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बिहार में अवैध खनन
चर्चा में क्यों?
सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपना ध्यान बिहार में खनन माफिया की ओर केंद्रित किया, जहाँ कथित तौर पर बड़े सिंडिकेट अवैध रेत खनन में शामिल हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है और राज्य के खज़ाने/एक्सचेकर को भारी नुकसान हो रहा है।
मुख्य बिंदु:
- पिछले आठ महीनों में ही ED ने यह साबित कर दिया है कि अवैध रेत खनन से बिहार सरकार को 400 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान हुआ है।
- ED की जाँच के तहत पहला मामला जनता दल-यूनाइटेड (JD-U) MLC राधा चरण साह से संबंधित है, जिन्हें एजेंसी ने सितंबर 2023 में गिरफ्तार किया था।
- दूसरा मामला एक कंपनी आदित्य मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशक जग नारायण सिंह तथा सतीश कुमार सिंह से संबंधित है।
 
- इससे पहले ED पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ में अवैध रेत या कोयला खनन मामलों की जाँच कर चुकी है।
रेत खनन
- परिचय:
- रेत खनन को बाद के प्रसंस्करण के लिये मूल्यवान खनिजों, धातुओं, पत्थर, रेत और बजरी को निकालने के लिये प्राकृतिक पर्यावरण (स्थलीय, नदी, तटीय या समुद्री) से प्राथमिक प्राकृतिक रेत तथा रेत संसाधनों (खनिज रेत और समुच्चय) को हटाने के रूप में परिभाषित किया गया है।
- विभिन्न कारकों से प्रेरित यह गतिविधि पारिस्थितिक तंत्र और समुदायों के लिये गंभीर खतरा उत्पन्न करती है।
 
- भारत में रेत खनन को रोकने की पहल:
- खान और खनिज विकास तथा विनियमन अधिनियम, 1957 (MMDR):
- खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (MMDR अधिनियम) के तहत रेत को "लघु खनिज" के रूप में वर्गीकृत किया गया है तथा लघु खनिजों पर प्रशासनिक नियंत्रण राज्य सरकारों के अधीन है।
- MMDR अधिनियम, 1957 में संशोधन के लिये खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 हाल ही में संसद द्वारा पारित किया गया था।
 
- पर्यावरण प्रभाव आकलन, 2006 (EIA):
- भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि सभी रेत खनन संग्रहण गतिविधियों (5 हेक्टेयर से कम क्षेत्रों में भी) के लिये अनुमोदन आवश्यक है।
 
- सतत् रेत खनन प्रबंधन दिशा-निर्देश, 2016 (SSMG):
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा जारी, इन दिशा-निर्देशों के मुख्य उद्देश्यों में पर्यावरण की दृष्टि से सतत् तथा सामाजिक रूप से ज़िम्मेदारीपूर्ण खनन, पारिस्थितिक तंत्र की सुरक्षा व बहाली द्वारा नदी संतुलन एवं उसके प्राकृतिक पर्यावरण का संरक्षण शामिल है।
 
- रेत खनन हेतु प्रवर्तन और निगरानी दिशानिर्देश 2020:
- ये दिशा-निर्देश पूरे भारत में रेत खनन की निगरानी के लिये एक समान प्रोटोकॉल प्रदान करते हैं।
 
 
- खान और खनिज विकास तथा विनियमन अधिनियम, 1957 (MMDR):
प्रवर्तन निदेशालय (ED)
- प्रवर्तन निदेशालय (ED) एक बहु-अनुशासनात्मक संगठन है जो मनी लॉन्ड्रिंग (अवैध धन को वैध करना) के अपराधों और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन की जाँच करता है।
- यह वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन कार्य करता है।
 
- भारत सरकार की एक प्रमुख वित्तीय जाँच एजेंसी के रूप में ED भारत के संविधान और कानूनों के सख्त अनुपालन में कार्य करता है।

 
             
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