इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 27 Nov 2021
  • 0 min read
  • Switch Date:  
छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ पर्यावरण सुधार के क्षेत्र में देश में पहले स्थान पर

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रकाशित इंडिया टुडे पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ वायु, जल प्रदूषण, ठोस कचरे के प्रबंधन और वनों के संरक्षण तथा संवर्धन की दिशा में बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए वर्ष 2021 में पर्यावरण सुधार के क्षेत्र में देश में पहले स्थान पर है।

प्रमुख बिंदु 

  • प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य वर्ष 2018 में 17वें, वर्ष 2019 में 6वें तथा वर्ष 2020 में दूसरे पायदान पर रहते हुए वर्ष 2021 में पहले पायदान पर है। इसी तरह इंडिया स्टेट ऑफ दी फॉरेस्ट रिपोर्ट के अनुसार राज्य के वन क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई है। 
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य लोहा, कोयला, डोलोमाइट जैसे खनिजों से परिपूर्ण है, जिसके कारण राज्य में खनिज आधारित उद्योगों का विस्तार हुआ है। इन उद्योगों की स्थापना से एक ओर जहाँ क्षेत्र के लोगों की आमदनी में भी बढ़ोतरी हुई है, वहीं इसके कारण वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट की चुनौतियाँ भी मिल रही हैं। 
  • राज्य सरकार द्वारा वातावरण में वायु की गुणवत्ता जाँचने के लिये 18 वायु गुणवत्ता स्टेशन स्थापित किये गए हैं। 
  • वायु प्रदूषण से सर्वाधिक प्रभावित तीन प्रमुख नगर निगमों-रायपुर, भिलाई, कोरबा में राष्ट्रीय साफ वायु प्रोग्राम के तहत माइक्रो एक्शन प्लान तैयार किये गए हैं। वायु में सल्फर की मात्रा 37 प्रतिशत तक कम हो गई है। यह 2016 में 26.02 माइक्रोग्राम थी, जो 2020 में घटकर 16.34 माइक्रोग्राम हो गई। 
  • इसी प्रकार दैनिक नाइट्रोजन डाईऑक्साइड संकेंद्रण में भी 17 प्रतिशत की कमी आई है। यह 24.11 माइक्रोग्राम से घटकर 19.88 माइक्रोग्राम रह गई है। 
  • इसी तरह राज्य सरकार ने वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम के तहत राज्य की 7 प्रमुख नदियों में पानी की गुणवत्ता जाँचने के लिये 27 स्टेशन स्थापित किये हैं। इनमें 5 प्रमुख नदियों-खारून, महानदी, हसदेव, केलो और शिवनाथ का पानी पीने योग्य पाया गया है। इसके अलावा पानी की गुणवत्ता जाँचने के लिये 10 स्टेशन बनाए जा रहे हैं। 
  • छत्तीसगढ़ की लगभग 28.8 मिलियन आबादी में 6 मिलियन लोग शहरी क्षेत्रों में निवास करते हैं। शहरी क्षेत्रों से लगभग एक हज़ार 650 टन ठोस कचरा प्रतिदिन एकत्र होता है। राज्य सरकार द्वारा पूरे राज्य में मिशन क्लीन सिटी प्रोग्राम चलाया जा रहा है। 
  • अंबिकापुर में विकेंद्रीकृत अपशिष्ट पृथक्करण और रिसाइकिलिंग मॉडल का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है। बलौदाबाज़ार ज़िले में भी हानिकारक कचरे के निपटान के लिये अलग से सुविधाएँ विकसित की गई हैं। इसी प्रकार बायोमेडिकल कचरे के निपटान के लिये 4 यूनिट भी प्रस्तावित हैं। 
  • हाल ही में राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ को देश के सर्वश्रेष्ठ स्वच्छतम राज्य के रूप में सम्मानित किया है। छत्तीसगढ़ लगातार तीन सालों से देश में स्वच्छता के मामले में पहले स्थान पर है।
  • छत्तीसगढ़ राज्य 44 प्रतिशत वनों से आच्छादित है, इससे ग्रीन हाउस के प्रभावों को भी कम करने में मदद मिल रही है, वहीं सरकार द्वारा इंडस्ट्रियल एरिया के 30 प्रतिशत क्षेत्र में वृक्षारोपण अनिवार्य किया गया है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

26 नवंबर, 2021 को केंद्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने छत्तीसगढ़ की पशुपालक माधुरी जंघेल और पशुधन विकास विभाग में कार्यरत कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन दुलारु राम साहू को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • ये पुरस्कार राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड और पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्रालय द्वारा भारत में श्वेत क्रांति के जनक स्वर्गीय वर्गीज कुरियन की जन्म शताब्दी व राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर गुजरात के आनंद में आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किये गए।
  • पशुपालन व पशुधन विकास में उत्कृष्ट कार्य के लिये भारत सरकार के पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्रालय द्वारा चयनित व्यक्तियों को यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
  • गौरतलब है कि धमतरी ज़िले के कुरुद विकासखंड के ग्राम मुरा के कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन दुलारु राम साहू को श्रेष्ठ गर्भाधान तकनीशियन श्रेणी में तीन लाख रुपए का द्वितीय पुरस्कार मिला है। इसी प्रकार राजनांदगांव ज़िले के हुईखदान विकासखंड के ग्राम संडी की पशुपालक माधुरी जंघेल को श्रेष्ठ देशी नस्ल कृषक श्रेणी में दो लाख रुपए का तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2