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स्टेट पी.सी.एस.

  • 25 Sep 2021
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उत्तर प्रदेश Switch to English

गुलाबी मीनाकारी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा के दौरान अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस एवं ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन को बनारसी गुलाबी मीनाकारी उपहार भेंट किये गए

प्रमुख बिंदु

  • मीनाकारी, जिसे एनामेलिंग भी कहा जाता है, धातु की सतह पर खनिज पदार्थों को मिलाकर सजाने की कला है। मीनाकारी को भारत में मुगलों द्वारा लाया गया था।
  • इस प्रक्रिया का प्राय: कुंदन पर प्रयोग किया जाता है। इसके तहत किसी वस्तु (Article) के एक तरफ पत्थर और माउंट के बीच सोने की परत के साथ बहुमूल्य रत्नों की जड़ावट होती है, जबकि दूसरी तरफ मीना तकनीक से चमकदार परत चढ़ाई जाती है।
  • वाराणसी की मीनाकारी उसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है। इसे वर्ष 2015 में भौगोलिक संकेत (G.I. Tag) प्रदान किया गया था।

बिहार Switch to English

पराली प्रबंधन का रोहतास मॉडल

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पराली प्रबंधन के रोहतास मॉडल को पूरे राज्य में लागू करने का निर्णय लिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • रोहतास मॉडल के तहत स्ट्राबेलर नामक मशीन की सहायता से उच्च दबाव पर पराली का कंप्रेस्ड बंडल बनाया जाता है। इस बंडल को डेयरी समितियों को बेचा जाता है, जहाँ इसका प्रयोग चारे के रूप में किया जाता है। इससे न केवल कृषकों को अतिरिक्त आय की प्राप्ति होती है, बल्कि पशुपालकों की चारे संबंधी समस्या का समाधान होने से पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिलता है।
  • उल्लेखनीय है कि कृषि विज्ञान केंद्र, रोहतास के इस पराली प्रबंधन मॉडल को मई 2021 में इको-एग्रीकल्चर अवॉर्ड, 2021 से सम्मानित किया गया है।
  • इसके अतिरिक्त राज्य कृषि विभाग द्वारा पराली से बायोचार बनाने के प्रयास भी शुरू कर दिये गए हैं, जिसके तहत पराली को विशेष भट्ठी की सहायता से लगभग 360ºC तापमान पर जलाकर बायोचार खाद का निर्माण किया जाएगा।
  • गौरतलब है कि उत्तर भारत में पराली का प्रबंधन अत्यंत जटिल समस्या है। दरअसल प्रत्येक वर्ष किसानों द्वारा फसल अवशेषों (पराली) को जलाने से विभिन्न प्रकार की पर्यावरण एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं, उदाहरण के लिये दिल्ली एनसीआर में शीत ऋतु में स्मॉग की समस्या। ऐसे में पराली प्रबंधन के रोहतास मॉडल को पूरे बिहार राज्य में विस्तारित करना महत्त्वपूर्ण कदम है।

राजस्थान Switch to English

वाणिज्यिक कर विभाग का पुनर्गठन

चर्चा में क्यों?

24 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) के लागू होने के बाद बदले हुए परिदृश्य तथा राज्य में इसके बेहतर एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिये वाणिज्यिक कर विभाग के पुनर्गठन के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।

प्रमुख बिंदु

  • इसके तहत बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था के लिये ज़ोन, नियमित सर्किल एवं वार्डों की संख्या बढ़ाई जाएगी। साथ ही, करदाताओं की सुविधा के लिये अपीलीय प्राधिकारी कार्यालय भी स्वीकृत किये गए हैं। 
  • इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राजस्थान वाणिज्यिक कर सेवा और राजस्थान वाणिज्यिक कर (अधीनस्थ) सेवा के 15 अतिरिक्त पद सृजित करने की स्वीकृति दी है। इससे विभाग के कैडर की संख्या बढ़कर 1833 हो जाएगी।
  • प्रस्ताव के तहत राज्य में GST के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये भिवाड़ी में नया ज़ोन बनाया जाएगा। इससे प्रशासनिक ज़ोन की संख्या 16 हो जाएगी। ज़ोन जयपुर-4 और जोधपुर-2 को कार्यात्मक बनाया जाएगा। नियमित सर्किल की संख्या डेढ गुना तक बढ़ाकर 82 से 135 की जाएगी। नियमित वार्डों की संख्या भी 296 से 320 की जाएगी। 
  • GST की शुरुआत के बाद विशेष सर्किल, वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट्स एवं लीजिंग टैक्स की प्रासंगिकता नहीं रही है, इसलिये उन्हें समाप्त किया जा रहा है।
  • करदाताओं की सुविधा के लिये कोटा ज़ोन में अपीलीय प्राधिकारी का कार्यालय स्वीकृत किया गया है। 
  • ऑडिट एवं एंटी इवेजन कार्य के सुदृढ़ीकरण के लिये बिजनेस इंटेलीजेंस यूनिट का गठन किया जा रहा है। तकनीकी रूप से सक्षम इस यूनिट में विभागीय अधिकारी भी शामिल होंगे और यह यूनिट GSTN डेटाबेस एवं ई-वे बिल पोर्टल के डेटा का प्रभावी विश्लेषण करेगी।
  • एंटी इवेजन विंग का नाम बदलकर एन्फोर्समेंट विंग किया जा रहा है। साथ ही, कर धोखाधड़ी गतिविधियों में लिप्त वास्तविक व्यक्तियों की पहचान करने के लिये एक साइबर सेल गठित की जा रही है। 
  • राज्य, ज़ोन एवं नियमित वृत्त स्तर पर त्रिस्तरीय ऑडिट स्ट्रक्चर बनाया जाएगा। राज्य और ज़ोनल स्तर पर बड़े एवं जटिल मामलों की ऑडिट सुनिश्चित होगी।
  • ईमानदारी से अपने कर दायित्व का निर्वहन करने वाले करदाताओं की शिकायतों के समाधान के लिये टैक्सपेयर केयर यूनिट गठित की जा रही है। इसमें योग्य सीए एवं कर व्यवसायी शामिल होंगे। 
  • डीलरों के लिये सरल, आसान और त्वरित पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिये सेंट्रल रजिस्ट्रेशन यूनिट बनाई जाएगी। पंजीकरण का कार्य मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुसार किया जाएगा।
  • राजस्थान राज्य कर अकादमी (STAR) को अत्याधुनिक प्रशिक्षण संस्थान बनाने के लिये इसमें वर्तमान में हो रहे बदलाव को शामिल करते हुए अद्यतन किया जाएगा। 
  • उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के कर राजस्व संग्रहण में वाणिज्यिक कर विभाग महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। राज्य के कर राजस्व में इसका योगदान लगभग 50 प्रतिशत तक है। वित्त वर्ष 2021-22 में कर राजस्व लक्ष्य 60 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का है। वर्तमान में इस विभाग द्वारा राज्य में आरजीएसटी एक्ट-2017, राजस्थान वैट एक्ट-2003 तथा राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी (ड्यूटी) एक्ट-1962 का क्रियान्वयन किया जाता है।

मध्य प्रदेश Switch to English

9वीं राज्यस्तरीय ड्रेगन बोट रेस

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भोपाल के छोटे तालाब पर आयोजित 9वीं राज्यस्तरीय ड्रेगन बोट रेस जूनियर बालक/बालिकाओं एवं सीनियर महिला/पुरुष चैंपियनशिप में भोपाल क्लब चैंपियन बना है।

प्रमुख बिंदु

  • इस रेस चैंपियनशिप को मध्य प्रदेश कायाकिंग एवं केनोइंग संघ द्वारा आयोजित किया गया था।
  • इस रेस में 500 मीटर 10+2 मिक्स इवेंट में भोपाल क्लब प्रथम, मध्य प्रदेश अकादमी द्वितीय और एडवेंचर क्लब ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
  • 500 मीटर 10+2 पुरुष इवेंट में भोपाल क्लब ने प्रथम स्थान, मध्य प्रदेश अकादमी ने द्वितीय एवं भिंड ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
  • 200 मीटर 10+2 पुरुष इवेंट में भोपाल क्लब पहले स्थान पर, भिंड दूसरे स्थान पर तथा एडवेंचर क्लब तीसरे स्थान पर रहा।
  • 200 मीटर 10+2 मिक्स इवेंट में मध्य प्रदेश अकादमी प्रथम स्थान पर, भोपाल क्लब द्वितीय स्थान पर तथा एडवेंचर क्लब तृतीय स्थान पर रहा।
  • उपर्युक्त प्रतियोगिता के विजेता खिलाड़ियों का चयन 9वीं राष्ट्रीय ड्रेगन वोट रेस सीनियर महिला/पुरुष तथा जूनियर बालक/बालिक प्रतियोगिता 2020-21 के लिये किया जाएगा, जो कि 9 से 12 अक्टूबर, 2021 तक चामरा लेक (हिमाचल प्रदेश) में आयोजित की जाएगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

‘लाडली लक्ष्मी योजना 2.0-आत्मनिर्भर लाडली’

चर्चा में क्यों?

24 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बेटियों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिये लाडली लक्ष्मी योजना को नए स्वरूप ‘लाडली लक्ष्मी योजना 2.0-आत्मनिर्भर लाडली’ के रूप में लागू करने का निर्णय लिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि बेटियों के प्रति समाज की मानसिकता में बदलाव लाने के लिये वर्ष 2007 में लागू की गई लाडली लक्ष्मी योजना में वर्तमान में 39.81 लाख से अधिक बेटियाँ जुड़ी हुई हैं। 
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘लाडली लक्ष्मी योजना 2.0-आत्मनिर्भर लाडली’ में बालिकाओं के कौशल प्रशिक्षण एवं विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में रोज़गार की उपलब्धता, उच्च शिक्षा तथा जीवन के अन्य क्षेत्रों में उनकी प्रतिभा को प्रोत्साहित करने पर ज़ोर दिया गया है। इससे वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकेंगी तथा सामाजिक और आर्थिक रूप से अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा सकेंगी।
  • मुख्यमंत्री ने प्रदेश की बेटियों से आग्रह किया है कि वे शाला में प्रवेश से लेकर निरंतर आगे की कक्षाओं में अग्रसर होते हुए लगन, उत्साह और परिश्रम से 12वीं कक्षा तथा उसके बाद भी अपनी रुचि अनुसार लक्ष्य निर्धारित करते हुए उच्च शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करें। इससे अन्य बालिकाओं को भी प्रेरणा मिल सकेगी।

हरियाणा Switch to English

पानीपत में पेंट निर्माण सुविधा हेतु आदित्य बिड़ला समूह द्वारा 1140 करोड़ रुपए का निवेश

चर्चा में क्यों?

24 सितंबर, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पानीपत में हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड में एक बड़ी पेंट निर्माण सुविधा स्थापित करने के लिये आदित्य बिड़ला समूह की एक टीम को नियमित आवंटन-पत्र (Regular Letter of Allotment) सौंपा।

प्रमुख बिंदु

  • इस संबंध में सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पानीपत में आदित्य बिड़ला समूह को 1140 करोड़ रुपए के निवेश से पेंट निर्माण सुविधा स्थापित करने के लिये 70 एकड़ भूमि का आवंटन किया गया है।
  • प्रवक्ता के अनुसार मेगा प्रोजेक्ट कैटेगरी के तहत यह आवंटन खुले विज्ञापन के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित कर किया गया है।
  • इस इकाई द्वारा लगभग 550 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोज़गार मिलेगा और सहायक इकाइयों के प्रसार के माध्यम से क्षेत्र के औद्योगिक विकास में मदद मिलेगी।

हरियाणा Switch to English

गिद्ध प्रजातियों के संरक्षण प्रजनन पर राष्ट्रीय समीक्षा बैठक आयोजित

चर्चा में क्यों?

हाल ही में गिद्ध संरक्षण प्रजनन केंद्र (VCBC), पिंजौर, हरियाणा में सेंट्रल जू अथॉरिटी (CZA) ने बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BNHS) के साथ भारत में गिद्ध प्रजातियों के संरक्षण प्रजनन पर एक राष्ट्रीय समीक्षा बैठक आयोजित की।

प्रमुख बिंदु

  • एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, इस कार्यक्रम में गिद्ध संरक्षण प्रजनन केंद्र, पिंजौर समन्वयक चिड़ियाघर और पाँच अन्य चिड़ियाघर- नंदनकानन जैविक उद्यान, भुवनेश्वर (ओडिशा), वन विहार राष्ट्रीय उद्यान और चिड़ियाघर, भोपाल (मध्य प्रदेश), सक्करबाग चिड़ियाघर, जूनागढ़ (गुजरात), नेहरू प्राणी उद्यान, हैदराबाद (तेलंगाना) और असम राज्य चिड़ियाघर, गुवाहाटी (असम) कार्यक्रम में भाग लेने वाले चिड़ियाघर हैं। 
  • सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि राजाभटखावा (पश्चिम बंगाल) और VCBC, रानी (असम) केंद्र जो संबंधित राज्य सरकारों के सहयोग से स्थापित किये गए हैं, ने भी बैठक में भाग लिया।
  • इस समीक्षा बैठक में सभी केंद्रों के निदेशकों, पशु चिकित्सकों या जीवविज्ञानियों ने भाग लिया। इस दौरान VCBC, पिंजौर द्वारा विकसित एक ‘मैनुअल फॉर वल्चर कीपर्स’ जारी किया गया।
  • बैठक में सिफारिश की गई कि भारत में गिद्ध संरक्षण के लिये कार्य योजना (APVC), 2020-2025 में संरक्षण के लिये पहचान की गई दो अतिरिक्त प्रजातियों- लाल सिर वाले गिद्ध (सरकोजिप्स कैल्वस) और मिस्र के गिद्ध (नियोफ्रॉन पर्कोनोप्टेरस) को समन्वित संरक्षण प्रजनन के तहत लिया जा सकता है।
  • उल्लेखनीय है कि नब्बे के दशक के मध्य में गिद्धों की तीन जिप्स प्रजातियों- सफेद पीठ वाले, लंबी चोंच वाले और पतले बिल वाले की आबादी में डिक्लोफेनाक के उपयोग के कारण भारी गिरावट आई। उनकी संभावित विलुप्ति को रोकने के लिये CZDA ने वर्ष 2006 में गिद्ध संरक्षण हेतु कार्य योजना जारी करने के बाद इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी।

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुकुंद रेडियो द्वारा प्रकाशित मोनोग्राफ का विमोचन

चर्चा में क्यों?

24 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में मुकुंद रेडियो द्वारा प्रकाशित मोनोग्राफ का विमोचन किया। इस मोनोग्राफ में वर्ष 1952 से 2021 तक अविभाजित मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लगभग छह दशकों का दृश्यात्मक दस्तावेज़ संकलित है।

प्रमुख बिंदु

  • मुकुंद रेडियो के संचालक संजय मोहदीवाले ने बताया कि 1950 के दशक में स्थापित इस संस्थान में सभी राजनीतिक- सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सचित्र ब्यौरा रखा गया है। 
  • संस्थान में श्वेतश्याम दौर से लेकर आज के डिजिटल युग तक छत्तीसगढ़ अंचल में आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत करने वाली मशहूर हस्तियों की तिथिवार तस्वीरों की एक लघु दीर्घा मौजूद है। इन्हीं तस्वीरों के दस्तावेज़ को मोनोग्राफ की शक्ल में प्रकाशित किया गया है। 
  • मोनोग्राफ के आकल्पक व संपादक राजेश गनौदवाले ने बताया कि किताब में प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई, इंदिरा गांधी, चंद्रशेखर, अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, रविशंकर शुक्ल, मन्ना डे, पंकज उधास, बेगम अख्तर, जगजीत सिंह जैसी हस्तियों के छत्तीसगढ़ आगमन से लेकर मुख्यमंत्री बघेल के कार्यकाल के 2 वर्षों की चुनिंदा तस्वीरें शामिल हैं। 
  • मुख्यमंत्री ने मोनोग्राफ की प्रति स्वहस्ताक्षरित कर शुभकामना संदेश दिया और कहा कि ऐसा फोटो दस्तावेज़ इकट्ठा करना, जिसमें प्रदेश में आई सभी शख्सियतों का रिकॉर्ड हो और उसे दशकों तक सहेज कर सिलसिलेवार रूप से प्रकाशित करना अपने आप में बहुत महत्त्वपूर्ण और प्रशंसनीय कार्य है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

नसबंदी में छत्तीसगढ़ पिछले 5 वर्षों से देश में प्रथम स्थान पर

चर्चा में क्यों?

24 सितंबर, 2021 को परिवार नियोजन कार्यक्रम के उप-संचालक डॉ. सत्यार्थी ने बताया कि पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान नसबंदी में छत्तीसगढ़ पिछले 5 वर्षों से देश में प्रथम स्थान पर है। इस दौरान प्रदेश में 4905 पुरुषों ने परिवार नियोजन के लिये नसबंदी कराई है।

प्रमुख बिंदु

  • डॉ. सत्यार्थी ने बताया कि पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान वर्ष 2017-18 में प्रदेश के 966, वर्ष 2018-19 में 72, वर्ष 2019-20 में 1695, वर्ष 2020-21 में 168 और वर्ष 2021-22 में 1349 पुरुषों ने नसबंदी कराई है।
  • उन्होंने कहा कि नसबंदी पखवाड़ा के दौरान ग्राम स्तर से लेकर ज़िला स्तर तक विशेष अभियान चलाकर लोगों में पुरुष नसबंदी के प्रति फैली भ्राँतियों व मिथकों को विभाग द्वारा दूर किया जाता है। ग्राम स्तर पर ‘मोर मितान मोर संगवारी’ चौपाल का आयोजन कर पुरुषों को नसबंदी कराने हेतु प्रेरित किया जाता है।
  • उल्लेखनीय है कि प्रति वर्ष स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार और परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने के लिये प्रदेशव्यापी पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मनाया जाता है।
  • पखवाड़ा दो चरणों में आयोजित किया जाता है। पहला चरण मोबिलाइजेशन सप्ताह के रूप में होता है, जिसमें जनसंख्या स्थिरीकरण में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने एवं राज्य में एनएसवीटी कार्यक्रम को सुचारु ढंग से संचालित कर नसबंदी के लिये पुरुषों को जागरूक किया जाता है एवं ‘मोर मितान मोर संगवारी’ की थीम पर ग्राम स्तर पर आयोजित गोष्ठियों में पुरुषों को नसबंदी हेतु प्रेरित किया जाता है। वहीं दूसरा चरण सेवा वितरण सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। 
  • स्वास्थ्य विभाग द्वारा नसबंदी कराने वालों को दो हज़ार रुपए एवं उत्प्रेरकों को 250 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

देवदास बंजारे स्मृति पंथी नृत्य पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के परिपालन में संस्कृति विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध पंथी नर्तक स्वर्गीय देवदास बंजारे की स्मृति में राज्यस्तरीय ‘देवदास बंजारे स्मृति पंथी नृत्य पुरस्कार’ की स्थापना की गई है।

प्रमुख बिंदु

  • इसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ की लोक शैली ‘पंथी नृत्य’ प्रदर्शनकारी कला के क्षेत्र में प्रतिभागियों एवं संस्थाओं को प्रोत्साहित तथा सम्मानित करना है। 
  • देवदास बंजारे स्मृति पंथी नृत्य पुरस्कार की नियमावली का प्रकाशन 10 सितंबर, 2021 को राज-पत्र में हो चुका है।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 18 दिसंबर, 2020 को बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती के अवसर पर स्वर्गीय देवदास बंजारे की स्मृति में पंथी नृत्य पुरस्कार स्थापित किये जाने की घोषणा की थी। 
  • इस पुरस्कार को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले राज्य अलंकरण समारोह में शामिल कर लिया गया है। 
  • पंथी नृत्य पुरस्कार के तहत 50 हज़ार रुपए की सम्मान राशि, प्रतीक चिह्न और प्रशस्ति-पत्र दिया जाएगा।
  • गौरतलब है कि राज्य में संस्कृति विभाग द्वारा पहले से ही ‘देवदास बंजारे स्मृति पुरस्कार’ स्थापित है, जो राज्य में प्रदर्शनकारी लोक शैली कला क्षेत्र के क्षेत्र अंतर्गत स्थापित है। देवदास बंजारे की स्मृति में यह राज्यस्तरीय दूसरा पुरस्कार केवल लोक शैली ‘पंथी नृत्य’ प्रदर्शनकारी कला के क्षेत्र में स्थापित किया गया है। इस प्रकार अब संस्कृति विभाग से दिये जाने वाले पुरस्कारों की संख्या अब 8 हो गई है।

उत्तराखंड Switch to English

टिहरी बांध

चर्चा में क्यों?

24 सितंबर, 2021 को टिहरी बांध जलाशय को पहली बार 830 मीटर ऊँचाई तक भरा गया।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि टिहरी जलविद्युत परियोजना के तहत अभी तक इसे 828 मीटर तक ही भरा जाता है, किंतु अगस्त महीने में ही सरकार से अनुमति मिलने के बाद जल के स्तर में वृद्धि की गई। इससे टिहरी हाइड्रो प्रोजेक्ट अपनी पूरी क्षमता से विद्युत उत्पादन कर पाएगा। 
  • उल्लेखनीय है कि पारिस्थितिकीविदों द्वारा हिमालयी क्षेत्र में बाँधों के निर्माण से आपदाओं की संभाव्यता को लेकर चिंता व्यक्त की जाती रही है। ऐसे में हिमालयीय पारिस्थितिकी की संवेदनशीलता को देखते हुए बाँधों के जलस्तर में वृद्धि गंभीर संकट उत्पन्न कर सकती है, जैसे हाल ही में नंदा देवी ग्लेशियर के टूटने से तपोवन-विष्णुगढ़ परियोजना के क्षेत्र में आपदा की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
  • भागीरथी नदी पर निर्मित टिहरी बाँध एवं जल विद्युत परियोजना का संचालन टिहरी हाइड्रो पॉवर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
  • इस परियोजना द्वारा वर्ष 2006 से विद्युत उत्पादन शुरू किया गया था। टिहरी जलविद्युत परिसर (2400 मेगावाट) के तीन घटक हैं-
  • टिहरी बांध एवं जलविद्युत परियोजना (1000 मेगावाट)
  • कोटेश्वर बांध एवं जलविद्युत परियोजना (400 मेगावाट)
  • टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट (1000 मेगावाट)

उत्तराखंड Switch to English

पर्यटकों के लिये लग्जरी वैन ‘कारवां’ का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

  • 24 सितंबर, 2021 को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड के दूरस्थ स्थानों की यात्रा हेतु उत्तराखंड के लोगों एवं पर्यटकों के लिये उच्च आराम सुविधाओं से लैस विशेष वैन ‘कारवां’ का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • पर्यटन मंत्री ने कहा कि यह कैंपिंग वाहन यात्रा के शौकीन पर्यटकों के लिये घर जैसी सभी सुविधाएँ मुहैया कराएगा। इस वाहन में एलसीडी टीवी, सैटेलाइट टीवी, जीपीआरएस नेविगेशन सिस्टम, वाशरूम, पेंट्री, माइक्रोवेव और अन्य सुविधाएँ हैं।
  • इस वाहन से कोई भी सड़क मार्ग से कहीं भी यात्रा कर सकता है। इसका सीधा लाभ पर्यटकों और उत्तराखंड के लोगों, दोनों को होगा।
  • उन्होंने कहा कि इस कारवां को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोज़गार योजना में शामिल किया गया है, साथ ही इसे पर्यटन योजना वर्ष 2018 के तहत एमएसएमई के अंतर्गत भी शामिल किया गया है, जिसमें स्थानीय लोग ‘कारवां’ खरीद सकते हैं।

उत्तराखंड Switch to English

अंतर्राष्ट्रीय सेब महोत्सव

चर्चा में क्यों?

24 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के साथ आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत राज्य में पहली बार आयोजित ‘अंतर्राष्ट्रीय सेब महोत्सव’ का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • देहरादून में इस अंतर्राष्ट्रीय सेब महोत्सव का आयोजन 24 से 26 सितंबर तक किया जाएगा।
  • महोत्सव में हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड समेत अन्य प्रदेशों से सेब उत्पादकों ने हिस्सा लिया। इस महोत्सव में देश भर से तकरीबन 50 सेब की वैरायटी सम्मिलित की गईं।
  • महोत्सव का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में सेब उत्पादन को बढ़ावा देना और उत्तराखंड के सेब की पहचान अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार तक पहुँचाना है ताकि उत्तराखंड की सेब की ब्रॉन्डिंग राष्ट्रीय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में हो सके।
  • इस अवसर पर धामी ने बागवानी श्रमिकों को कोविड योद्धा का दर्जा देने की घोषणा की, साथ ही उन्होंने राज्य सरकार द्वारा संचालित मिशन सेब के लिये बजट दोगुना करने की भी घोषणा की।

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