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स्टेट पी.सी.एस.

  • 18 Mar 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

हरदोई में प्रस्तावित मेगा टेक्सटाइल पार्क को मंजूरी

चर्चा में क्यों?

17 मार्च, 2023 को भारत सरकार ने वस्त्र उद्योग के लिये 7 पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम मित्र) पार्क स्थापित करने के लिये स्थलों की घोषणा की, जिसमें उत्तर प्रदेश का हरदोई ज़िला भी शामिल है।

प्रमुख बिंदु 

  • प्रदेश के हरदोई ज़िले में 1200 करोड़ की लागत से 1000 एकड़ में मेगा टेक्सटाइल पार्क बनने से वस्त्रोद्योग से जुड़े सारे कार्य व सुविधाएँ एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी। इससे प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपए के निवेश व लाखों लोगों को रोज़गार मिलने की उम्मीद है।
  • पीएम मित्र के तहत उत्तर प्रदेश के हरदोई ज़िले में बनने वाले पार्क का नाम संत कबीर पीएम मित्र टेक्सटाइल एंड अपैरल पार्क होगा। इसके लिये प्रदेश को पाँच अरब रुपए मिलेंगे।
  • उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने देश के सात राज्यों तमिलनाडु, तेलंगाना, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में पीएम मित्र (प्रधानमंत्री मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल) पार्क स्थापित करने की मंजूरी दी है।
  • इन 7 स्थलों को पीएम मित्र पार्कों के लिये 18 प्रस्तावों में से चुना गया था, जो 13 राज्यों से प्राप्त हुए थे। इसके लिये पात्र राज्यों और स्थलों का मूल्यांकन एक पारदर्शी चयन प्रणाली द्वारा किया गया था, जो कनेक्टिविटी, मौजूदा इकोसिस्टम, वस्त्र/उद्योग नीति, इंफ्रास्ट्रक्चर, उपयोगिता सेवाओं आदि जैसे विभिन्न प्रकार के कारकों को ध्यान में रखते हुए वस्तुनिष्ठ मानदंडों के आधार पर किया गया था।
  • इसके लिये पीएम गति शक्ति- बहु-राष्ट्रीय मास्टर प्लान के सत्यापन के लिये मोडल कनेक्टिविटी का भी उपयोग किया गया था।
  • केंद्र और राज्य सरकार के स्वामित्व वाली एक स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) प्रत्येक पार्क के लिये स्थापित की जाएगी, जिसमें 51 प्रतिशत अंश उत्तर प्रदेश सरकार का जबकि 49 प्रतिशत अंश भारत सरकार का होगा। एसपीवी परियोजना के कार्यान्वयन की निगरानी करेगी।
  • वस्त्र मंत्रालय पार्क एसपीवी को विकास के लिये पूंजीगत सहायता के तौर पर प्रति पार्क 500 करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
  • पीएम मित्र पार्क में इकाइयों का तेजी से कार्यान्वयन को प्रोत्साहित करने के लिये प्रति पार्क 300 करोड़ रुपए तक का प्रतिस्पर्धी प्रोत्साहन समर्थन (सीआईएस) भी प्रदान किया जाएगा। मास्टर डेवलपर और निवेशक इकाइयों को अतिरिक्त प्रोत्साहन सुनिश्चित करने के लिये भारत सरकार की अन्य योजनाओं के साथ सम्मिश्रण की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
  • प्रदेश में टेक्सटाइल पार्क को पीपीपी मोड पर विकसित किया जाएगा। हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग को इसके लिये नि:शुल्क भूमि उपलब्ध करा दी गई है। एसपीवी में अपर मुख्य सचिव, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग, उत्तर प्रदेश शासन को मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
  • इस पार्क से लगभग 1 लाख प्रत्यक्ष एवं 2 लाख परोक्ष रोज़गार सृजित होने की उम्मीद है।

उत्तर प्रदेश Switch to English

एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित होंगे प्रदेश के 5 बस अड्डे

चर्चा में क्यों?

16 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के बस अड्डों को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करेगी। इसके लिये पीपीपी मॉडल के तहत निजी डेवलपरों द्वारा पहले चरण में 23 बस अड्डों के विकास की योजना के तहत पाँच बस अड्डों के लिये चयन प्रक्रिया संपन्न की गई है। 

प्रमुख बिंदु 

  • इन पाँच बस अड्डों को एयरपोर्ट की तर्ज पर सँवारने के लिये उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) को 1000 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ है।
  • इस निवेश के माध्यम से इन पाँचों स्थानों पर 2000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर सृजित होने की संभावना है। जल्द ही बाकी बचे बस अड्डों के लिये भी निजी डेवलपरों के चयन की कार्रवाई होगी।
  • विभाग को फरवरी में समाप्त हुई बिड प्रक्रिया के माध्यम से निवेश के कई प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिसमें वे निवेशक भी शामिल हैं, जिन्होंने यूपीजीआईएस में प्रस्ताव दिये थे।
  • मुख्य सचिव की अगुवाई वाली कमेटी ऑफ सेक्रेटरीज और फिर कैबिनेट के अनुमोदन के बाद इस पर काम शुरू हो जाएगा। अनुमान है कि इस माह के अंत तक उन्हें अनुमति पत्र (एलओआई) जारी कर दिया जाएगा।
  • जिन पाँच बस अड्डों को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किये जाने के लिये डेवलपरों का चयन किया गया है, उनमें कौशांबी बस स्टेशन, लखनऊ का विभूति खंड बस स्टेशन, प्रयागराज का सिविल लाइंस बस स्टेशन, गाजियाबाद का पुराना बस स्टेशन और आगरा फोर्ट बस स्टेशन शामिल हैं।
  • इन बस स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिये ओमेक्स व एसपीजी बिल्डर्स समेत कई अन्य बिल्डर्स की बिड शामिल रही हैं। इनके माध्यम से जो निवेश प्रस्ताव मिले हैं उनके अनुसार कौशांबी बस स्टेशन में 245 करोड़, लखनऊ के विभूति खंड में 307 करोड़, प्रयागराज के सिविल लाइंस में 276 करोड़, पुराना गाजियाबाद बस स्टेशन में 114 करोड़ और आगरा फोर्ट बस स्टेशन में 22 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
  • प्रदेश में बस स्टेशन को अब बस अड्डा कहकर संबोधित नहीं किया जाएगा। अब ये एयरपोर्ट की तरह ही बस पोर्ट कहलाएंगे। परिवहन निगम ने विभागीय कामकाज में इस शब्द का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है।
  • इसमें पब्लिक अनाउंसमेंट की भी व्यवस्था होगी, जबकि वीआईपी लाउंज, कैफेटेरिया, फूड कोर्ट, शॉपिंग मॉल्स, वेटिंग एरिया, एस्केलेटर, लिफ्ट जैसी सुविधाएँ भी इसमें विकसित की जाएंगी।
  • विभाग की भूमि पर 30 प्रतिशत हिस्से में ये डेवलपर्स मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में इसका संचालन करेंगे। बाकी बचे 70 प्रतिशत स्थान पर बसों का आवागमन और पार्किंग रहेगी। इन बस पोर्ट के मेंटेनेंस का कार्य इन्हीं डेवलपर्स के पास होगा।
  • बस स्टेशनों के आधुनिकीकरण के अलावा एक अन्य श्रेणी में कैटेगरी में भी परिवहन निगम को निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। यह श्रेणी आईटी से संबंधित है।
  • रोडवेज के जीएम (आईटी) यजुवेंद्र कुमार ने बताया कि जिन कंपनियों ने इस श्रेणी में रुचि दिखाई है उनमें एक कंपनी पेटीएम भी है जो एनसीएमसी कार्ड लांच करना चाहती है। यह कार्ड मेट्रो के मंथली कार्ड जैसा होगा, जिससे बार-बार टिकट लेने की आवश्यक्ता नहीं होगी।       

राजस्थान Switch to English

राजस्थान में 19 नए ज़िले, 3 नए संभाग बनेंगे

चर्चा में क्यो?

17 मार्च, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के प्रत्युत्तर के दौरान प्रदेश में 19 नए ज़िले तथा 3 नवीन संभाग बनाने की घोषणा की।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणा के पश्चात् अब राज्य में 50 ज़िले और 10 संभाग हो गए हैं।
  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम, केकड़ी, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल, नीम का थाना, फलौदी, सलूंबर, सांचोर एवं शाहपुरा को ज़िला बनाने की घोषणा की गई। साथ ही उन्होंने बाँसवाड़ा, पाली एवं सीकर को संभाग बनाने की घोषणा की।
  • जयपुर ज़िले से अलग कर जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, दूदू और फलौदी ज़िला बनाया गया है।
  • जोधपुर ज़िले से अलग कर जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम और कोटपूतली-बहरोड़ ज़िला बनाया गया है।
  • इसी तरह श्री गंगानगर से अनूपगढ़, बाड़मेर से बालोतरा, अजमेर से ब्यावर और केकड़ी, भरतपुर से डीग, नागौर से डीडवाना-कुचामन सिटी, सवाई माधोपुर से गंगापुर सिटी, अलवर से खैरथल, सीकर से नीम का थाना, उदयपुर से सलूंबर, जालोर से सांचोर और भीलवाड़ा से अलग कर शाहपुरा को नया ज़िला बनाया गया है।
  • गौरतलब है कि नए ज़िलों की घोषणा 15 साल बाद की गई है। इससे पहले 26 जनवरी, 2008 को प्रतापगढ़ राजस्थान का 33वाँ ज़िला बना था। वहीं संभाग मुख्यालय की आखिरी घोषणा 18 साल पहले 2005 को हुई थी। 4 जून, 2005 को राजस्थान का 7वाँ संभाग भरतपुर को बनाया गया था।

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राजस्थान Switch to English

मुख्यमंत्री द्वारा की गई महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ

चर्चा में क्यो?

17 मार्च, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के प्रत्युत्तर के दौरान मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना के तहत प्रथम चरण में रक्षाबंधन पर्व से 40 लाख महिलाओं को नि:शुल्क स्मार्टफोन देने सहित कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ की।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में 19 नए ज़िले तथा 3 नवीन संभाग बनाने की घोषणा की।
  • मुख्यमंत्री द्वारा की गई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएँ-
    • महाकाल उज्जैन की तर्ज पर 100 करोड़ रुपए की लागत से गोविंद देव जी मंदिर, जयपुर का विकास किया जाएगा।
    • तीर्थराज पुष्कर के समग्र विकास हेतु पुष्कर विकास प्राधिकरण का गठन किया जाएगा।
    • बेणेश्वर धाम, डूंगरपुर के आगामी वर्ष में 100 करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाए जाएंगे।
    • केंद्र की सौभाग्य योजना समाप्त होने पर घरेलू विद्युत कनेक्शन से वंचित रहने वाले 2 लाख परिवारों को 1000 करोड़ रुपए की लागत से घरेलू कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाएंगे।
    • जल जीवन मिशन के तहत उदयपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ एवं राजसमंद ज़िलों के 8 कस्बों तथा 1473 गाँवों के 3 लाख परिवारों को 4674 करोड़ रुपए की लागत से हर घर जल कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाएंगे।
    • प्रदेश के आदिवासी एवं मरुस्थलीय क्षेत्रों में 250 से अधिक आबादी वाले राजस्व गाँवों को डामर सड़कों से चरणबद्ध रूप से जोड़ा जाएगा।
    • आगामी वर्ष में 75 करोड़ रुपए की लागत से कक्षा 8वीं तक के विद्यार्थियों के लिये ब्रिज कोर्स संचालित किये जाएंगे, ताकि कोरोनाकाल के दौरान हुए शैक्षणिक नुकसान की भरपाई की जा सके। इससे 70 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे।
    • स्कूली शिक्षा की सुविधा सुलभ कराने की दृष्टि से 500 प्राथमिक विद्यालयों का उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तथा 500 उच्च प्राथमिक विद्यालयों का उच्च माध्यमिक विद्यालयों का क्रमोन्नयन करने की घोषणा की गई। 400 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान, वाणिज्य एवं कृषि संकाय/विषय प्रारंभ किये जाएंगे।
    • शिक्षा विभाग की तर्ज पर मदरसों में अध्ययनरत बच्चों को 2 सेट नि:शुल्क यूनीफॉर्म उपलब्ध करवाए जाएंगे तथा साथ ही, 6843 शिक्षा अनुदेशक (मदरसा पैराटीचर्स) भर्ती किये जाएंगे।
    • कार्मिकों को मई 2023 से सेवानिवृत्ति के दिन ही समस्त पेंशन परिलाभों की स्वीकृति जारी की जाएगी। 75 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनर्स को पेंशन राशि में मूल वेतन पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त अलाउंस दिया जाएगा। 

मध्य प्रदेश Switch to English

राज्यपाल ने पंडित उद्धव दास मेहता पुरस्कार प्रदान किये

चर्चा में क्यो?

17 मार्च, 2023 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने पंडित उद्धवदास मेहता वैद्य शास्त्री आयुर्वेद सेवा सम्मान पुरस्कार वितरण समारोह में वर्ष 2017 से वर्ष 2021 तक कुल पाँच वर्षों के पुरस्कार प्रदान किये।

प्रमुख बिंदु 

  • वर्ष 2017 के लिये पंडित उद्धवदास मेहता वैद्य शास्त्री आयुर्वेद सेवा सम्मान पुरस्कार जयपुर के स्वर्गीय माधव सिंह बघेल को दिया गया जिसे उनके पुत्र अनिकेत बघेल ने प्राप्त किया।
  • वर्ष 2018 के लिये यह पुरस्कार शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय उज्जैन को दिया गया जिसे संस्थान के प्राचार्य जे.पी. चौरसिया ने प्राप्त किया।
  • वर्ष 2019 का पुरस्कार डॉ. रामविलास सोहगौरा को दिया गया।
  • वर्ष 2020 का पुरस्कार रानी दुल्लैया आयुर्वेद पी.जी. महाविद्यालय एवं चिकित्सालय भोपाल को दिया गया जिसे आर. डी. मेमोरियल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के चेयरमैन हेमंत चौहान ने प्राप्त किया।
  • वर्ष 2021 का पुरस्कार आरोग्य भारती, लोक न्यास भोपाल को दिया गया जिसे राष्ट्रीय सचिव सुनील जोशी ने प्राप्त किया।
  • पुरस्कार में एक लाख रुपए की राशि एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
  • गौरतलब है कि राज्य में प्रत्येक वर्ष यह सम्मान मध्य प्रदेश के उन व्यक्ति अथवा संस्था को दिया जाता है, जिन्होंने आयुर्वेद के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया हो, साथ ही जिन संस्थाओं एवं व्यक्तियों ने आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान एवं नवाचार किये हों।


मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश के धार में पीएम मित्र मेगा एकीकृत टेक्सटाइल पार्क होगा स्थापित

चर्चा में क्यो?

17 मार्च, 2023 को मध्य प्रदेश के औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगाँव ने बताया कि केंद्र सरकार ने देश के 7 राज्यों में पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क को मंजूरी दी है जिसमें से एक मध्य प्रदेश के धार ज़िले में स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • मेक इन इंडिया को बढ़ावा देते हुए केंद्र सरकार ने देश के 7 राज्यों में पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क को मंजूरी दी है। पीएम मित्रा मेगा टेक्सटाइल पार्क तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में स्थापित किये जाएंगे।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में ट्वीट करते हुए कहा है कि PM MITRA मेगा टेक्सटाइल पार्क 5F (फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फॉरेन) विजन के अनुरूप कपड़ा क्षेत्र को बढ़ावा देगा।
  • पीएम मोदी ने इसे मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड का बेहतरीन उदाहरण बताते हुए कहा कि पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क कपड़ा क्षेत्र के लिये अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचा प्रदान करेगा, करोड़ों का निवेश आकर्षित करेगा और लाखों रोज़गार पैदा करेगा।
  • औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगाँव ने कहा है कि 5F विजन से विदेशों तक हम अपने कपड़ा उद्योग का विस्तार कर सकेंगे। पूरी प्रक्रिया में पहले खर्च बढ़ता था और समय की बर्बादी भी होती थी, लेकिन अब एक ही जगह टेक्सटाइल पार्क होने पर इस पर रोक लगेगी।
  • पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क के जरिये कपड़ा संबंधी संपूर्ण कार्य यानी कपड़ा तैयार करने से लेकर उसके एक्सपोर्ट तक के सभी कार्य एक ही स्थान पर हो सकेंगे। इसमें लगभग 4425 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
  • यह निर्णय टेक्सटाइल सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने और रोज़गार के अनेक अवसर सृजित करने में मददगार साबित होगा। इससे 14 लाख रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। 

झारखंड Switch to English

पलामू में पावरलिफ्टिंग एसोसिएशन का गठन

चर्चा में क्यों?

15 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार भारत के प्राचीनतम खेलों में से एक पावरलिफ्टिंग के लिये पलामू के खेल प्रेमियों ने मिलकर राज्य के पलामू ज़िले में एक एसोसिएशन का गठन किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • एसोसिएशन का नाम पलामू डिस्ट्रिक्ट पावरलिफ्टिंग एसोसिएशन रखा गया है तथा पलामू डिस्ट्रिक्ट पावरलिफ्टिंग एसोसिएशन का अध्यक्ष आईपीएस अधिकारी संजय रंजन सिंह को मनोनीत किया गया है, जबकि आनंद कुमार सिंह बुचुन को उपाध्यक्ष, रथीन भद्रा को महासचिव, दीपक चैटर्जी बुई को संयुक्त सचिव, राजा बागची को कोषाध्यक्ष चुना गया।
  • पलामू डिस्ट्रिक्ट पावरलिफ्टिंग एसोसिएशन के गठन के बाद झारखंड पावर लिफ्टिंग एसोसिएशन ने इसे मान्यता दे दी है। अब ये संस्था स्वतंत्र रूप से अपने अधीन आने वाले खिलाड़ियों के लिये टूर्नामेंट के आयोजन से लेकर अन्य सुधारात्मक कार्य कर सकेगी।
  • पलामू डिस्ट्रिक्ट पावरलिफ्टिंग एसोसिएशन के महासचिव रथिन भद्रा ने बताया कि इस एसोसिएशन के अस्तित्व में आने से आज का युवा वर्ग, जो शारीरिक चर्चाओं को बहुत ज्यादा महत्त्व देते हैं और इस क्षेत्र में कुछ करना चाहते है, उन्हें एक संगठित मंच मिलेगा
  • एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय रंजन सिंह ने बताया की जल्द ही एसोसिएशन के तत्वावधान में पलामू डिस्ट्रिक्ट पावरलिफ्टिंग कंपीटीशन कराया जाएगा। इसके बाद झारखंड पावर लिफ्टिंग एसोसिएशन के साथ मिलकर नेशनल जूनियर व सब जूनियर कैटेगरी का टूर्नामेंट भी कराया जाएगा।

झारखंड Switch to English

मुख्यमंत्री ने ‘झारनियोजन पोर्टल’ का किया उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

17 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कक्ष में ‘झारनियोजन पोर्टल’का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • श्रम नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग की ओर से बनाए गए इस पोर्टल के माध्यम से सरकार नियोक्ता एवं रोज़गार ढूंढ रहे अभ्यर्थियों को प्लेटफार्म देने का प्रयास करेगी।
  • पोर्टल पर नियोक्ता अपने व्यवसाय एवं उससे संबंधित मानव बल के बारे में जानकारी साझा कर सकते हैं।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि नियोजन पोर्टल से निजी क्षेत्र में नियुक्ति की मॉनीटरिंग हो सकेगी। इसकी योजना पहले से लागू है पर वेब पोर्टल की कमी थी। अब यह बेहतर तरीके से हो सकेगा।
  • राज्य के बेरोज़गार युवक/युवतियों को स्थानीय स्तर पर रोज़गार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से झारखंड सरकार द्वारा राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम-2021 पारित किया गया है।
  • इसके अलावा अधिनियम के क्रियान्वयन से संबंधित नियमावली की अधिसूचना के उपरांत यह अधिनियम 12 सितंबर, 2022 से संपूर्ण झारखंड राज्य में प्रभावी है।
  • यह अधिनियम वैसे सभी प्रतिष्ठान, जो निजी क्षेत्र के हों एवं जहाँ 10 या 10 से अधिक कार्यबल कार्य कर रहे हैं, पर लागू होता है। ऐसे सभी प्रतिष्ठानों को इस पोर्टल पर अपना निबंधन करवाना है।
  • अधिनियम के प्रभावी होने की तिथि से वैसे सभी प्रतिष्ठान जिन पर यह अधिनियम लागू होता है, द्वारा यदि कोई रिक्ति निकाली जाती है, तो 40,000 रुपए वेतन तक के पदों की नियुक्ति में 75% स्थानीय को नियुक्त करना होगा। इस अधिनियम का लाभ उठाने के इच्छुक झारखंड के युवाओं को रोज़गार पोर्टल पर निबंधित होना होगा।
  • यदि स्थानीय कंपनियों द्वारा स्थानीय स्तर पर आवश्यक कौशल युक्त मानव बल की कमी के बारे में सूचित किया जाता है, तो सरकार द्वारा आवश्यक कौशल के संबंध में प्रशिक्षण दिलाकर स्थानीय युवाओं को योग्य बनाने का प्रावधान अधिनियम के अंतर्गत किया गया है।

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छत्तीसगढ़ Switch to English

भारतीय खेल प्राधिकरण ने छत्तीसगढ़ में 10 नए खेलो इंडिया सेंटर की स्वीकृति दी

चर्चा में क्यों?

17 मार्च, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रस्ताव पर भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा छत्तीसगढ़ में खेलो इंडिया स्कीम के तहत दस नए खेलो इंडिया लघु केंद्रों की स्थापना की मंजूरी दी गई है।

प्रमुख बिंदु 

  • जानकारी के अनुसार ये केंद्र अलग-अलग ज़िलों में एक-एक खेल के लिये खोले जाएंगे। छत्तीसगढ़ में अब खेलो इंडिया स्कीम के तहत कुल केंद्रों की संख्या 24 हो गई है।
  • भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा हॉकी, कुश्ती, फुटबाल, कबड्डी और तीरंदाजी के लिये खेलो इंडिया लघु केंद्र की मंजूरी दी गई है। इन केंद्रों की स्थापना के लिये भारतीय खेल प्राधिकरण वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगा।
  • विदित है कि छत्तीसगढ़ के खेल एवं युवा कल्याण विभाग संचालनालय ने विभिन्न खेलों की खेलो इंडिया सेंटर प्रारंभ करने का प्रस्ताव भारतीय खेल प्राधिकरण को भेजा था, जिसमें बस्तर में हॉकी, धमतरी में कुश्ती, जांजगीर चांपा में हॉकी, कोरबा में फुटबॉल, बलरामपुर में फुटबॉल, बेमेतरा में कबड्डी, दंतेवाड़ा में तीरंदाजी, महासमुंद में तीरंदाजी, मुंगेली में फुटबॉल तथा सूरजपुर में फुटबॉल खेल की नए खेलो इंडिया लघु केंद्र स्वीकृत किये गए हैं।
  • इससे पहले ज़िला नारायणपुर में मलखंभ, बीजापुर में तीरंदाजी, शिवतराई बिलासपुर में तीरंदाजी, गरियाबंद में वालीबॉल, सरगुजा में फुटबॉल, जशपुर में हॉकी एवं राजनांदगाँव में हॉकी की खेलो इंडिया लघु केंद्र खोलने की कार्यवाही प्रगति पर है।
  • अब तक पहले चरण के 7 ज़िलों में से प्रत्येक ज़िले को लघु केंद्र हेतु 7-7 लाख रुपए जारी किये जा चुके हैं। अन्य 7 स्वीकृत ज़िले बालोद में वेटलिफ्टिंग, बलौदाबाज़ार में फुटबॉल, दुर्ग में कबड्डी, कांकेर में खो-खो, रायपुर में वेटलिफ्टिंग, रायगढ़ में बैडमिंटन एवं सुकमा में फुटबॉल के लघु केंद्रों हेतु राशि भारतीय खेल प्राधिकारण द्वारा दिया जाना प्रक्रियाधीन है।
  • इस प्रकार राज्य के 24 ज़िलों में 24 खेलो इंडिया लघु केंद्र के माध्यम से खिलाड़ियों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा। प्रत्येक खेल के स्थानीय सीनियर खिलाड़ियों को सेंटर से जोड़ा जाएगा, उन्हें प्रशिक्षक के रूप में कार्य करने के लिये मानदेय भी दी जाएगी।
  • सभी खेलो इंडिया सेंटर्स में बालक एवं बालिका खिलाड़ियों का बराबर प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित की जाएगी। इन सेंटर्स को भारतीय खेल प्राधिकरण के पोर्टल में पंजीकृत किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ Switch to English

मंत्री परिषद की बैठक में लिये गए महत्त्वपूर्ण निर्णय

चर्चा में क्यो?

17 मार्च, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर स्थित समिति कक्ष में मंत्री परिषद की बैठक में महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।

प्रमुख बिंदु 

  • छत्तीसगढ़ मीडिया कर्मी सुरक्षा विधेयक- 2023 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
  • छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता-1959 में (संशोधन) विधेयक 2023 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
  • छत्तीसगढ़ नगरीय क्षेत्रों के आवासहीन व्यक्ति को पट्टाधृति अधिकार विधेयक-2023 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
  • छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक-2023 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
  • छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति का अनुमोदन किया गया।
  • छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य वेतन, भत्ते एवं पेंशन (संशोधन) विधेयक-2023 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
  • छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिये करीब 2500 करोड़ रुपए की विश्व बैंक परियोजना- चाक के क्रियान्वयन के लिये शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया तथा ऋण को अंतिम रूप से स्वीकृति प्रदान करने के लिये वित्त विभाग को अधिकृत किया गया है।
  • बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में सिल्वर मेडल प्राप्त कु. आकर्षी कश्यप, दुर्ग को उप पुलिस अधीक्षक (द्वितीय श्रेणी राजपत्रित) पद पर नियुक्ति प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
  • पुलिस मुख्यालय, छत्तीसगढ़, नवा रायपुर में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी का नवीन पद अस्थायी रूप से एक वर्ष की अवधि के लिये निर्मित किये जाने का निर्णय लिया गया। 

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड की नई पर्यटन नीति को मंजूरी

चर्चा में क्यों?

17 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में पर्यटन निवेश बढ़ाने के लिये सरकार ने नई पर्यटन नीति को मंजूरी दी है। इसमें पर्यटन क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन का लाभ लेने के लिये प्रोजेक्ट लागत की न्यूतनम सीमा पाँच करोड़ रुपए की गई है।

प्रमुख बिंदु

  • प्रदेश की नई पर्यटन नीति से निवेश को बढ़ावा देने के लिये नए पर्यटक स्थल विकसित किये जाएंगे। पर्यटन निवेश हेतु बनाई गई नीति के अंतर्गत प्रदेश के शहरों को तीन श्रेणियों में अलग किया गया है। इनमें पर्यटन की दृष्टि से अनछुए स्थलों पर निवेश करने पर सरकार की ओर से 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा।
  • इसके अलावा हेली टूरिज्म, कैरावान टूरिज्म, एडवेंचर, कैब ऑपरेटर (इलेक्ट्रिक वाहन) में निवेश पर 100 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इससे पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के साथ रोज़गार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
  • ये हैं शहरों की तीन श्रेणियाँ -
    • श्रेणी-ए: हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर, देहरादून, रानीखेत, अल्मोड़ा तहसील।
    • श्रेणी-बी: ज़िला अल्मोड़ा शेष क्षेत्र, देहरादून ज़िले की कालसी, चकराता और त्यूनी तहसील, बागेश्वर का गरुड़, पौड़ी ज़िले का कोटद्वार, लैंसडौन, यमकेश्वर और धूमाकोट तहसील, टिहरी गढ़वाल की धनौल्टी और नरेंद्रनगर तहसील।
    • श्रेणी-सी: उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर ज़िले का शेष क्षेत्र, पौड़ी और टिहरी ज़िले के वे शेष क्षेत्र जो श्रेणी-बी में शामिल नहीं हैं।
  • सरकार नई नीति के तहत श्रेणी के आधार पर पूंजी निवेश पर अनुदान देगी। इसमें श्रेणी-ए क्षेत्रों में 25 प्रतिशत अनुदान, श्रेणी-बी में चयनित क्षेत्रों में 35 फीसदी और श्रेणी-सी के क्षेत्रों के पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने पर 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा।
  • पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने पर स्टांप ड्यूटी में शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी। इसके अलावा, मार्केटिंग प्रमोशन, कौशल प्रशिक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन के लिये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। विदेशी पर्यटकों को आकर्षित के लिये हेली पर्यटन के लिये आकर्षक प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया गया।
  • हिलीयम, हॉट एयर बैलून, बिलिंप्स, कैब ऑपरेटर, हेलीकॉप्टर, वाटर प्लेन, कैरावान, मोटर हाउस, क्रूज बोट, हाउस बोट, क्रीड़ा नौका, एडवेंचर के लिये ट्रेकिंग, रॉक क्लाइबिंग, वाटर स्पोटर्स, वोट रेस, स्केटिंग, फिशिंग, एयरो स्पोटर्स, रोप-वे, कम से कम 15 कमरों का होटल और रिजॉर्ट, फ्लोटिंग रिजॉर्ट, हैरिटेज होटल, होटल एंड मोटल, स्पा हेल्थ रिजॉर्ट, वेलनेस रिजॉर्ट, टूरिस्ट रिजॉर्ट, आर्ट गैलरी, एज्यूमेंट पार्क आदि में निवेश करने पर वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा।

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