सबसे बड़ा देश है।

Algeria

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • भारतीय नौसेना के जहाज़ आईएनएस तबर ने अल्जीरियाई नौसेना के जहाज़ 'एज्जादजेर' के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास में भाग लिया।
      • आईएनएस तबर, रूस में भारतीय नौसेना के लिये बनाया गया तलवार श्रेणी का ‘स्टील्थ फ्रिगेट’ है।
    • भारत पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न अफ्रीकी देशों के साथ रक्षा और सुरक्षा संबंधों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
  • भारत और अफ्रीका समुद्री सुरक्षा:
    • अफ्रीकी संघ की एकीकृत समुद्री रणनीति 2050:
      • इसमें कार्यों की व्यापक, समेकित और सुसंगत दीर्घकालिक बहुस्तरीय योजनाएँ शामिल हैं जो एक समृद्ध अफ्रीका के लिये समुद्री व्यवहार्यता को बढ़ाने हेतु अफ्रीकी संघ के उद्देश्यों को प्राप्त करेगी।
    • समुद्री डोमेन जागरूकता:
      • हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में समुद्री डोमेन जागरूकता संबंधी गतिविधियों की निगरानी के लिये भारत द्वारा एक मज़बूत सूचना साझाकरण तंत्र स्थापित किया गया है और आईओआर में विभिन्न बहुपक्षीय ढाँचे में अफ्रीकी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के प्रयास किये गए हैं।
    • हिंद महासागर रिम एसोसिएशन:
      • यह एक भारतीय नेतृत्त्व वाली पहल है जो सर्वसम्मति आधारित, विकासवादी और गैर-घुसपैठ दृष्टिकोण के माध्यम से समझ तथा पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग का निर्माण एवं विस्तार करना चाहता है।
    • समुद्री सुरक्षा अवसंरचना:
      • भारत लगातार नौसैनिक तैनाती और बंदरगाह यात्राओं के माध्यम से अफ्रीकी महाद्वीप में नौसेनाओं के साथ अपने जुड़ाव को धीरे-धीरे बढ़ा रहा है। साथ ही समावेशी क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा बुनियादी ढाँचा स्थापित किया गया है जो कि रणनीतिक रूप से स्थित है और परिचालन स्तर पर निरंतर संपर्क में हैं।

पश्मीना शॉल: कश्मीर

Pashmina Shawls: Kashmir

हस्तशिल्प और हथकरघा निदेशालय, कश्मीर ने "पुरानी तकनीकों को बनाए रखने के लिये" भौगोलिक संकेत (GI)-प्रमाणित हाथ से बने पश्मीना शॉल हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा की है।

  • इससे पहले कश्मीर केसर को जीआई टैग का दर्जा  प्राप्त हो चुका है।

Pashmina-Shawls

प्रमुख बिंदु 

  • पश्मीना शॉल के बारे में:
    • शॉल दो तकनीकों द्वारा निर्मित होते हैं, करघा से बुने हुए (Loom Woven) या कनी शॉल (Kani Shawls) तथा सुई कढ़ाई (Needle Embroidered) या सोज़नी शॉल (Sozni Shawls)। 
    • शॉल बनाने में प्रयोग होने वाला मूल कपड़ा तीन प्रकार का होता है - शाह तुश (Shah Tush), पश्मीना (Pashmina) और रफ़ल (Raffal)।
    • शाह तुश (ऊन का राजा) हाथ की एक अंँगूठी से निकल जाता है और इसे रिंग शॉल (Ring shawl) के नाम से भी जाना जाता है। इसे हिमालय के जंगलों में 14000 फीट से अधिक की ऊंँचाई पर रहने वाले एक दुर्लभ तिब्बती मृग से प्राप्त किया जाता है।
    • वैश्विक स्तर पर पश्मीना को कश्मीरी ऊन के रूप में जाना जाता है, यह 12000 से 14000 फीट की ऊंँचाई पर पाई जाने वाली एक विशेष बकरी (Capra hircus) से प्राप्त किया जाता है।
    • रैफल को मेरिनो वूल टॉप से काता जाता है और यह एक लोकप्रिय प्रकार का शॉल है।
  • भौगोलिक संकेत (GI) प्रमाणन:
    • भौगोलिक संकेत के बारे में:
      • GI एक संकेतक है जिसका उपयोग एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली विशेष विशेषताओं वाले सामानों की पहचान करने हेतु किया जाता है।
        • इसका उपयोग कृषि, प्राकृतिक और निर्मित वस्तुओं के लिये किया जाता है।
      • 'माल भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999' भारत में माल के संबंध में भौगोलिक संकेतों के पंजीकरण एवं अत्यधिक सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास करता है।
      • यह विश्व व्यापार संगठन के बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार संबंधी पहलुओं (TRIPS) का भी एक हिस्सा है।
    • प्रशासित:
      • इसे भौगोलिक संकेतकों के रजिस्ट्रार पेटेंट, डिज़ाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक द्वारा प्रसाशित किया जाता है।
        • भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री (Geographical Indications Registry) चेन्नई में स्थित है।
    • पंजीकरण की वैधता:
      • भौगोलिक संकेत का पंजीकरण 10 वर्षों की अवधि के लिये वैध होता है।
      • इसे समय-समय पर 10-10 वर्षों की अतिरिक्त अवधि के लिये नवीकृत (Renewed) किया जा सकता है।

विशेष आहरण अधिकार

Special Drawing Rights

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत को 12.57 बिलियन (नवीनतम विनिमय दर पर लगभग 17.86 बिलियन डॉलर के बराबर) के विशेष आहरण अधिकार (SDR) का आवंटन किया है।

  • अब, भारत की कुल SDR होल्डिंग्स  13.66 बिलियन है।

प्रमुख बिंदु

  • विशेष आहरण अधिकार (SDR):
  • सदस्य देशों का मतदान अधिकार सीधे उनके कोटे से संबंधित होता है।
  • IMF अपने सदस्यों को आईएमएफ में उनके मौजूदा कोटा के अनुपात में सामान्य एसडीआर आवंटन करता है।
  • SDR न तो मुद्रा है और न ही IMF पर दावा। बल्कि, यह आईएमएफ के सदस्यों की स्वतंत्र रूप से प्रयोग करने योग्य मुद्राओं पर एक संभावित दावा है। इन मुद्राओं के एवज में एसडीआर का आदान-प्रदान किया जा सकता है।
  • एसडीआर आईएमएफ और कुछ अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के खाते की इकाई के रूप में कार्य करता है।
  • SDR की मुद्रा कीमत का निर्धारण अमेरिकी डॉलर में मूल्यों को जोड़कर किया जाता है, जो बाज़ार विनिमय दर, मुद्राओं की एक SDR बास्केट पर आधारित होता है।
  • मुद्राओं के एसडीआर बास्केट में अमेरिकी डॉलर, यूरो, जापानी येन, पाउंड स्टर्लिंग और चीनी रॅन्मिन्बी (2016 में शामिल) शामिल हैं।
  • SDR मुद्रा के मूल्यों का दैनिक मूल्यांकन (अवकाश को छोड़कर या जिस दिन IMF व्यावसायिक गतिविधियों के लिये बंद हो) होता है एवं मूल्यांकन बास्केट की समीक्षा तथा इसका समायोजन प्रत्येक 5 वर्ष के अंतराल पर किया जाता है। 
  • कोटा (Quotas) को SDRs में इंगित किया गया है।
  • भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में IMF के पास रिज़र्व कोष, स्वर्ण भंडार और विदेशी मुद्रा संपत्ति के अलावा अन्य SDR भी शामिल है।
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF):
    • इस कोष की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) के पश्चात् युद्ध प्रभावित देशों के पुनर्निर्माण में सहायता के लिये विश्व बैंक (World Bank) के साथ की गई थी। 
      • इन दोनों संगठनों की स्थापना के लिये अमेरिका के ब्रेटन वुड्स में आयोजित एक सम्मेलन में सहमति बनी। इसलिये इन्हें ‘ब्रेटन वुड्स ट्विन्स’ (Bretton Woods Twins) के नाम से भी जाना जाता है।
    • वर्ष 1945 में स्थापित IMF विश्व के 189 देशों द्वारा शासित है तथा यह अपने निर्णयों के लिये इन देशों के प्रति उत्तरदायी है। भारत 27 दिसंबर, 1945 को IMF में शामिल हुआ था।   
    • IMF का प्राथमिक उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली की स्थिरता सुनिश्चित करना है। अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली से आशय विनिमय दरों और अंतर्राष्ट्रीय भुगतान की उस प्रणाली से है जो देशों (और उनके नागरिकों) को एक-दूसरे के साथ लेन-देन करने में सक्षम बनाती है।
      • IMF के अधिदेश में वैश्विक स्थिरता से संबंधित सभी व्यापक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों को शामिल करने के लिये वर्ष 2012 में इसे अद्यतन/अपडेट किया गया था।
    • IMF द्वारा जारी की जाने वाली रिपोर्ट:

उमंगोट नदी: मेघालय

River Umngot: Meghalaya 

हाल ही में मेघालय सरकार ने उमंगोट नदी पर प्रस्तावित उमंगोट जलविद्युत परियोजना (Umngot Hydroelectric Project) को निष्पादित करने के लिये निजी विद्युत उत्पादकों के साथ एक समझौते को रद्द कर दिया है।

प्रमुख बिंदु

  • दावकी नदी के रूप में लोकप्रिय, मेघालय की उमंगोट नदी निर्विवाद रूप से अपने साफ जल के साथ एशिया की सबसे स्वच्छ नदी है। यह पूर्वी शिलांग पीक (Shillong Peak) से निकलती है, जो समुद्र तल से 1,800 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
  • यह नदी बांग्लादेश के साथ भारत की सीमा के करीब मेघालय के मावलिननॉन्ग/मावल्यान्नॉंग/मौलिन्नोंग गाँव जिसका अर्थ है ईश्वर का स्वयं का बगीचा (God's Own Garden), में स्थित है, जिसे एशिया का सबसे स्वच्छ गाँव कहा जाता है।
    • स्वच्छता के साथ-साथ इस गाँव ने 100% साक्षरता दर की एक दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल की है।
  • यह अंत में बांग्लादेश में बहने से पहले जयंतिया और खासी पहाड़ियों के बीच एक प्राकृतिक विभाजक के रूप में कार्य करती है।

बहु-पक्षीय अभ्यास जैपेड 2021

Multinational exercise ZAPAD 2021

भारतीय सेना का एक दल रूस के निझनी में आयोजित होने वाले बहुराष्ट्रीय अभ्यास जैपेड 2021 में भाग लेगा।

प्रमुख बिंदु 

  • यह रूसी सशस्त्र बलों के थिएटर स्तर के अभ्यासों में से एक है और मुख्य रूप से आतंकवादियों के खिलाफ संचालन पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • अभ्यास में यूरेशियाई और दक्षिण एशियाई क्षेत्र के एक दर्ज़न से अधिक देश भाग लेंगे।
    • इसमें नौ देश भाग लेंगे जिनमें मंगोलिया, आर्मेनिया, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, सर्बिया, रूस, भारत और बेलारूस शामिल हैं।
    • आठ देश पर्यवेक्षक हैं जिनमें पाकिस्तान, चीन, वियतनाम, मलेशिया, बांग्लादेश, म्याँमार, उज़्बेकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं।
  • इसका उद्देश्य भागीदार देशों के बीच सैन्य और रणनीतिक संबंधों को बढ़ाना है।
  • अभ्यास में भारत की और से नगा बटालियन समूह भाग लेगा।
    • नागा रेजिमेंट भारतीय सेना की एक इन्फैंट्री रेजिमेंट है। 
  • भारत ने अभ्यास TSENTR 2019 में भी भाग लिया, जो बड़े पैमाने पर अभ्यास की वार्षिक शृंखला तथा रूसी सशस्त्र बलों के वार्षिक प्रशिक्षण चक्र का हिस्सा है।
  • भारत तथा रूस के बीच सैन्य अभ्यास
    • इंद्र 2021: संयुक्त त्रि-सेवा (सेना, नौसेना, वायु सेना) अभ्यास।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 02 सितंबर, 2021

रूडोल्फ वीगल

02 सितंबर, 2021 को गूगल ने डूडल के माध्यम से पोलिश आविष्कारक, डॉक्टर और इम्यूनोलॉजिस्ट ‘रूडोल्फ वीगल’ की 138वीं जयंती मनाई। उन्होंने सबसे पुराने और सबसे संक्रामक रोगों में से एक- ‘टाइफस’ के विरुद्ध पहली बार प्रभावी टीका तैयार किया था। उनके कार्यों के लिये उन्हें दो बार नोबेल पुरस्कार के लिये नामित किया गया। ज्ञात हो कि शरीर के ‘जूँ’ (Lice) तथा घुन और पिस्सू टाइफस-संक्रमित बैक्टीरिया ‘रिकेट्सिया प्रोवाज़ेकी’ के लिये उत्तरदायी होते हैं, इसलिये ‘रूडोल्फ वीगल’ ने इन छोटे कीटों को एक प्रयोगशाला नमूने में अनुकूलित किया। उनके नवोन्मेषी शोध से पता चला कि घातक जीवाणुओं को फैलाने में ‘जूँ’ किस प्रकार योगदान देते हैं और ‘रूडोल्फ वीगल’ ने ‘टाइफस’ की वैक्सीन बनाने के लिये दशकों तक इनका अध्ययन किया। वर्ष 1936 में ‘रूडोल्फ वीगल’ द्वारा विकसित वैक्सीन का पहली बार प्रयोग किया गया था। वर्ष 1883 में ऑस्ट्रो-हंगेरियन शहर ‘प्रेज़ेरो’ (आधुनिक चेक गणराज्य) में जन्मे वीगल ने पोलैंड के ‘ल्वो विश्वविद्यालय’ में जैविक विज्ञान का अध्ययन किया और वर्ष 1914 में पोलिश सेना में एक परजीवी विज्ञानी के रूप में नियुक्त किये गए। इसके अलावा उन्होंने ज़ूलॉजी, तुलनात्मक एनाटॉमी और ऊतक विज्ञान जैसे विषयों में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी।

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद

01 सितंबर, 2021 को ‘राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद’ (NCERT) का 61वाँ स्थापना दिवस आयोजित किया गया। ‘राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद’ 01 सितंबर, 1961 को भारत सरकार द्वारा गठित एक स्वायत्त संगठन है, जो कि स्‍कूली शिक्षा से संबंधित मामलों पर केंद्र सरकार और राज्‍य सरकारों को सहायता प्रदान करने तथा उन्‍हें सुझाव देने का कार्य करता है। NCERT और इसकी घटक इकाइयों का मुख्य उद्देश्य स्कूली शिक्षा से संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान करना, उसे बढ़ावा देना और समन्वय स्थापित करना; पाठ्यपुस्तक, संवादपत्र तथा अन्य शैक्षिक सामग्रियों का निर्माण करना एवं उन्हें प्रकाशित करना; शिक्षकों हेतु प्रशिक्षण का आयोजन करना है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है, जबकि इसकी कई घटक इकाइयाँ देश के अन्य हिस्सों में स्थापित हैं। NCERT, स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के लिये भी एक कार्यान्वयन एजेंसी है। NCERT अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ समन्वय एवं वार्ता करता है और अन्य विकासशील देशों के शैक्षिक कर्मियों को विभिन्न प्रशिक्षण सुविधाएँ प्रदान करता है।

'यूब्रीथ लाइफ' एयर प्यूरीफायर

‘भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान’ के वैज्ञानिकों ने एक जीवित-पौधा-आधारित एयर प्यूरीफायर 'यूब्रीथ लाइफ' विकसित किया है, जो इनडोर स्थानों में हवा को शुद्ध करने की प्रक्रिया को मज़बूत करता है। ये इनडोर स्थान अस्पताल, स्कूल, कार्यालय या घर हो सकते हैं। IIT-रोपड़ की स्टार्टअप कंपनी, अर्बन एयर लेबोरेटरी, जिसने यह प्रोडक्ट विकसित किया है, का दावा है कि यह दुनिया का पहला, अत्याधुनिक 'स्मार्ट बायो-फिल्टर' है, जो हवा को ताज़ा और शुद्ध बना सकता है। यह प्रौद्योगिकी हवा को शुद्ध करने वाले प्राकृतिक पत्तेदार पौधे के माध्यम से काम करती है। कमरे की हवा पत्तियों के संपर्क में आकर मिट्टी-जड़ क्षेत्र में पहुँचती है, जहाँ अधिकतम प्रदूषक फिल्टर मौजूद होते हैं। एयर प्यूरीफायर 'यूब्रीथ लाइफ' के लिये जिन पौधों का परीक्षण किया गया है, उनमें पीस लिली, स्नेक और स्पाइडर प्लांट शामिल हैं। परीक्षण के परिणामों से पता चला है कि 'यूब्रीथ लाइफ' का उपयोग करने के बाद पंद्रह मिनट के भीतर 150 वर्ग फुट के कमरे के आकार के क्षेत्र में ‘वायु गुणवत्ता सूचकांक’ 311 से गिरकर 39 पर पहुँच गया। इसके अलावा यह प्यूरीफायर किसी विशिष्ट क्षेत्र में ऑक्सीजन भी बढ़ाता है, जिससे साँस लेने की समस्या से पीड़ित मरीज़ों को काफी मदद मिल सकती है।

पंकज कुमार सिंह

राजस्थान कैडर के वर्ष 1988 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पंकज कुमार सिंह को ‘सीमा सुरक्षा बल’ (BSF) का महानिदेशक नियुक्त किया गया है। पंकज कुमार सिंह वर्तमान में ‘सीमा सुरक्षा बल’ के विशेष महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं। वह 7 फरवरी, 2020 को प्रतिनियुक्ति पर BSF में शामिल हुए थे। इससे पूर्व उन्होंने ‘केंद्रीय जाँच ब्यूरो’ (CBI) में आठ वर्ष और CRPF में चार वर्ष तक सेवाएँ दी हैं। उन्होंने राजस्थान पुलिस में कई महत्त्वपूर्ण पदों पर और संयुक्त राष्ट्र की एक परियोजना के लिये ‘बोस्निया’ में भी काम किया है। ज्ञात हो कि भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद भारतीय सीमाओं की रक्षा करने के विशेष उद्देश्य के मद्देनज़र वर्ष 1965 में सीमा सुरक्षा बल (BSF) की स्थापना की गई थी। यह गृह मंत्रालय (MHA) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत भारत के पाँच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) में से एक है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 2.65 लाख से अधिक रक्षाकर्मी पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमाओं पर तैनात हैं।


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
PrevNext
June 2025
SuMoTuWeThFrSa
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930