मध्य प्रदेश Switch to English
वीर सिंह देव राष्ट्रीय पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
प्रख्यात हिंदी उपन्यासकार और पत्रकार दयानंद पांडे को उनकी उल्लेखनीय साहित्यिक कृति ‘विपश्यना में प्रेम’ के लिये मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा वीर सिंह देव राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- पुरस्कार समारोह भोपाल में आयोजित किया गया, जहाँ उन्हें एक प्रशस्ति-पत्र, एक शॉल और एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया।
मुख्य बिंदु
- दयानंद पांडे के बारे में:
- गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के 67 वर्षीय उपन्यासकार और पत्रकार दयानंद पांडे एक अत्यंत विपुल लेखक हैं, जिनकी उपन्यास, लघु-कथाएँ, कविता, गज़ल, संस्मरण तथा सिनेमा-निबंध सहित विभिन्न विधाओं में 75 से अधिक प्रकाशित रचनाएँ हैं
- उन्होंने वर्ष 1978 में अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की और नवभारत टाइम्स जैसे प्रमुख हिंदी दैनिकों में योगदान दिया।
- उनकी पत्रकारिता विशेषज्ञता उनके उपन्यासों में झलकती है, जिसमें सामाजिक आलोचना, भावनात्मक गहराई और सूक्ष्म दृष्टि का मिश्रण है।
- उल्लेखनीय कार्य:
- विपश्यना में प्रेम (पुरस्कार विजेता उपन्यास)
- लोक कवि अब गाते नहीं
- बर्फ में फँसी मछली
- सुमी का स्पेस
- मन्ना जल्दी आना
- अनुवाद:
- उनकी कृतियों का अनुवाद भोजपुरी, पंजाबी, अंग्रेज़ी, उर्दू और मराठी में किया गया है।
- पुरस्कार और सम्मान:
- साहित्य और पत्रकारिता में दिये गए योगदान हेतु उनको अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें प्रमुख हैं—
- लोहिया साहित्य सम्मान
- साहित्य भूषण
- प्रेमचंद सम्मान
- यशपाल सम्मान
- अमृतलाल नागर सम्मान
- साहित्य गौरव सम्मान
- साहित्य और पत्रकारिता में दिये गए योगदान हेतु उनको अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें प्रमुख हैं—
मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी
- स्थापना एवं उद्देश्य: वर्ष 1954 में स्थापित साहित्य अकादमी का उद्देश्य मध्य प्रदेश और देश के प्रमुख लेखकों की कृतियों तथा व्यक्तित्वों से परिचित कराना है।
- शुरुआत में इसका मुख्यालय नागपुर में था, लेकिन मध्य प्रदेश के गठन के बाद इसे भोपाल स्थानांतरित कर दिया गया।
- साहित्यिक हस्तियों का सम्मान: अकादमी मैथिलीशरण गुप्त, माखनलाल चतुर्वेदी और अन्य प्रसिद्ध राष्ट्रीय कवियों की जयंती मनाती है तथा साहित्य को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित करती है।
- युवा जुड़ाव और संपर्क: अकादमी कार्यशालाओं, काव्य-आयोजनों और युवा लेखकों की रचनाओं के प्रकाशन के माध्यम से साहित्य में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करती है। इसकी पत्रिका साक्षात्कार विभिन्न विधाओं में निबंध, साक्षात्कार और साहित्यिक कृतियाँ प्रकाशित करती है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश भारत की औद्योगिक वृद्धि में अग्रणी
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम-कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (ASI) 2023-24 के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने औद्योगिक विकास में एक नया मानक स्थापित किया है।
- राज्य ने तीन प्रमुख मानकों- सकल मूल्य वर्द्धन (GVA), कारखानों की संख्या और रोज़गार सृजन पर सभी प्रमुख औद्योगिक राज्यों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
मुख्य बिंदु
- सकल मूल्य वर्द्धन (GVA):
- राज्य का GVA वर्ष 2022-23 में 1.34 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 1.67 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 25.03% की वृद्धि दर्शाता है।
- यह राष्ट्रीय औसत 11.9% से दोगुने से भी अधिक है। परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश ने GVA वृद्धि के मामले में भारतीय राज्यों में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
- कारखानों की संख्या:
- उत्तर प्रदेश में कारखानों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। यह संख्या वर्ष 2022-23 में 19,102 से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 22,141 हो गई है, जो 15.91% की वृद्धि है।
- यह वृद्धि राष्ट्रीय औसत 2.7% से लगभग सात गुना अधिक है।
- भारत में कुल कारखानों की संख्या में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 8.51% है, जो तमिलनाडु (15.43%), गुजरात (12.81%) और महाराष्ट्र (10.20%) के बाद देश में चौथे स्थान पर है।
- रोजगार सृजन:
- उत्तर प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र में रोज़गार वर्ष 2022-23 में 14.86 लाख से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 16.26 लाख हो गया, जो 9.37% की वृद्धि दर्शाता है। यह वृद्धि अखिल भारतीय औसत 5.9% से कहीं अधिक है।
- औद्योगिक रोज़गार के मामले में उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के साथ शीर्ष पाँच राज्यों में शामिल हो गया है। राष्ट्रीय रोज़गार में राज्य की हिस्सेदारी 8% है।
उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण (ASI):
- परिचय
- वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (ASI) भारत में औद्योगिक आँकड़ों का प्राथमिक स्रोत है।
- इसकी शुरुआत वर्ष 1960 में हुई थी, जिसमें वर्ष 1959 को आधार-वर्ष माना गया था, तब से यह प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता रहा है, वर्ष 1972 को छोड़कर। यह सर्वेक्षण सांख्यिकी संकलन अधिनियम, 1953 के अंतर्गत संचालित था।
- वर्ष 2010-11 से, यह सर्वेक्षण सांख्यिकी संकलन अधिनियम, 2008 के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है, जिसे वर्ष 2017 में संशोधित किया गया था ताकि इसका कवरेज अखिल भारतीय स्तर तक बढ़ाया जा सके।
- कार्यान्वयन एजेंसी:
- राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO), जो सांख्यिकी और कार्यक्रम-कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) का अंग है, ASI का संचालन करता है।
- यह मंत्रालय जारी किये गए आँकड़ों की व्यापकता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये उत्तरदायी है।
- क्षेत्र:
- ASI का विस्तार पूरे देश में है। इसके अंतर्गत कारखाना अधिनियम, 1948 की धारा 2(m)(i) और 2(m)(ii) के अंतर्गत पंजीकृत सभी कारखाने आते हैं।
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अभ्यास ब्राइट स्टार 2025
चर्चा में क्यों?
रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि भारतीय सशस्त्र सेनाओं तथा मुख्यालय समन्वित रक्षा स्टाफ के 700 से अधिक कर्मी 28 अगस्त से 10 सितंबर, 2025 तक आयोजित होने वाले बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास ‘ब्राइट स्टार में भाग लेंगे।
- यह अभ्यास मिस्र द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, जिसमें भारत सहित अनेक देश भाग ले रहे हैं।
मुख्य बिंदु
- ब्राइट स्टार अभ्यास के बारे में:
- यह अभ्यास वर्ष 1980 से संयुक्त राज्य अमेरिका के सहयोग से मिस्र द्वारा आयोजित एक द्विवार्षिक बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास है।
- यह क्षेत्र के सबसे बड़े त्रि-सेवा बहुपक्षीय अभ्यासों में से एक है। इस अभ्यास का पिछला संस्करण वर्ष 2023 में हुआ था, जिसमें भारत सहित कई देशों ने भाग लिया था।
- गतिविधियाँ और विशेषताएँ: इस अभ्यास में सैन्य गतिविधियों की एक व्यापक शृंखला शामिल होगी, जिसमें शामिल हैं:
- लाइव फायरिंग अभ्यास: भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमताओं का प्रदर्शन।
- कमांड पोस्ट अभ्यास: भाग लेने वाले बलों के बीच संयुक्त योजना, निर्णय-लेने और परिचालन समन्वय को बढ़ाने के लिये विकसित किया गया।
- लघु प्रशिक्षण अभ्यास: आधुनिक युद्ध के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित, जिन्हें तीनों सेनाओं द्वारा आयोजित किया जाएगा।
- विशेषज्ञों से संवाद: समकालीन सैन्य अभियानों के विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ चर्चा और सहयोग किया जाएगा।
- महत्त्व:
- भारत की ‘ब्राइट स्टार 2025’ में भागीदारी क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
- इस अभ्यास का उद्देश्य भारतीय सशस्त्र सेनाओं और मित्र राष्ट्रों की सेनाओं के बीच सामरिक एकीकरण, पारस्परिक सहयोग तथा अंतर-संचालन को सुदृढ़ करना भी है।