दिलीप कुमार : कोई क्या कहे, क्या-क्या कहे, कितना कहे, कैसे कहे!
07 Jul, 2021‘लार्जर दैन लाइफ’ एक ऐसा फिकरा है जिसका इस्तेमाल अमूमन तब किया जाता है, जब किसी व्यक्ति या काल्पनिक पात्र की लोकप्रियता, उसका आभामंडल हमारी कल्पना की सीमाओं को...
‘लार्जर दैन लाइफ’ एक ऐसा फिकरा है जिसका इस्तेमाल अमूमन तब किया जाता है, जब किसी व्यक्ति या काल्पनिक पात्र की लोकप्रियता, उसका आभामंडल हमारी कल्पना की सीमाओं को...
कश्मीर। नाम सुनते ही कई तरह की छवियाँ मस्तिष्क में उभरती हैं,जिनमें दो सबसे आमफ़हम हैं। पहली जिसमें अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य से ओत प्रोत एक ऐसा भू प्रदेश जिसके लिये मुग़ल...
आप आजकल कभी संसद भवन के आसपास से गुजरें तो समझ आ जाएगा कि देश की नई संसद की इमारत के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। संसद भवन परिसर को बड़े-विशाल बोर्डों से घेर दिया गया है...
हम में से कई लोग रोज टहलने जाते हैं। बाज़ार के लिये निकले, किसी दोस्त से मिलने निकले या यूँ ही सेहत बनाने के लिए दौड़ पर निकले। नॉर्वे में हर दूसरा जंगलों या पहाड़ों में यूँ...
कोविड-19 का प्रभाव वैश्विक राजनीति पर कितना पड़ा है या पड़ सकता है, इस आशय के सेमिनार, लेख और किताबें पिछले साल ही खूब होने-छपने शुरू हो गए थे। उस वक्त तक तो इस महामारी के बारे में...
एक शाम नेहरू जब अपने दलान में बैठे हुए थे तो उनसे किसी पत्रकार ने पूछा कि आपको अपने कार्यकाल में ऐसी क्या कमी लगती है जिसको आप बदलना चाहेंगे। जवाब में नेहरू ने कहा कि मैं...
नॉर्वे की संसद में एक बार प्रश्न उठा कि अमुक परीक्षा में आया एक प्रश्न उस कक्षा के लिये उपयुक्त नहीं था। मुझे इस पर अचंभा हुआ कि सांसदों के लिये किसी ख़ास कक्षा का एक प्रश्न...
“पढ़िये गीताबनिये सीताफिर इन सबमें लगा पलीताकिसी मूर्ख की हो परिणीतानिज घर-बार बसाइयेहोंय कँटीलीआँखें गीलीलकड़ी सीली, तबियत ढीलीघर की सबसे बड़ी पतीलीभर कर भात...
दोस्तो, कहते हैं न कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता। दुनिया में बड़ा बनने के लिये, कुछ बड़ा पाने के लिये अपने मन को, बड़ा बनाना पड़ता है। और ऐसा तभी होगा जब हम बड़े दृष्टिकोण अपनाएँ।...
अगर किसी से पूछा जाए कि राजधानी दिल्ली में सबसे आकर्षक जगह कौन-सी है,तो ज़्यादातर लोगों का उत्तर होगा कनॉट प्लेस। दिल्ली की कितनी ही पीढ़ियों ने यहाँ आकर सुकून के अनगिनत...