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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 15 Sep 2022
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उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम, 1901) संशोधन 2022 लागू

चर्चा में क्यों?

14 सितंबर, 2022 को उत्तराखंड राजस्व विभाग के अपर सचिव डॉ. आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकार ने गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम 1901) संशोधन 2022 लागू कर दिया है। अब नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत सहित सभी निकाय क्षेत्रों में पूर्व की भाँति ज़मीनों का दाखिल-खारिज हो सकेगा।

प्रमुख बिंदु

  • राज्यपाल की संस्तुति के बाद प्रमुख सचिव हीरा सिंह बोनाल की ओर से गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया।
  • उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम 1901) संशोधन 2022 के लागू हो जाने से प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में दाखिल-खारिज (म्यूटेशन या नामांतरण) का पेच दूर हो गया है।
  • गौरतलब है कि दिसंबर 2020 में हाईकोर्ट ने एक मामले में अहम आदेश पारित कर लैंड रेवेन्यू (एलआर) एक्ट में राजस्व विभाग के कार्यों को नगर निकाय की सीमा में म्यूनिसिपल कार्पोरेशन एक्ट, 1975 के तहत कराने के आदेश दिये थे। इसमें कहा गया था कि संविधान के अनुच्छेद 243 क्यू में नगर पंचायत, नगरपालिका, नगर निगम बनाने की प्रक्रिया तय की गई है, जबकि 1901 के लैंड रेवेन्यू एक्ट के अनुसार राजस्व अधिकारी ग्रामीण इलाकों के लिये हैं।
  • इसके बाद शहरी क्षेत्रों में भू-राजस्व संबंधी मामलों को लेकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। खासकर दाखिल-खारिज और भू-त्रुटि सुधार संबंधी मामलों का निपटारा नहीं हो पाने के कारण ये मामले लंबित होते चले गए।
  • अब पूर्व की भाँति राजस्व संबंधी मामले, दाखिल-खारिज और भूलेख संबंधी त्रुटि के लिये राजस्व विभाग के अधिकारियों को सक्षम प्राधिकारी बना दिया गया है।

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