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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 28 May 2022
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छत्तीसगढ़ Switch to English

आत्मनिर्भर भारत समिट में डिजिटल गवर्नेंस के लिये मिला इनोवेशन अवार्ड

चर्चा में क्यों? 

27 मई, 2022 को आत्मनिर्भर भारत समिट में छत्तीसगढ़ को डिजिटल गवर्नेंस के लिये इलेट्स इनोवेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • नई दिल्ली में आयोजित समारोह में समाज कल्याण विभाग को यह अवार्डएनजीओ पंजीकरण को कंप्यूटरीकृत करने और मान्यता और अनुदानकी प्रक्रिया ऑनलाइन करने के लिये दिया गया है। 
  • इलेट्स टेक्नो इंडिया के सीईओ डॉ. रवि गुप्ता ने यह अवार्ड छत्तीसगढ़ राज्य के समाज कल्याण विभाग के संचालक पी. दयानंद को प्रदान किया। 
  • समाज कल्याण विभाग के संचालक पी. दयानंद ने बताया कि समाज कल्याण विभाग ने ज़रूरतमंदों की मदद के लिये हर संभव प्रयास किया। कोरोना काल में छत्तीसगढ़ में एनजीओ मान्यता और अनुदान की प्रक्रिया ऑनलाइन करने से ज़रूरतमंद लोगों तक आसानी से सहायता पहुँचाई जा सकी। 
  • विभाग द्वारा एनजीओ मान्यता और अनुदान के लिये आवेदन की मैन्युअल प्रक्रिया को डिजिटल में बदलते हुए पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है। 
  • विभाग ने अटैचमेंट के साथ सभी आवश्यक डेटा को अनुकूलित तरीके से संधारित किया है, जिसे हितधारक एनजीओ, डीडीओ, कलेक्टर, निदेशालय, सचिवालय और मंत्री सभी उपयोगकर्त्ता देख सकते हैं।

उत्तराखंड Switch to English

राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिये विशेषज्ञ समिति का गठन

चर्चा में क्यों? 

27 मई, 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि राज्य में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन हेतु पाँच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया गया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि मा. न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई जी की अध्यक्षता इस विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है।  
  • इसके अलावा समिति में दिल्ली हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज प्रमोद कोहली, राज्य के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघन सिंह, सामाजिक कार्यकर्त्ता मनु गौड़ और दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है।  
  • समिति के गठन को लेकर राज्य सरकार की अधिसूचना में कहा गया है कि उत्तराखंड राज्य में रहने वाले सभी नागरिकों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले सभी प्रासंगिक कानूनों की जाँच करने और मसौदा कानून या मौज़ूदा कानून में संशोधन के साथ उस पर रिपोर्ट करने के लिये इस समिति का गठन किया जा रहा है।   
  • इसके अलावा विवाह, तलाक, संपत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार से संबंधित लागू कानून और विरासत, गोद लेने और रख-रखाव और सरंक्षता इत्यादि एवं समान नागरिक संहिता के परीक्षण एवं क्रियान्वयन हेतु राज्यपाल की स्वीकृति से विशेषज्ञ समिति का गठन किया जा रहा है।

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