महात्मा गांधी का जीवन मूल्य
02 Oct, 2021गांधी एक सृजनशील पाठक थे। उन्होंने अपने समय में प्रचलित सभी धर्म-सिद्धांतों का गहन अध्ययन करते हुए युगधर्म के अनुकूल जीवन-मूल्यों का नवनीत तैयार किया था। इस नवनीत को...
गांधी एक सृजनशील पाठक थे। उन्होंने अपने समय में प्रचलित सभी धर्म-सिद्धांतों का गहन अध्ययन करते हुए युगधर्म के अनुकूल जीवन-मूल्यों का नवनीत तैयार किया था। इस नवनीत को...
महात्मा गांधी के नोआखाली और कोलकाता में सांप्रदायिक दंगों को खत्म करवाने के बारे में बार-बार लिखा जाता है। पर उन्होंने यही काम दिल्ली में भी किया था। अजीब बात है कि इसकी...
"ताकत और विकास निरंतर प्रयास और संघर्ष से ही आते हैं- नेपोलियन हिल।" जीवन के सभी चरणों में प्रत्येक व्यक्ति को कुछ कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन विजेता वही...
यह बात समझ से परे है कि जब किसी यूनिवर्सिटी की चर्चा होती है तो बात उसके नामवर अध्यापकों और सफल विद्यार्थियों से आगे क्यों नहीं बढ़ती? यही जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी...
कक्षा छः में पढ़ा था कि कोयले की खान में हीरा मिलता है। तब एक विचार दिमाग में कौंधा कि यदि दोनों एक ही खान में होते हैं तो सभी कोयले, हीरों में क्यों नहीं बदल जाते? उस प्रश्न का...
भाषाओं का भी अपना एक समाज होता है, संस्कृति होती है। भाषाएँ केवल सामाजिक सम्प्रेषण का माध्यम भर नहीं होतीं यह सामाजिक निर्मिति का भी महत्त्वपूर्ण आधार है। समाज भाषा की...
सुप्रसिद्घ कवि रघुवीर सहाय ने लिखा था कि “हिंदी जैसे कि दुजाहू की बीवी”। यानी हिंदी की सराहना तो सब कर लेंगे पर जब उसको उसका सम्मान देने की बात आएगी तो उसके साथ किसी...
हाल में एक विद्यार्थी का संदेश मिला कि यूरोप पर और खास कर रोमन सभ्यता पर हिंदी में एक अच्छी किताब बता दूँ। समस्या यह है कि मैं स्वयं इतिहास की किताबों के लिये अंग्रेज़ी...
धौलावीरा के खंडहरों और इनकी बनावट को देख कर लगता है कि संभवतः यह बस्ती कई बार बनी बिगड़ी। कमसे कम तीन बार। इसीलिये ज़मीन पर जिस तरह की सभ्यता के अवशेष मिलते हैं, वे अलग हैं और...
हाल के समय में यह विषय सर्वाधिक विवाद में रहा है। जाति और आरक्षण संबंधी पुरानी बहसों की तरह ही इसमें भी स्पष्ट खांचें बने हुए हैं। 'वाद-विवाद-संवाद' की इस सीरीज़ में हमारी...