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जैव विविधता और पर्यावरण

सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी का पुनर्गठन

  • 02 Jul 2020
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये

सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी

मेन्स के लिये

सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी के कार्य और भारतीय के चिड़ियाघरों को नियंत्रित करने में इसकी भूमिका

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ‘सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी’ (Central Zoo Authority-CZA) का पुनर्गठन करते हुए, इसमें स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (दिल्ली) के एक विशेषज्ञ और एक आणविक जीवविज्ञानी (Molecular Biologist) को शामिल किया है।

प्रमुख बिंदु

  • पुनर्गठन के बाद स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (दिल्ली) के निदेशक पी. एस. एन. राव (P.S.N. Rao) तथा कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (The Centre for Cellular & Molecular Biology-CCMB) के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक कार्तिकेयन वासुदेवन (Karthikeyan Vasudevan) को ‘सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी’ (CZA) के नए सदस्यों के रूप में शामिल किया गया है।

स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर 

  • स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (School of Planning and Architecture) की शुरुआत वर्ष 1941 में दिल्ली पॉलिटेक्निक (Delhi Polytechnic) के आर्किटेक्चर विभाग के रूप में की गई थी।
  • कुछ समय पश्चात् इसे वर्ष 1955 में स्थापित स्कूल ऑफ टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से एकीकृत कर दिया गया और वर्ष 1955 में इसका नाम बदलकर स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर कर दिया गया।
  • इसके अंतर्गत मानव आवास और पर्यावरण के विभिन्न पहलुओं में विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

जानवरों को लेकर चिंता

  • विदित हो कि 01 जून से ‘सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी’ (CZA) ने चिड़ियाघर को आगंतुकों के लिये खोलने की अनुमति दे दी थी।
  • हालाँकि इसके बावजूद जानवरों और चिड़ियाघर के कर्मचारियों की सुरक्षा को मद्देनज़र रखते हुए देश के अधिकांश चिड़ियाघरों ने अब तक आगंतुकों के लिये इन्हें नहीं खोला है।
  • ध्यातव्य है कि मई माह में दुनिया भर के कई जानवरों के कोरोना वायरस (COVID-19) से संक्रमित होने के बाद से जानवरों खासकर चिड़ियाघर घर में रहने वाले जानवरों में संक्रमण को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही थी।
  • ‘सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी’ (CZA) ने भी निगरानी बढ़ाने और जानवरों की सुरक्षा का ध्यान रखने समेत कई अन्य परामर्श जारी किये थे।
  • CZA द्वारा दिये गए दिशा-निर्देशों के अनुसार, चिड़ियाघर के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का कार्य भी किया जा रहा है, ताकि वे मौजूदा महामारी के दौरान जानवरों को सुरक्षित करने के लिये सही कदम उठा सकें।

सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी

(Central Zoo Authority-CZA)

  • सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी (CZA), एक सांविधिक निकाय (statutory body) है जिसका मुख्य उद्देश्य भारत में जानवरों के रख-रखाव और स्वास्थ्य देखभाल के लिये न्यूनतम मानकों तथा मानदंडों को लागू करना है।
    • सांविधिक निकाय के रूप में इसकी स्थापना वर्ष 1992 में की गई थी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1991 में इस निकाय की स्थापना के लिये वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम को संशोधित किया गया था।
  • इस प्राधिकरण का मुख्य लक्ष्य  देश की समृद्ध जैव विविधता के संरक्षण में राष्ट्रीय प्रयास को और मज़बूत करना है, विशेष रूप से पशुओं के संबंध में। 
  • ध्यातव्य है कि भारत में चिड़ियाघरों को वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के अनुसार विनियमित तथा राष्ट्रीय चिड़ियाघर नीति, 1992 द्वारा निर्देशित किया जाता हैं। 
  • गौरतलब है कि भारतीय और विदेशी चिड़ियाघरों के बीच जानवरों के आदान-प्रदान के लिये भी सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी (CZA) के अनुमोदन की आवश्यकता होती है।

‘सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी’ की संरचना

  • सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी के अंतर्गत एक अध्यक्ष के अतिरिक्त 10 सदस्य और एक सदस्य-सचिव शामिल होता है। इसमें से कुछ सदस्य पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में कार्यरत अधिकारी होते हैं, जबकि शेष गैर-सरकारी सदस्य वन्यजीव संरक्षणवादी या सेवानिवृत्त वन अधिकारी होते हैं।
  • इस प्राधिकरण की अध्यक्षता पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री द्वारा की जाती है।

स्रोत: द  हिंदू

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