मध्य प्रदेश Switch to English
दुनिया की सबसे बड़ी बाघ गणना
चर्चा में क्यों?
मध्य भारत में अखिल भारतीय बाघ आकलन (AITE) 2026 की तैयारियाँ औपचारिक रूप से आरंभ हो चुकी हैं। इस क्रम में मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिज़र्व में क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई।
- बाघ गणना 2022 के अनुसार भारत में बाघों की संख्या 3,167 है, जो विश्व की कुल बाघ आबादी का 70% से अधिक है।
मुख्य बिंदु
- आयोजन:
- यह कार्यशाला राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) तथा भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) के संयुक्त प्रयास से आयोजित की गई।
- कार्यक्षेत्र:
- सर्वेक्षण में पूरे देश के बाघ आवासों को शामिल किया जाएगा तथा बाघ आबादी के विश्वसनीय और उचित अनुमान सुनिश्चित करने के लिये मानकीकृत प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाएगा।
- कार्यशाला में झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के 150 वन अधिकारियों तथा फील्ड स्टाफ ने भाग लिया।
- इसमें क्षेत्रीय निदेशकों, प्रभागीय वन अधिकारियों और रेंज अधिकारियों सहित विभिन्न अधिकारियों को मानकीकृत बाघ सर्वेक्षण विधियों पर प्रशिक्षण दिया गया।
- सर्वेक्षण में पूरे देश के बाघ आवासों को शामिल किया जाएगा तथा बाघ आबादी के विश्वसनीय और उचित अनुमान सुनिश्चित करने के लिये मानकीकृत प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाएगा।
- तकनीकी एकीकरण:
- प्रशिक्षण में बाघों की निगरानी, सह-शिकारी और शिकार प्रजातियों के आकलन तथा आवास मूल्यांकन से संबंधित प्रोटोकॉल शामिल थे।
- प्रतिभागियों को STrIPES ऐप, GPS उपकरण, कंपास, मानचित्र पढ़ना, दूरबीन और मल (scat) आधारित जेनेटिक सैंपलिंग जैसी उन्नत तकनीकों के उपयोग का प्रशिक्षण दिया गया।
- कार्यप्रणाली:
- प्रतिभागियों को शाकाहारी प्राणियों की गणना, वनस्पति और आवास मूल्यांकन तथा व्यवधान अध्ययन की विधियों से परिचित कराया गया, जिसमें शाकाहारी प्रजातियों के वितरण एवं मांसाहारी प्रजातियों की उपस्थिति के बीच संबंध पर विशेष ज़ोर दिया गया।
भारत में बाघों की गणना:
- राष्ट्रीय बाघ गणना राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा राज्य वन विभागों, संरक्षण NGOs और भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) के साथ साझेदारी से प्रत्येक चार वर्ष में की जाती है।
- गणना में भूमि-आधारित सर्वेक्षणों और कैमरा-ट्रैप से प्राप्त चित्रों पर आधारित दोहरी नमूनाकरण पद्धति का उपयोग किया जाता है।