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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 24 May 2023
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उत्तर प्रदेश सरकार और कोरिया गणराज्य के ग्योंगसांगबुक-डो प्रांत के बीच एमओयू

चर्चा में क्यों?

22 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश और कोरिया गणराज्य के ग्योंगसांगबुक-डो प्रांत के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गए, जिसके तहत दोनों प्रांतों में प्रगति एवं विकास के लिये शैक्षिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को प्रोत्साहित किया जाएगा। 

प्रमुख बिंदु  

  • प्रदेश सरकार की ओर से अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह तथा ग्योंगसांगबुक-डो प्रांत के महानिदेशक, ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक एंड इंडस्ट्रियल अफेयर, ली यंगसेओक द्वारा एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए। 
  • मुख्यमंत्री ने इस सहभागिता के महत्त्व और दोनों क्षेत्रों के बीच विकास और सहयोग के नए द्वार खोलने पर बल देते हुए कहा कि हस्ताक्षरित एमओयू दक्षिण कोरिया के ग्योंगसांगबुक-डो प्रांत तथा उत्तर प्रदेश के बीच द्विपक्षीय सहयोग में वृद्धि की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।  
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश और दक्षिण कोरिया के पुराने आत्मिक रिश्ते फिर से प्रगाढ़ हो रहे है। दोनों देशों के स्वतंत्रता दिवस की तिथियां एक हैं। दोनों देशों के रिश्ते शताब्दियों पुराने हैं।  
  • विदित है कि दो हज़ार साल पहले अयोध्या की राजकुमारी श्रीरत्ना ने जल मार्ग से दक्षिण कोरिया की यात्रा की थी। उन्होंने जिमगवांन के राजा सुरो से विवाह किया था, जिसके बाद उन्हें हियो हवांग ओक के नाम से जाना गया।  
  • जिमगवांन साम्राज्य का प्रतीक जुड़वाँ मछली है, जो अयोध्या सहित उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र में कई ऐतिहासिक स्मारकों में पाई जाती है।  
  • ज्ञातव्य है कि 6 नवंबर, 2018 को दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जुंग सूक के साथ मुख्यमंत्री ने अयोध्या में क्वीन हो मेमोरियल पार्क का शिलान्यास किया था। इसका निर्माण पूरा हो चुका है। अयोध्या और कोरिया का गिम्हे शहर सिस्टर सिटी है। 
  • दुनिया की नामी इलेक्ट्रॉनिक कंपनी सैमसंग और एलजी जैसे बड़े उद्योग का जन्म दक्षिण कोरिया के जीबी प्रॉविंस में माना जाता है। प्रदेश 250 मिलियन की जनसंख्या के साथ सबसे बड़ा उपभोक्ता केंद्र है। 


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गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे विकसित होगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर

चर्चा में क्यों?

22 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे पर औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाएगा। 

प्रमुख बिंदु  

  • गंगा एक्सप्रेस-वे के आसपास फार्मा पार्क, टेक्सटाइल पार्क विकसित किये जाएंगे। एक्सप्रेस-वे के शुरुआती छोर व आखिरी छोर पर भी बड़े औद्योगिक गलियारे बनाने की तैयारी है। एक्सप्रेस-वे से निकटता के चलते बड़े पैमाने पर निवेशक यहाँ अपने उद्योग लगाएंगे। 
  • उत्तर प्रदेश सरकार की योजना एक्सप्रेस-वे के बनने से पहले उससे संबंधित ज़िलों में उद्योग व निवेश के लिहाज से संभावना वाले स्थलों को विकसित करना है। गंगा एक्सप्रेस-वे हापुड़ से भी गुजरेगा तथा यहाँ फार्मा पार्क बनाने की तैयारी है।
  • प्रयागराज में एनएच-2 प्रयागराज बाईपास पर खत्म होना है। वहाँ पहले से औद्योगिक गलियारा विकसित किया जा रहा है। यहाँ से एक्सप्रेस-वे की निकटता का लाभ वहाँ स्थापित होने वाले उद्योगों को होगा।  
  • मेरठ, जहाँ से एक्सप्रेस-वे की शुरुआत होनी है, वहाँ के प्रस्थान बिंदु के आसपास की ज़मीन को उद्योगों के लिये विकसित किया जाएगा। एक्सप्रेस-वे हरदोई से भी गुजरेगी, जहाँ टेक्सटाइल पार्क के लिये ज़मीन तलाश ली गई है। 
  • टेक्सटाइल पार्क का दायरा लखनऊ तक है। आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे और गंगा एक्सप्रेस-वे दोनों की निकटता का लाभ इस पार्क में आने वाले उद्यमियों को होगा। एक्सप्रेस-वे के किनारे शाहजहाँपुर में वेयरहाउस विकसित किये जाएंगे। यहाँ से उपज आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। 
  • इसके अलावा, इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, चिकित्सा संस्थान भी खोलने की तैयारी है। राज्य सरकार जल्द संबंधित स्थलों के आसपास औद्योगिक गलियारे के लिये ज़मीन विकसित करेगी।  
  • एक्सप्रेस-वे का निर्माण 8 पैकेजों में अडानी व आईआर बी कंपनियों द्वारा कराया जा रहा है। यह परियोजना पीपीपी मोड पर क्रियान्वित की जा रही है। इसे जनवरी 2025 तक पूरा किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे 12 ज़िलों से गुज़रता है। यहाँ कुल 9172 हेक्टेयर ज़मीन औद्योगिक कारीडोर के लिये ली जा रही है जबकि बुंदेलखंड क्षेत्र में डिफेंस कॉरिडोर बन रहा है। इसी के दायरे में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे है, जिसके लिये जालौन व बांदा में ज़मीन विकसित की जा रही है।  
  • गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के किनारे भी औद्योगिक गलियारा विकसित होगा। इसके लिये 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
  • पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर गाजीपुर, आजमगढ़, जौनपुर और बाराबंकी में पहले से ही औद्योगिक गलियारे विकसित हो रहे हैं।

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