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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 14 Nov 2022
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चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

12 नवंबर, 2022 को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के तत्वाधान में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अंतर्गत राज्य उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ के मुख्य न्यायाधिपति बिरेंद्र सिंह ने जयपुर स्थित राजस्थान उच्च न्यायालय के परिसर में वर्ष-2022 की चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत का संपूर्ण राजस्थान में शुभारंभ किया।

 प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर बिरेंद्र सिंह ने बताया कि लोक अदालतें, आपसी सामंजस्य व सहयोग से आमजन के विवादों का निपटारा करने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम हैं तथा लोक अदालत की बेंचों में पूर्व व सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अध्यक्षता में मामलों की सुनवाई की जाती है। पूर्व न्यायाधिपति के अनुभवों के लाभ से इन परिवादों का निपटारा आसान व सुलभ हो जाता है तथा लोक अदालत से आम जन को पूरी तरह से राहत मिलती है।
  • उन्होंने बताया कि जटिल मामलों के चलते न्यायालयों में लंबित प्रकरणों की संख्या अधिक हो गई है लेकिन लोक अदालत में आपसी समझौतों से मामले सुलझा लिये जाते हैं, जिससे न्यायालय का भार कम होगा। यह न्याय का सस्ता व सुलभ माध्यम है, जहाँ न किसी की हार होती है न किसी की जीत, बल्कि आपसी सामंजस्य से सफलता प्राप्त होती है।
  • उन्होंने बताया कि इस बार 480 बैंचों की स्थापना की गई है, जिनमें लगभग 6 लाख मुकदमों की सुनवाई की जाएगी तथा गत लोक अदालत में प्रकरणों के निस्तारण में पूरे देश में राजस्थान दूसरे स्थान पर रहा है। चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से यह प्रयास किया जाएगा कि अधिक से अधिक मामलों को निस्तारित कर राजस्थान प्रथम स्थान प्राप्त करे।
  • उल्लेखनीय है कि इस वर्ष की गत 3 राष्ट्रीय लोक अदालतों में अब तक कुल 24 लाख 86 हज़ार 693 प्रकरणों का निस्तारण आपसी राजीनामे से किया गया है।      
  • चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण के लिये राज्य भर से 5 लाख 45 हजार 721 मामलों को चिह्नित किया गया है और राज्यभर में कुल 480 लोक अदालत बैंचों का गठन किया गया है।
  • उच्च न्यायालय स्तर पर राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जयपुर द्वारा कुल 2017 मामले चिह्नित किये गए हैं और कुल 4 बैंचें गठित की गई हैं। इन बैंचों की अध्यक्षता भूतपूर्व न्यायाधिपति एसके गर्ग, न्यायाधिपति प्रशांत कुमार अग्रवाल, न्यायाधिपति बनवारी लाल शर्मा और न्यायाधिपति गोवर्धन बाढ़दार द्वारा की जा रही है।
  • ज्ञातव्य है कि लिटिगेंट्स की लोक अदालत तक पहुँच सुलभ कराने के लिये राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं रालसा के कार्यकारी अध्यक्ष एम एम श्रीवास्तव की प्रेरणा से लोक अदालत में रालसा- 22 ऑनलाइन लोक अदालत डिजिटल प्लेटफॉर्म का अनुप्रयोग कर लोक अदालत को डिजिटल स्वरूप प्रदान किया गया था। इसमें सुधार करते हुए इस प्लेटफार्म को और सरल बनाया गया है।
  • इसके अलावा इस बार लोक अदालत में प्रकरण रखवाने के लिये ‘न्याय रो साथी मोबाइल ऐप’ को भी जनसाधारण के लिये सुलभ कराया गया है और डोर स्टेप काउंसलिंग और ऑनलाइन वीडियो काउंसलिंग के माध्यम से लोक अदालत को लिटिगेंट्स के घर और द्वार तक पहुँचाया जा रहा है।

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राजस्थान डिजिफेस्ट एंड जॉब फेयर का समापन

चर्चा में क्यों?

13 नवंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर के राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय परिसर में राजस्थान डिजिफेस्ट एंड जॉब फेयर का समापन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • समापन समारोह के अवसर पर अशोक गहलोत ने राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल इंस्टीट्यूट का शिलान्यास करते हुए बताया कि यह इंस्टीट्यूट 672.45 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होगा, जिसमें विद्यार्थियों और स्टार्टअप्स सहित युवाओं को विश्वस्तरीय मंच मिलेगा।
  • इस अवसर पर उन्होंने राजस्थान स्टार्टअप नीति-2022 का विमोचन किया, जिससे प्रदेश में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन मिलेगा, रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे और निवेश क्षेत्र में भी विस्तार होगा। इसमें एससी-एसटी सहित हर वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया है।
  • मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों में उद्यमिता, कौशल विकास के लिये जोधपुर और पाली (वर्चुअल) में आई-स्टार्ट नेस्ट इंक्यूबेटर सेंटर का लोकार्पण भी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्कूल एंड रूरल इनोवेशन चैलेंज के विजेताओं को 41.15 लाख रुपए के प्रतीकात्मक चेक पुरस्कार के रूप में वितरित किये।
  • उल्लेखनीय है कि इससे पहले प्रदेश के जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर, भरतपुर तथा चूरू में इंक्यूबेटर सेंटर स्थापित हो चुके हैं।
  • मुख्यमंत्री ने समारोह में प्रदेश के 12 स्टार्टअप्स को 1 करोड़ रुपए की फंडिंग भी वितरित की। उल्लेखनीय है कि आई-स्टार्ट के तहत अभी 3000 से अधिक स्टार्टअप्स रजिस्टर्ड हैं, जिसमें इन्हें 30 करोड़ रुपए की राशि वितरित की गई, जिससे प्रदेश में 200 करोड़ रुपए तक का निवेश आया और 21 हज़ार से अधिक लोगों को रोज़गार मिला है।
  • उन्होंने बताया कि जोधपुर में तीन दिवसीय जॉब फेयर में 23 हजार से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया। इसमें विभिन्न कंपनियों द्वारा रोज़गार के लिये 3500 से अधिक युवाओं का चयन किया गया है। यहाँ 9200 से अधिक युवाओं को शॉर्टलिस्ट भी किया गया है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। इस फेयर में युवाओं को लाखों रुपए के पैकेज भी दिये गए हैं।
  • सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा ने डिजिफेस्ट-2022 के बारे में बताया कि जोधपुर में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार की अपार संभावनाएँ हैं और स्टार्टअप्स के क्षेत्र में सरकार की दूरगामी सोच और नवाचारों से राजस्थान के युवाओं ने देश-दुनिया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। 

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